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2027 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर: सीतारमण

सीतारमण ने बैंकिंग क्षेत्र पर की सिटी बैंक की सीईओ जेन फ्रेजर से चर्चा

न्यूयॉर्क : केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यहां अमेरिकी निवेशकों से भारत में निवेश करने की अपील करते हुये कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लिए भविष्य की ओर देश की यात्रा में निवेश सहयोग और वैश्विक निवेशकों की भागीदारी के लिए अनेक अवसर मौजूद हैं तथा भारत अपनी निरंतर वृद्धि की गति को जारी रखने और वैश्विक विकास में अपने योगदान को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए तैयार है और वर्तमान विकास दर पर भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।

श्रीमती सीतारमण ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में ‘भारत में निवेश के अवसर’ पर गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह बात कही। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसमें लगभग 11 भारतीय कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इस गोलमेज सम्मेलन में अमेरिका भर के विभिन्न पेंशन फंड और अन्य संस्थागत निवेशकों और फंड मैनेजरों ने भाग लिया, जो कुल प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय प्रणालियों में से एक है।वित्त मंत्री ने विभिन्न नीति सुधारों और पहलों की रूपरेखा साझा की, जो न्यूइंडिया को आकार दे रहे हैं, जिसमें दीर्घकालिक निवेश अवसरों के लिए सतत आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।

श्रीमती सीतारमण ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में भारत के उभरने को रेखांकित किया, जिसने पिछले 10 वर्षों में एक गहरा सकारात्मक परिवर्तन देखा है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी निरंतर वृद्धि की गति को जारी रखने और वैश्विक विकास में अपने योगदान को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए तैयार है और वर्तमान विकास दर पर भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।वित्त मंत्री ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में और वैश्विक सुधार में न केवल योगदान देने बल्कि उसका आकार और दिशा निर्धारित करने के भारत के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया। जैसे-जैसे भारत इस परिवर्तन से गुजर रहा है भारत में विकास और निवेशकों के लिए रिटर्न के कई अवसर होंगे।

भारत के विकास को आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में शामिल करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि यह भारत की विनिर्माण क्षमताओं को फिर से जीवंत करने और इसे पुनर्परिभाषित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करने का प्रयास करता है।उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) जैसी पहलों के साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास के लिए एक मजबूत आधार रेखा बनाई है, बल्कि सभी क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत किया है। बुनियादी ढांचे के लिए मास्टर-प्लानिंग दृष्टिकोण लाने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम पीएम गतिशक्ति, जमीन पर सार्वजनिक नीति के प्रभाव के वास्तविक समय के आकलन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का एक अनूठा उदाहरण है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 10 अरब डॉलर के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के माध्यम से वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की बढ़ती उपस्थिति को और गति दी है। उन्होंने कहा कि यह पहल विशेष रूप से अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा हाल ही में आईएसएम के लिए भारत सरकार के साथ साझेदारी करने और 2022 के चिप्स अधिनियम द्वारा बनाये गए अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा और नवाचार (आईटीएसआई) फंड के तहत वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने और विविधता लाने के अवसरों का पता लगाने की घोषणा के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो जाती है।

श्रीमती सीतारमण ने निवेशकों के लिए एक स्थिर नियामक ढांचे के वास्ते भारत के अभूतपूर्व संरचनात्मक सुधारों का उल्लेख किया जैसे माल और सेवा कर (जीएसटी) के माध्यम से कर संरचना को सरल बनाना; दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के माध्यम से संकटग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान को सुव्यवस्थित करना; विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों को उदार बनाना; और समग्र विदेशी निवेश नीति ढांचे की सरलता और पारदर्शिता को बढ़ाना।वित्त मंत्री ने कहा कि उपरोक्त नीतिगत सुधार और पहल एक पूरी तरह से नई डिजिटल अर्थव्यवस्था पर आधारित हैं, जो नवाचार और तकनीकी उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन गया है, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न सार्वजनिक भलाई के लिए नवाचारों में लगे हुए हैं।

