उत्तर प्रदेश में सभी मंडलों पर स्थापित होंगे दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (डीडीआरसी) स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इन केंद्रों में चिकित्सा, परामर्श, प्रशिक्षण, कृत्रिम अंग, उपकरण वितरण और यूडीआईडी सेवाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। यह पहल दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को गति देने में मील का पत्थर बनेगी।
- दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये ऐतिहासिक फैसला : नरेंद्र कश्यप
लखनऊ । दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 02 दिसंबर को प्रदेश कैबिनेट ने प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (डीडीआरसी) स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री, नरेंद्र कश्यप ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार की कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो कि दिव्यांगजनों के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और उनके सशक्तिकरण के लिए सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता की परिचायक है।
डीडीआरसी केंद्रों की स्थापना के लिए रूपरेखा निर्माण शुरू
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री, नरेंद्र कश्यप ने बताया कि कैबिनेट के फैसले को अमल में लाने के लिए विभाग के अधिकारियों ने कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस क्रम मई विचार किया जा रहा है की प्रत्येक डीडीआरसी केंद्र पर कम से कम 8 तकनीकी अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। ये अधिकारी दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान, परामर्श, उपचार एवं पुनर्वास का कार्य करेंगे। साथ ही डीडीआरसी केंद्रों के माध्यम से बचपन से किसी भी उम्र तक के दिव्यांगजन की दिव्यांगता का पता लगाकर उसका समाधान कराया जाएगा। डीडीआरसी केंद्रों के पारर्दर्शी क्रियान्वयन के लिए डिजिटल पंजीकरण प्रणाली और ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम को भी लागू किया जाएगा। जिससे दिव्यांगजनों की समस्या का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे डीडीआरसी केंद्र
कैबिनेट निर्णय का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सभी 18 मंडलों पर दिव्यांगजनों को एक ही छत के नीचे चिकित्सा, शिक्षा, मनोवैज्ञानिक परामर्श, व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करना है। वर्तमान में प्रदेश के 11 मंडल मुख्यालयों पर डीडीआरसी पहले से ही संचालित हैं। इस निर्णय के तहत मौजूदा केंद्रों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा एवं शेष मंडल मुख्यालयों पर नये पुनर्वास केंद्र खोले जाएगें। प्रत्येक डीडीआरसी केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कृत्रिम अंग व ऑर्थोटिक सहायता, उपकरण वितरण तथा यूडीआईडी (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी) कार्ड निर्माण जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। डीडीआरसी केंद्रों में न केवल दिव्यांगजनों की जरूरी सुविधांए उपलब्ध करवाई जाएगी, साथ ही उन्हें व्यावसायिक कौशल सिखाकर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश सरकार की ये पहल सीएम योगी आदित्यनाथ के समावेशी विकास के विजन को साकार करने और दिव्यांग सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका निभाने में मील का पत्थर साबित होगी।
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