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#Kashi_Tamil_Sangamam देश-दुनिया में बज रहा तमिल फिल्मों का डंका : अन्नपूर्णा देवी

वाराणसी । केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आज कहा कि देश ही नहीं, विदेशों में भी तमिल फिल्मों का डंका बज रहा है। कई तमिल फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। भारतीय सिनेमा की शुरुआत से लेकर आज तक तमिल फिल्म उद्योग ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। निर्माता निर्देशक, संगीतकार, फिल्मकार, अभिनेता और अभिनेत्रियों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं। शिवाजी गणेशन, एमजीआर, कमल हसन, रजनीकांत, विजय सतपति, वैजयंती माला, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, ए आर रहमान जैसे कई नाम हैं, जो हर भारतीयों को गर्व करने का अवसर प्रदान करते हैं।

काशी तमिल संगमम में भाग लेने आई केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी सोमवार को तमिल फिल्मों की तीन दिवसीय समारोह का उद्घाटन करने के बाद यहां उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रही थीं। समारोह में पहले दिन राष्ट्रीय और सामाजिक चेतना को केंद्र में रखकर बनाई गई फ़िल्म’ मामणितहँ’को दिखाया गया। इसमें मुख्य भूमिका विजय सतपति की है। इसमें काशी की भी बात की गई है। समारोह में केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना ही काशी तमिल संगमम के नेपथ्य में है। काशी और तमिलनाडु के लोग हर स्तर पर एक दूसरे को समझ रहे हैं। उन्होंने देश और दुनिया में तमिल फिल्मों के योगदान पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर तमिल सिनेमा के निर्माता-निर्देशक सेनु रामास्वामी ने कहा कि मैं काशी, माँ गंगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करने आया हूं। काशी का यह संगमम केवल दो राज्यों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए यादगार रहेगा। मुझे बेहद खुशी है कि फ़िल्म महोत्सव के पहले ही दिन मेरी फ़िल्म को दिखाया गया।इससे पहले काशी तमिल संगमम के मुख्य समन्वयक पद्मश्री चमू कृष्ण शास्त्री ने अतिथियों को अंगवस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर में बनारस के काफी स्कूली बच्चों सहित आम लोगों ने तमिल फिल्म देखी और इसकी सराहना की।

मणिपुर और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने शक्तिपीठ विशालाक्षी मंदिर में हाजिरी लगाई

काशी तमिल संगमम में भाग लेने आये मणिपुर और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एल गणेशन ने सोमवार को सपत्नीक शक्तिपीठ विशालाक्षी मंदिर में हाजिरी लगाई। मातारानी के दरबार में राज्यपाल ने महंत पंडित सुरेश तिवारी और अर्चक अनिल तिवारी के देखरेख में दर्शन पूजन किया। दर्शन पूजन के बाद महंत सुरेश तिवारी ने राज्यपाल को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। रविवार को शहर में आए मणिपुर और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एल गणेशन ने काशी तमिल संगमम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में भी भागीदारी की। संध्या में राज्यपाल के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र भी मौजूद रहे।

इसके पूर्व राज्यपाल ने केंद्रीय संचार ब्यूरो,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा आयोजित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राज्यपाल ने इसे ज्ञान व मनोरंजन का संगम बताया। उन्होंने तमिलनाडु के समाज-सुधारकों, क्रांतिकारियों व स्वतंत्रता सेनानियों-धीरन चिन्नमलै,रानी वेलु नचियर, वेल्लोर स्तंभ, मरुधु ब्रदर्स,ओडिवीरण, पुली थेवर, वीरपंडिया कत्ताबोम्मन,मवीरण अलगुमुथु कोने व वाराणसी में हुए विकास कार्यो के लगे चित्रों को गौर से देखा ।

साहित्य, संस्कृति और खेल से जुड़ रही हैं दो संस्कृतियां – अनुराग ठाकुर

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम में साहित्य, संस्कृति और खेल तथा अन्य विधाओं के माध्यम से दो संस्कृतियों का मिलन हो रहा है। उन्होंने आठ दिवसीय ‘काशी तमिल संगमम- स्पोर्ट्स समिट’ के तहत सोमवार को आयोजित मैत्रीपूर्ण टेबल टेनिस मैच का उद्घाटन किया।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम’ आयोजन में साहित्य और संस्कृति के विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हैं और ऐसे में खेल के माध्यम से उत्तर और दक्षिण को जोड़ने की पहल भी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर और दक्षिण के बीच संबंध हमारी प्राचीन परंपराओं को दर्शाते हैं जो हजारों साल से भी अधिक पुरानी हैं।

इस मौके पर अनुराग ठाकुर ने काशी तमिल संगमम की पहल के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि इस भव्य आयोजन के माध्यम से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन को साकार किया जा रहा है। ठाकुर ने यह भी कहा कि तमिलनाडु के लोगों को न केवल ‘काशी विश्वनाथ’ के दर्शन करने का अवसर मिल रहा है, बल्कि यहां की कला और संस्कृति से भी परिचित हो रहे हैं, जो सभी के लिए गर्व की बात है।(हि.स.)।

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