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प्रदेश में लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार

‘विश्‍वकर्मा श्रम सम्‍मान योजना’ एवं ‘एक जनपद-एक उत्‍पाद’ योजनाओं के अंतर्गत कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ प्रदान की जा रही टूलकिट

  • शीतकालीन सत्र में योगी सरकार के मंत्रियों ने सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का दिया लिखित जवाब
  • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ में 50 लाख तक की परियोजनाओं में लागत का 15 से 35 प्रतिशत तक मिल रहा अनुदान
  • ‘मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना’ में 25 लाख रुपए तक की परियोजनाओं में 25 प्रतिशत तक अनुदान की व्‍यवस्‍था

लखनऊ । योगी सरकार अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों के माध्‍यम से प्रदेश में लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्‍थापना को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश भर में सरकार द्वारा विभिन्‍न प्रोत्‍साहनात्‍मक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विधान सभा शीतकालीन सत्र के दौरान इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में योगी सरकार के सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने इसकी लिखित में जानकारी दी।

विभिन्न योजनाओं में है अनुदान की व्यवस्था

इसमें उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ में परियोजना लागत 50 लाख रुपए तक की परियोजनाओं की स्‍थापना में परियोजना लागत का 15 से 35 प्रतिशत तक,  ‘मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना’ में 25 लाख रुपए तक की परियोजनाओं हेतु 25 प्रतिशत तक अनुदान की व्‍यवस्‍था है। इसी प्रकार ‘एक जनपद एक उत्‍पाद’ के अंतर्गत वित्‍त पोषण योजना में परियोजना लागत का 10 से 25 प्रतिशत तक का अनुदान अधिकतम 20 लाख रुपए की सीमा तक उपलब्‍ध कराए जाने की व्‍यवस्‍था है। ‘विश्‍वकर्मा श्रम सम्‍मान योजना’ एवं ‘एक जनपद-एक उत्‍पाद’ योजनाओं के अंतर्गत कौशल विकास एवं टूल-किट वितरण के माध्‍यम से पारम्‍परिक उत्‍पादों से जुड़े कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करते हुए आधुनिक टूलकिट उपलब्‍ध कराई जाती है।

आरक्षण की भी है व्यवस्था

उन्होंने बताया कि भारत सरकार की योजना ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ के अन्‍तर्गत अनुसूचित जाति हेतु 20.70 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति हेतु 0.57 प्रतिशत लक्ष्‍य निर्धारित किए जाने की व्‍यवस्‍था है। मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना में सामान्‍य श्रेणी के लाभार्थियों हेतु परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अपने पास से लगाना होता है, वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्‍य पिछड़ा वर्ग, अल्‍पसंख्‍यक, महिला एवं विकलांग जन हेतु परियोजना लागत का मात्र 5 प्रतिशत अंशदान अपने पास से लगाना होता है। ‘एक जनपद एक उत्‍पाद’ वित्‍त पोषण  योजना विभिन्‍न श्रेणी के स्‍थानीय उत्‍पादों को बढ़ावा देने व विश्‍वकर्मा श्रम सम्‍मान योजना विभिन्‍न श्रेणी के पारम्‍परिक कारीगरों को बढ़ावा देने के लिये लागू की गई है।

2022-2023 में 15 लाख से ज्यादा पिछड़ा वर्ग छात्रों को मिली छात्रवृत्ति

पिछड़ा वर्ग कल्याण से संबंधी एक प्रश्न का जवाब देते हुए विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि वित्‍तीय वर्ष 2022-2023 में दशमोत्‍तर छात्रवृत्ति, शुल्‍क प्रतिपूर्ति योजनान्‍तर्गत अन्‍य पिछड़ा वर्ग के 2344689 आवेदन प्राप्‍त हुए। प्राप्‍त आवेदनों के सापेक्ष 1596455 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि वित्‍तीय वर्ष 2022-23 के बजट प्रावधान 1450 करोड़ के सापेक्ष वर्तमान वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में 1850 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।

प्रदेश के अंदर और बाहर अध्ययनरत पात्र छात्रों को की जा रही शुल्क प्रतिपूर्ति

एक प्रश्न के लिखित जवाब में समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश के अन्‍दर समस्‍त मान्‍यता, सम्‍बद्धता प्राप्‍त शिक्षण संस्‍थानों तथा प्रदेश के बाहर राजकीय एवं अनुदानित शिक्षण संस्‍थानों में अध्‍ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्‍य वर्ग के छात्रों को नियमावली के नियमों के अधीन शुल्‍क प्रतिपूर्ति प्रदान की जा रही है। वित्‍तीय वर्ष 2022-23 के लम्बित 36607 अनुसूचित जाति छात्रों को शुल्‍क प्रतिपूर्ति प्रदान की गई है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में अध्‍ययनरत छात्रों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है, पात्र एवं सही डाटा वाले छात्रों को मार्च, 2024 में धनराशि प्रदान की जाएगी।

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