डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज
वाराणसी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रणविजय सिंह की अदालत ने 10 वर्षीय बच्चे की लिफ्ट में फंसने से मौत और शव को गायब कर साक्ष्य विलोपित करने के आरोपी दीनदयाल राजकीय अस्पताल के सर्जन डॉ शिवेश जायसवाल की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद गम्भीर प्रकृति औए गैर जमानती अपराध बताते हुए खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ 10 वर्षीय बालक से घरेलू नौकर के रूप में बाल श्रम कारित कराने और अपार्टमेंट के लिफ्ट में फंसकर घायल होने के उपरांत इलाज के दौरान उसकी मृत्यु होने पर बिना पोस्टमार्टम कराए व पुलिस को सूचना दिए शव गायब कराने एवम साक्ष्य विलोपित करने का आरोप है,यह अपराध गम्भीर प्रकृति का गैर जमानती अपराध है,आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता गई अपराध से सम्बंधित साक्ष्य नष्ट करने की संभावना है,ऐसी दशा में मामले के तथ्यों व परिस्थितियों में जमानत दिए जाने का समुचित आधार नही पाया जाता,जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है। आरोपी की तरफ से दलील दी गई कि इस बात का कोई साक्ष्य नही है कि मृत छोटू आवेदक जे पास घरेलू नौकर के रूप में कार्य करता था,लिफ्ट में फंसने के कारण उसे चोट आई जिसमे आरोपी का कोई दोष नही है,मृतक के मा पिता ने कोई प्राथमिकी दर्ज नही कराई है,आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नही है उसे जमानत पर रिहा किये जाने का अनुरोध कोर्ट से किया गया।।