
तुर्की और चीन आतंकवाद को लेकर साफ रूख अपनाएं, भारत ने दी नसीहत
पाकिस्तान से कोई भी संपर्क द्विपक्षीय ही होगा: भारत.विदेश सचिव मिसरी टोक्यो में जापान के अधिकारियों से मिले, दोनों पक्ष आतंकवाद के खिलाफ संकल्पबद्ध
नयी दिल्ली : भारत ने तुर्की और चीन को आतंकवाद को लेकर साफ रूख अपनाने का आग्रह करते हुए गुरुवार को नसीहत दी कि देशों के बीच संबंध परस्पर सम्मान, आपसी विश्वास तथा एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने तुर्की के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की दृढ़ता से पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपना समर्थन समाप्त करने और दशकों से पनाहगाह पर रहे आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का आग्रह करेगा। संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं।
”चीन के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और चीनी विदेश मंत्री एवं सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वांग यी ने 10 मई को एक-दूसरे से बात की थी, जब एनएसए ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को व्यक्त किया था। चीनी पक्ष इस बात से अवगत है कि आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का आधार बनी हुई है।”
पाकिस्तान से कोई भी संपर्क द्विपक्षीय ही होगा: भारत
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत एवं पाकिस्तान के बीच लड़ाई रुकवाने का श्रेय लिए जाने पर गुरुवार को दोहराया कि पाकिस्तान से कोई भी संपर्क द्विपक्षीय ही होगा तथा आतंकवाद से स्थायी रूप से नाता समाप्त किये जाने के बाद ही कोई संपर्क हो सकता है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में श्री ट्रंप के बयान पर एक सवाल के जवाब में कहा, “अपनी पिछली ब्रीफिंग में, मैंने इस मुद्दे को संबोधित किया था। मेरे पास जोड़ने के लिए और कुछ नया नहीं है।”उन्होंने कहा, “आप हमारी इस स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी संबंध द्विपक्षीय होना चाहिए। साथ ही, मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चलते हैं। आतंकवाद के बारे में ही हम कुख्यात आतंकवादियों को भारत को सौंप जाने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जिनकी सूची कुछ साल पहले पाकिस्तान को प्रदान की गई थी।
”श्री जायसवाल ने कहा, “मैं इस बात को रेखांकित करना चाहूंगा कि जम्मू-कश्मीर पर कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र से कब्जा छोड़ने पर होगी। सिंधु जल संधि पर, यह तब तक स्थगित रहेगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से रद्द नहीं कर देता। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘जल और रक्त एक साथ नहीं बह सकते’।”चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच चीन में त्रिपक्षीय वार्ता की पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने कुछ रिपोर्टें देखी हैं। मेरे पास बताने के लिए अभी कुछ नहीं है।
”प्रवक्ता ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के साथ बातचीत के बारे में कहा, “हमने एक विज्ञप्ति जारी की थी। विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए कार्यवाहक विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया है। वे कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए। विदेश मंत्री ने झूठी और आधारहीन रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हालिया प्रयासों की उनकी कड़ी अस्वीकृति का भी स्वागत किया है।”
विदेश सचिव मिसरी टोक्यो में जापान के अधिकारियों से मिले, दोनों पक्ष आतंकवाद के खिलाफ संकल्पबद्ध
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार को टोक्यो की यात्रा में उप विदेश मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मसाताका ओकानो और कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।यहां विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार दोनों पक्षों ने इन बैठकों में आतंकवाद से लड़ने के लिए अपने साझा दृढ़ संकल्प को दोहराया।श्री मिसरी की जापान के उप विदेश मंत्री फुनाकोशी के साथ बैठक में दोनों पक्षों ने राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा तथा आर्थिक-व्यापारिक क्षेत्र में पारस्परिक मजबूत संबंधों के साथ और जनता के बीच सम्पर्क बढ़ाने के उपायों आदि की समीक्षा की।मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि श्री मिसरी और श्री फुनाकोशी ने सामयिक महत्व के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
विदेश सचिव ने इस यात्रा के दौरान आयोजित रायसीना टोक्यो वार्ता के दूसरे संस्करण में मुख्य भाषण दिया। इसका आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन और जापान एसोसिएशन ऑफ कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव्स ने मिलकर किया था।विदेश सचिव ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद जापान की सरकार और लोगों द्वारा भारत के प्रति समर्थन और एकजुटता प्रदर्शित किए जाने के लिए उनकी सराहना की और उनका आभार जताया।विदेश सचिव की टोक्यो यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब भारत आतंकवाद के खिलाफ जापान सहित विभिन्न देशों में कई सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है।(वार्ता)