उन्होंने जोर दिया कि भारत की नीति की आधारशिला व्यापार करने में आसानी , मापदंडों में सुधार करना और भारत में उद्यमों के लिए विनियामक और अनुपालन बोझ को कम करना है और भारत ने पिछले दशक में अधिक निवेशक-अनुकूल जुड़ाव के लिए कई प्रक्रिया और शासन सुधार किए हैं। इन सभी सुधारों को मिलाकर आने वाले दशक में भारत के विकास और विकास को परिभाषित करेगी, डिजिटलीकरण, सुधार और इसके परिणामस्वरूप होने वाली दक्षता लाभ के माध्यम से लंबी अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि के महत्वपूर्ण चालक बनेंगे।

वित्त मंत्री ने गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वालों को बताया कि भारत का बाजार पूंजीकरण 5.5 लाख करोड़ डॉलर के मील के पत्थर तक पहुंच गया है और वर्तमान में अमेरिका, चीन और जापान के बाद दुनिया भर में चौथे स्थान पर है। यह दर्शाता है कि भारत के सुधार परिणाम दे रहे हैं। भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र गिफ्ट सिटी का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सिटी बैंक, जेपी मोर्गन , माेर्गनस्टेनली और बैंक ऑफ अमेरिका जैसे कुछ वैश्विक वित्तीय संस्थान और निवेशक पहले से ही इसके साथ जुड़ रहे हैं। अगस्त 2024 तक, बैंकों, पूंजी बाजारों में 650 से अधिक संस्थाएँ गिफ्टी सिटी में पहुंच चुकी थी।

वित्त मंत्री ने कहा कि चूंकि इंफ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता है, इसलिए एनआईआईएफ को विशेष रूप से सार्वजनिक और निजी निवेशकों के बीच सहयोग के रूप में स्थापित किया गया था और आज इसे कई अग्रणी वैश्विक और घरेलू निवेशकों का समर्थन प्राप्त है। एनआईआईएफ प्लेटफॉर्म पर मौजूद कई नए निवेश अवसरों को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एनआईआईएफ इस तरह से निवेश को आगे बढ़ाता है जिससे निवेशकों के लिए जोखिम कम हो। उन्होंने बताया कि एनआईआईएफ कई नए फंड लेकर आ रहा है जैसे कि प्राइवेट मार्केट्स फंड 2, यूएस-इंडिया ग्रीन ट्रांजिशन फंड और मास्टर फंड 2, ये सभी लंबी अवधि के निवेश और रिटर्न के लिए रोमांचक अवसर प्रदान करते हैं।

सीतारमण ने बैंकिंग क्षेत्र पर की सिटी बैंक की सीईओ जेन फ्रेजर से चर्चा

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां सिटी बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेन फ्रेजर के साथ भारत के बैंकिंग क्षेत्र सहित विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की।दोनों ने कृषि और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई के उपयोग के साथ-साथ भारत के तेजी से बढ़ते फार्मास्युटिकल क्षेत्र और दुनिया के लिए केंद्र पर चर्चा की। वित्त मंत्री ने दशकीय सुधारों और भारत के भविष्य के रास्ते के मद्देनजर भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर चर्चा की। सुश्री फ्रेजर ने भारत के डिजिटल भुगतान परिवर्तन के लिए वित्त मंत्री की सराहना की।

सुश्री फ्रेजर ने एमएसएमई के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के वास्ते बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भारत द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सुधारों की सराहना की और कहा कि एमएसएमई को आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बनाना महत्वपूर्ण है। सुश्री फ्रेजर ने यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा व्यापार करने में आसानी की दिशा में उठाए गए कदम व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेंगे।इसके अलावा श्रीमती सीतारमण ने यहां इकोनॉमिक क्लब न्यूयॉर्क में आईबीएम के अध्यक्ष और सीईओ अरविंद कृष्णा के साथ भारत के दशकीय आर्थिक सुधारों और निरंतर आर्थिक वृद्धि पर एक फायरसाइड चैट में भाग लिया। इसके इतर उन्होेंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में भी वैश्विक चुनौती के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था पर आयोजित एक चर्चा में भी भाग लिया।

सीतारमण ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज मे निवेशकों संग की चर्चा

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में ‘भारत में निवेश के अवसर’ पर गोलमेज सम्मेलन को संबोधित किया।न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसमें करीब 11 भारतीय कंपनियां सूचीबद्ध हैं।इस गोलमेज सम्मेलन में अमेरिका भर के विभिन्न पेंशन फंड और अन्य संस्थागत निवेशक तथा फंड मैनेजरों ने भाग लिया। कुल प्रबंधन परिसंपत्तियों के मामले में यह दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय प्रणालियों में से एक है।वार्ता

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