
बिरयानी के रेट को लेकर भिड़े दुकानदार व छात्र
दुकानदार, उनकी मां व कई कर्मी चोटिल.पुलिस की मौजूदगी में छात्रों ने किया पथराव.स्थानीय दुकानदारों ने लाठी-डंडे लेकर खदेड़ा
वाराणसी। इंग्लिशिया लाइन स्थित बिरयानी की दुकान पर रेट को लेकर बवाल इतना बढ़ा कि पुलिस की मौजूदगी में ही छात्रों ने पथराव कर दिया जिससे काफी लोग चोटिल हो गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात्रि इंगलिशिया लाइन स्थित एक बिरयानी की दुकान पर विद्यापीठ के कुछ छात्र बिरयानी लेने पहुंचे। इसी दौरान रेट के लेकर कर्मियों से उनकी कहासुनी हो गयी। इसी दौरान छात्र दुकान में तोड़फोड़ के साथ ही कर्मियों से मारपीट करने लगे। विवाद बढ़ते देख बीचबचाव को आये दुकान मालिक रिजवान को भी उन्होंने पीट दिया। आवाज सुनकर उनकी मां जब बाहर आयीं और घटना के बाबत जानकारी करने लगी तो उपद्रवियों ने उन्हें भी काफी चोट पहुंचायी।
सूचना पर मय फोर्स चौकी इंचार्ज (रोडवेज) बृजेश सिंह व सिगरा थाने से फोर्स पहुंची तो छात्र वहां से भाग गये लेकिन कुछ देर बाद लगभग 50 की संख्या में फिर वहां पहुंचे। जब पुलिस ने उनको खदेड़ने का प्रयास किया तो छात्रों ने पुलिस की मौजूदगी में पथराव कर दिया। ऐसे में स्थानीय दुकानदारों ने लाठी-डंडे लेकर छात्रों को दौड़ाया। तब जाकर कहीं मामला थमा।
इस मामले की मेहरुन्निसा ने पुलिस से लिखित शिकायत की है। ऐसे में छात्रों की गिरफ्तारी तो नहीं हो सकी है लेकिन पुलिस घटनास्थल पर छूटी कुछ बाइकें थाने लायी है। घटना के सम्बंध में इंस्पेक्टर-सिगरा का कहना है कि सीसी फुटेज के आधार पर मामले की जांचकर कार्रवाई की जायेगी।
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वाराणसी। गोरखपुर से वाराणसी के लिए चले गुरुदासपुर-पंजाब निवासी व वर्तमान में मंगलौर-कर्नाटक निवासी सेवानिवृत्त अधिकारी मोहित गुप्ता का बैग यात्रा के दौरान बीच में कोई अन्य यात्री लेकर उतर गया। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने बस कंडक्टर से शिकायत की तो उन लोगों ने खोजबीन के बाद बताया कि बीच में ही कोई यात्री आपका सामान लेकर उतर गया। अब हमें यह ध्यान नहीं है कि वह अपना बैग लेकर उतरा या आपका। उन लोगों ने उन्हें वाराणसी लाकर उतार कर कहा कि आप पुलिस में इसकी शिकायत करें।
ऐसे में उन्होंने सिगरा थाने पहुंचकर इंस्पेक्टर क्राइम क्राइम को घटना के बाबत जानकारी दी और कहा कि उस बैग में एक आईफोन जिसकी कीमत लगभग पौने दो लाख, एक अन्य मोबाइल व क्रेडिट कार्ड तथा नगद रुपये व कपड़े थे। इंस्पेक्टर ने उनसे लिखित तहरीर लेकर जांच करने की बात कही। इसी बीच समाजसेवी चेतना उपाध्याय को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने थाने पहुंचकर भुक्तभोगी को यात्रा व्यय को 5000/- रुपये दिये व कपड़े खरीदवाकर गन्तव्य की ओर रवाना किया।