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#Kashi_Tamil_Sangamam :तमिलनाडु के साहित्यकारों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी
वाराणसी । ‘काशी तमिल संगमम’ में भाग लेने के आये तमिलनाडु के तीसरे जत्थे ने गुरूवार अपरान्ह में काशीपुराधिपति के दरबार में हाजिरी लगाई। दल में आये श्रद्धालुओं और साहित्यकारों का मंदिर परिसर में पुष्प वर्षा और डमरू वादन कर स्वागत किया गया।धाम में दर्शन पूजन के पहले मेहमानों को गंगा द्यार से मां गंगा का दर्शन कराया गया। इसके बाद उन्हें मंदिर चौक के रास्ते बाबा के दरबार में पहुंचाया गया। दल में आये श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ धाम की भव्यता को निहारा इसके बाद बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया। इस दौरान मंदिर परिसर हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से गुंजायमान रहा।
मंदिर से जुड़े अफसरों ने सभी दर्शनार्थियों को भवन के बारे में जानकारी दी। इसके सभी मां विशालाक्षी मंदिर भी गए और वहां माता का आशीर्वाद लिया। उसके बाद मंदिर के भोगशाला में बने दक्षिण भारतीय व्यंजनों का प्रसाद ग्रहण किया। काशी में आये साहित्यकारों के दल को काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव और श्री संकट मोचन मंदिर में दर्शन पूजन कराया जायेगा। उसके उपरांत शाम को होने वाले गंगा आरती के लिए इन सभी मेहमानों को रविदास घाट स्थित क्रूज़ के द्वारा बनारस के घाटों का दर्शन कराते हुए गंगा आरती दिखाई जाएगी।
Kashi Tamil Sangmam:तमिलनाडु से आये तीसरे जत्थे का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया
‘काशी तमिल संगमम’ में भाग लेने के लिए तमिलनाडु से तीसरा जत्था भी वाराणसी पहुंच चुका है। तीसरे जत्थे में तमिल साहित्यकार भी शामिल हैं।तमिलनाडु से आया तीसरा जत्था बुधवार देर शाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन (मुगलसराय स्टेशन) पर पहुंचा तो चंदौली जिलाधिकारी ईशा दुहन और एसपी ने स्टेशन पर उनकी अगवानी पुष्पवर्षा के बीच की। स्टेशन पर रेलवे प्रशासन और चंदौली जिला प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने काशी की संस्कृति के अनुसार तिलक लगाया। दल का डमरू और ढोल बजाकर स्वागत किया गया। समागम में आये यात्री इस अनोखे अंदाज से हुए स्वागत से आह्लादित दिखे।
जिलाधिकारी ईशा दुहन ने बताया कि इस दल में 216 लोग आये हुए हैं, जिन्हें वाराणसी वातानुकूलित बस से भेजा गया है। इस दल में साहित्य से जुड़े लोग शामिल हैं। ‘काशी तमिल संगमम’ में हिस्सा लेने के लिए पहले दल के रूप में छात्रों का और दूसरे दल के रूप में शिल्पकारों का वाराणसी आगमन हो चुका है। तीसरे जत्थे में आये साहित्यकार गुरूवार को एकेडमिक सत्र में भाग लेने के पहले हनुमान घाट-केदारघाट पर गंगा स्नान के बाद श्री काशी विश्वनाथ में दर्शन, सारनाथ भ्रमण, गंगा आरती में भाग लेने के साथ गंगा में नौकायन करेंगे।(हि.स.)।