
वैश्विक बाजारों की अस्थिरता का सेंसेक्स-निफ्टी पर रहेगा असर
मुंबई : विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर लगातार जारी बिकवाली से बीते सप्ताह आधी फीसदी से अधिक लुढ़के सेंसेक्स और निफ्टी पर अगले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ योजना से वैश्विक बाजार की अस्थिरता, विदेशी निवेशकों का रुख और कंपनियों के तिमाही परिणाम का असर रहेगा।बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 628.15 अंक अर्थात् 0.83 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 75311.06 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 133.35 अंक यानी 0.6 प्रतिशत कमजोर रहकर 22795.90 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझाैली और छोटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली होने से तेजी का रुख रहा। मिडकैप 642.23 अंक अर्थात 1.62 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 40374.02 अंक और स्मॉलकैप 444.75 अंक यानी 0.98 प्रतिशत की मजबूती के साथ 45856 अंक पर पहुंच गया।विश्लेषकों के अनुसार, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी गई है। यह तनाव भारतीय बाजारों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। साथ ही पिछले सप्ताहों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली देखी गई है, जिससे बाजार में दबाव बना है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है तो आगे भी सेंसेक्स और निफ्टी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
एफआईआई फरवरी 2025 में अबतक कुल 36976.70 करोड़ रुपये बाजार से निकाल चुके हैं।इनके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक संकेतकों में बदलाव भी घरेलू बाजारों पर प्रभाव डाल सकते हैं। निवेशकों को वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रखनी चाहिए। साथ ही स्थानीय स्तर पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। अगले सप्ताह में प्रमुख कंपनियों स्पाइस जेट, आईजीआईएल समेत कई कंपनियों के तिमाही परिणाम बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।बीते बाजार में सप्ताह सोमवार की तेजी को छोड़कर अन्य चार दिन गिरावट का रुख रहा।
विश्व बाजार की तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, हेल्थकेयर, यूटिलिटीज, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और सर्विसेज समेत ग्यारह समूहों में हुई लिवाली से सोमवार को शेयर बाजार न केवल शुरुआती बल्कि पिछले लगातार आठ दिनों की गिरावट से उबरने में कामयाब हुआ। सेंसेक्स 57.65 अंक की बढ़त के साथ 75,996.86 अंक और निफ्टी 30.25 अंक मजबूत होकर 22,959.50 अंक पर बंद हुआ।विदेशी बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीसीएस, टाटा मोटर्स और एसबीआई समेत पंद्रह दिग्गज कंपनियों मे हुई बिकवाली से सोमवार को पिछले लगातार आठ दिनों की गिरावट से उबरा शेयर बाजार मंगलवार को फिर गिर गया। सेंसेक्स 29.47 अंक गिरकर 75,967.39 अंक और निफ्टी 14.20 अंक फिसलकर 22,945.30 अंक पर आ गया।
वैश्विक बाजार की गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर टीसीएस, इंफोसिस, भारती एयरटेल, मारुति और अडानी पोर्ट्स समेत 17 दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 28.21 अंक उतरकर 75,939.18 अंक और निफ्टी 12.40 अंक फिसलकर 22,932.90 अंक पर बंद हुआ।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ योजना से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने की आंशका में एशियाई बाजारों की भारी गिरावट के असर से स्थानीय स्तर पर एचडीएफसी बैंक, मारुति, एचसीएल टेक, आईसीआईसीआई बैंक और टीसीएस समेत 17 दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 203.22 अंक लुढ़ककर 75,735.96 अंक और निफ्टी 19.75 अंक उतरकर 22,913.15 अंक पर रहा।
अमेरिका की संभावित जवाबी टैरिफ और विदेशी निवेशकों की लगातार जारी बिकवाली को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण शुक्रवार को अंतिम कारोबारी दिवस को शेयर बाजार में चौथे दिन भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। सेंसेक्स 424.90 अंक का गोता लगाकर 75,311.06 अंक और निफ्टी 117.25 अंक कमजोर रहकर 22,795.90 अंक पर बंद हुआ। (वार्ता)
भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में नीत नई उंचाईयों को छू रहा: मोदी