
केंद्रीय बजट आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता एक कदम : डॉ. सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा संगोष्ठी में केंद्रीय बजट पर की चर्चा, गिनाईं भाजपा सरकार की उपलब्धियां.कहा-रक्षा क्षेत्र की ऐतिहासिक बढ़ोतरी, डिजिटल लेनदेन पर दिया गया जोर.
वाराणसी : काशी की पावन नगरी जहां सदा सर्वदा लोग ज्ञान ग्रहण करने आते हैं उचित तो ये होता कि यहां श्रवण किया जाए, वाचन न किया जाए। परंतु पार्टी का आदेश है तो केंद्रीय बजट 2025-26 पर कुछ तथ्य प्रस्तुत करुंगा। उक्त बातें भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्य सभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कमिश्नरी सभागार में बजट पर आयोजित संगोष्ठी में प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए कही।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस समय दो अवसरों के सुंदर समन्वय का समय है। प्रयागराज में महाकुंभ का अंतिम चरण चल रहा है जो भारतीय संस्कृति की महानता, आध्यात्मिकता, और वैचारिकता का प्रतीक है। वहीं दूसरी ओर काशी में शिवरात्रि का पावन पर्व आने वाला है। और ये दोनों चीजें एक सुखद संयोग बना रहे हैं। कहा कि जो लोग ये कहते है कि कुंभ से अर्थव्यवस्था का क्या संबंध है तो मैं उन्हें बताना चाहुंगा कि अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ का योगदान कुंभ का है। भारत की जीडीपी में अकेले एक प्रतिशत का योगदान कुंभ का है। कहा कि दिसम्बर 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में काशी विश्वनाथ कारीडोर बना।
कारिडोर बनने के पहले 2021 में 30 लाख 78 हजार पर्यटक या तीर्थयात्री काशी आए और कारिडोर बनने के बाद 2024 तक 11 करोड़ पर्यटक या तीर्थयात्री काशी आए जिसका सीधा लाभ अर्थव्यवस्था को मिला। कहा कि आजादी के बाद से 2023 तक पर्यटक आगरा का ताजमहल देखने आते थे और 2024 में अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद साढ़े तेरह करोड़ पर्यटक या तीर्थयात्री अयोध्या दर्शन के लिए पहुंचे।डॉ. त्रिवेदी ने बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि जन-धन योजना के तहत 54 करोड़ खाते खोले गए हैं, जिनमें 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा है। उन्होंने मुद्रा लोन और स्टार्टअप इंडिया योजनाओं की भी सराहना की, जिससे युवाओं और छोटे व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे और बंदरगाहों के विकास को गति मिलेगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे देश की चिकित्सा सुविधाएं सुदृढ़ होंगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।
डॉ. त्रिवेदी ने रक्षा बजट में 13-14% की वृद्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम है। उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के उस बयान को याद किया जिसमें कहा गया था कि चीन की सीमा पर सड़कें नहीं बनाई जा सकतीं। भाजपा सरकार ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया और चीन सीमा पर 40 किमी तक सड़कों का निर्माण किया। आज भारत रक्षा उत्पादों का 23,000 करोड़ रुपये का निर्यात कर रहा है, जिसमें फिलीपींस और इंडोनेशिया को मिसाइलों की आपूर्ति शामिल है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारों का विकास किया गया है।
डिजिटल लेनदेन में भारत शीर्ष पर
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा डिजिटल लेनदेन को लेकर व्यक्त की गई शंकाओं का उल्लेख करते हुए डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि आज भारत डिजिटल लेनदेन में विश्व में अग्रणी है। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल लेनदेन का 48% भारत में हो रहा है, जो अमेरिका और चीन से अधिक है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने जयपुर में एक चाय विक्रेता को यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया, जबकि जापान के प्रधानमंत्री ने दिल्ली के खान मार्केट में इसी तकनीक का उपयोग किया। फ्रांस ने हाल ही में आयोजित एआई समिट में यूपीआई को अपनाने पर सहमति जताई है।
आर्थिक सुधार और कर ढांचा
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कर ढांचे को सरल बनाया है। उन्होंने एक्साइज ड्यूटी की 15 श्रेणियों को घटाकर 7 कर दिया और आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर अधिनियम 1961 में व्यापक बदलाव के लिए एक नया विधेयक लाया जाएगा, जिससे करदाताओं को अधिक लाभ मिलेगा। पूंजीगत लाभ कर को घटाकर 12.5% कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाओं पर एक्साइज ड्यूटी समाप्त कर दी है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।
अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि 1970-80 के दशक में भारत की विकास दर मात्र 2% थी, जिसे ‘हिंदू ग्रोथ रेट’ कहकर उपहास उड़ाया जाता था। 1974 में महंगाई दर 26% थी, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। उन्होंने कहा कि 1992 में राम मंदिर आंदोलन के साथ ही नेहरूवादी समाजवाद का अंत हुआ। उस समय देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी, महंगाई 17% थी और सरकार को सोना गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन जब हिंदुत्ववादी सरकार सत्ता में आई तो विकास दर में वृद्धि हुई और महंगाई नियंत्रित हुई।
पीएम मोदी के नेतृत्व में नया भारत
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने स्वच्छता, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है। नया संसद भवन बना, जिसमें पहला प्रस्ताव ‘नारी वंदन अधिनियम’ पारित किया गया। उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। कुछ ताकतें आज भी देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमें भरोसे के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और स्वर्णिम भविष्य हमारा इंतजार कर रहा है।
संगोष्ठी का शुभारम्भ पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ
स्वागत भाषण क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल ने किया ।कार्यक्रम का संयोजन नवीन कपूर एवं प्रवीण सिंह गौतम ने किया। गोष्ठी का संचालन महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने किया।
इनकी रही उपस्थिति
काशी क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल,जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा,महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी,अनिल श्रीवास्तव,संतोष सोलापुरकर, नंदजी पाण्डेय, नवीन कपूर, प्रवीण सिंह गौतम,जगदीश त्रिपाठी, संजय सोनकर, सुरेश सिंह, सुरेंद्र पटेल अरविंद पटेल , अजय सिंह मुन्ना, आर पी कुशवाहा, पूजा दीक्षित,डॉ रचना अग्रवाल,मंजू सिंह, पार्षद संजय जायसवाल,शैलेन्द्र मिश्रा,मंडल अध्यक्ष गण सहित विभिन्न वर्ग के प्रबुद्धजनों ने भाग लिया।
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