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चन्द्र ग्रहण 2025 : राशियों पर प्रभाव, उपाय और दान

7–8 सितंबर की रात पूर्ण चन्द्र ग्रहण, जानें राशिवार असर, क्या करें और क्या न करें, सूतक काल के नियम, दान की परंपरा और वैज्ञानिक सच्चाई।

भारत सहित एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों में 7–8 सितंबर 2025 की रात को **पूर्ण चन्द्र ग्रहण** दिखाई देगा। खगोलीय दृष्टि से यह एक अद्भुत घटना है, जबकि धार्मिक व ज्योतिषीय दृष्टि से यह अनेक मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ा है। पारंपरिक मान्यता है कि ग्रहण का असर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रूप से पड़ता है। कुछ राशियों को शुभ परिणाम मिलते हैं तो कुछ को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए हर ग्रहण को लेकर ज्योतिषीय परामर्श और उपाय बताए जाते हैं। इस रिपोर्ट में हम विस्तार से जानेंगे—

चन्द्र ग्रहण का वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

चन्द्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाती है और पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है। पूर्ण चन्द्र ग्रहण के दौरान चन्द्रमा लालिमा लिए दिखाई देता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह पूरी तरह प्राकृतिक घटना है और इसका मनुष्य के स्वास्थ्य, भोजन या जीवन पर सीधा प्रभाव नहीं होता। चन्द्र ग्रहण को बिना किसी सुरक्षा चश्मे के देखना सुरक्षित है। परंपराओं और मान्यताओं के कारण लोग ग्रहण को धार्मिक रीति-रिवाज़ों के साथ जोड़ते हैं।

सूतक काल और नियम

ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक के दौरान पूजा-पाठ, नए भोजन का बनना और मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बीमार और वृद्ध व्यक्तियों के लिए सूतक में अपवाद माना जाता है। सूतक समाप्ति ग्रहण समाप्त होने के साथ होती है।

सूतक काल में क्या न करें:

नया भोजन न पकाएँ। मूर्तियों को न छुएँ। धार्मिक कार्य न करें।

सूतक काल में क्या करें:

ध्यान, प्रार्थना, मंत्रजाप करें। मन को शांत रखें।

ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें

ग्रहण के समय क्या करें

मौन साधना और मंत्रजाप।
ध्यान और प्रार्थना।
मानसिक शांति बनाए रखें।
गर्भवती महिलाएँ घर में आराम करें।

ग्रहण के समय क्या न करें

खाना पकाना और खाना।
कोई नया कार्य शुरू करना।
मांगलिक कार्य करना।
नकारात्मक सोच और विवाद।

ग्रहण के बाद क्या करें

ग्रहण समाप्ति के तुरंत बाद स्नान करें।
गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्धिकरण करें।
मंदिर या घर में दीपक जलाएँ और भगवान की पूजा करें।
गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें।
नया भोजन बनाकर ग्रहण करें।

दान की परंपरा — ग्रहण के बाद

ग्रहण समाप्त होने के बाद दान का विशेष महत्व माना जाता है।

क्या दान करें:

अनाज: गेहूँ, चावल, दाल।
फल, दूध और गुड़।
वस्त्र और कंबल।
औषधि या धन।
गाय को चारा।

दान करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

राशिवार प्रभाव, उपाय और दान

1. मेष राशि

प्रभाव: करियर में अवसर, पर गुस्सा नियंत्रित रखें।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।
दान: लाल वस्त्र या तांबे का बर्तन दान करें।

2. वृषभ राशि

प्रभाव: पारिवारिक जीवन में सुधार, स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
उपाय: शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ।
दान: दूध, घी और सफेद वस्त्र।

3. मिथुन राशि

प्रभाव: संबंधों में उतार-चढ़ाव, अनावश्यक विवाद से बचें।
उपाय: गायत्री मंत्र का जाप।
दान: हरे कपड़े, मूंग की दाल।

4. कर्क राशि

प्रभाव: मानसिक तनाव और पारिवारिक चिंता।
उपाय: दुर्गा सप्तशती का पाठ।
दान: दूध, चावल, चांदी की वस्तु।

5. सिंह राशि

प्रभाव: करियर में लाभ, सम्मान में वृद्धि।
उपाय: सूर्य को अर्घ्य दें।
दान: गुड़, गेहूँ, लाल वस्त्र।

6. कन्या राशि

प्रभाव: कार्यक्षेत्र में प्रगति, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
उपाय: विष्णु सहस्रनाम का पाठ।
दान: हरी सब्जी, अनाज।

7. तुला राशि

प्रभाव: रिश्तों में मधुरता, पर कर्ज से बचें।
उपाय: श्रीसूक्त का पाठ।
दान: शक्कर, इत्र और कपड़े।

8. वृश्चिक राशि

प्रभाव: वित्तीय नुकसान की आशंका, वाणी पर नियंत्रण।
उपाय: महामृत्युंजय मंत्र का जाप।
दान: तिल, तेल और कंबल।

9. धनु राशि

प्रभाव: शिक्षा और यात्रा में लाभ।
उपाय: विष्णु पूजा।
दान: पीली दाल, पुस्तकें।

10. मकर राशि

प्रभाव: आर्थिक दबाव, सोच-समझकर निर्णय लें।
उपाय: शनि मंत्र का जाप।
दान: लोहे का दान, उड़द की दाल।

11. कुंभ राशि

प्रभाव: सीधा असर, मानसिक बेचैनी।
उपाय: हनुमान जी की पूजा करें।
दान: तिल, तेल, काला कपड़ा।

12. मीन राशि

प्रभाव: मानसिक अस्थिरता, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
उपाय: विष्णु सहस्रनाम का पाठ।
दान: चावल, दूध और सफेद वस्त्र।

गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी

घर से बाहर ग्रहण न देखें।
तेज़ रोशनी या चाकू-कैंची जैसे औज़ार का प्रयोग न करें।
आराम करें और सकारात्मक सोच रखें।
चिकित्सक की सलाह को सर्वोपरि मानें।

चन्द्र ग्रहण खगोलीय दृष्टि से एक प्राकृतिक घटना है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह सभी राशियों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान नियमों का पालन करना, सूतक में संयम रखना और ग्रहण के बाद स्नान व दान करना शुभ माना जाता है।

डिस्क्लेमर :यह रिपोर्ट धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिषीय परंपराओं और सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर आधारित है। वैज्ञानिक दृष्टि से चन्द्र ग्रहण मानव जीवन पर सीधा प्रभाव नहीं डालता। पाठक अपनी आस्था और व्यक्तिगत विवेक के अनुसार ही इन उपायों का पालन करें। चिकित्सकीय परामर्श और व्यक्तिगत परिस्थिति को सर्वोपरि मानें।

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