भोपाल । छत्तीसगढ़ में टूलकिट मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अब मध्यप्रदेश में भ्रामक जानकारी शेयर करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने भाजपा नेता के खिलाफ तो मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार ने कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। अब दोनों राज्यों में कांग्रेस-भाजपा एफआईआर मामले को लेकर आमने-सामने की लड़ाई लड़ रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने एफआईआर के बाद जो हथकंडे अपनाये वही हथकंडे अब कांग्रेस मध्यप्रदेश में अपना रही है।
अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक तरफ कांग्रेस और दूसरी तरफ भाजपा की सत्ता है, इस समय एफआईआर की राजनीति और कोरोना की महामारी, दोनों साथ-साथ चल रही है। अब आगे देखना होगा कि छहत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नजर में गलत है वह मध्यप्रदेश में शिन कैसे होता है। यही विषय मध्यप्रदेश की भाजपा पर भी लागू होता है।
अब मध्यप्रदेश की राजनीति में इस मामले को लेकर सियासत गरमाने लगी है। मामला दर्ज किए जाने के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी की मांग की है। बता दें कि भाजपा प्रतिनिधि मंडल की शिकायत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है।
कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि सरकार भय की राजनीति कर रही है। वहीं, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मामले को लेकर कहा कि भाजपा को शर्म आनी चाहिए, कल कांग्रेसी क्राइम ब्रांच` जाएंगे। मामले पर कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार के खिलाफ कांग्रेस कोर्ट जाएगी। कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर पर कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि `कमलनाथ के बयान से सहमत, मुझ पर भी एफआईआर दर्ज करो।
मामले को लेकर कांग्रेस नेता अरूण यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज सिंह तिलमिलाहट किस वजह से है? आखिर कमलनाथ पर एफआईआर दर्ज कराकर क्या दिखाना चाहते हैं? मैं भी आरोप लगाता हूं कि आपकी निकम्मी और नाकारा सरकार ने हजारों मौतों के आंकड़े छुपाए है, पूरी कांग्रेस कमलनाथजी के सरकार पर लगाए आरोपों का समर्थन करती है।
गौरतलब है कि रविवार को पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ भ्रामक जानकारी शेयर करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि मामले को लेकर भाजपा प्रतिनिधित्व मंडल ने क्राइम ब्रांच में आवेदन दिया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि कोरोना से होने वाली मौत को लेकर जो आंकड़े सरकार जारी कर रही है वो गलत हैं। कमलनाथ के मुताबिक मार्च और अप्रैल महीने में कोरोना से करीब 1 लाख जानें गई है। तमाम दस्तावेज लेकर प्रेस कांफ्रेंस करते वक्त उन्होंने कहा कि इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों इलाके शामिल है। उनके मुताबिक कई बार तो लोग शर्म से कोरोना की जानकारी नहीं देते इसलिए सही आंकड़े नहीं आए, कमलनाथ ने राज्य सरकार से सभी आंकड़े इंटरनेट पर भी डालने की मांग की। उन्होंने इससे जुड़ी जानकारी पंचायत स्तर तक से बुलवाने की मांग भी राज्य सरकार से की।