
‘ऑपरेशन सिन्दूर की भावना से विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करें’
विकसित भारत के लिए हमें विकास की गति बढ़ानी होगी, टीम की तरह चलना होगा: मोदी : मोदी से मिले सुक्खू, तुर्की से सेब आयात के मुद्दे पर की चर्चा
नयी दिल्ली : नीति आयोग की संचालन परिषद की दसवीं बैठक में ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर भारतीय सशस्त्र बलों तथा सरकार के नेतृत्व के प्रति पूरे समर्थन तथा एकजुटता का भाव दिखा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी इसी तरह की एकजुटता, दृढ इच्छाशक्ति और उत्साह से काम करने की जरूरत है।प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को यहां भारत मंडपम में दिन भर चली बैठक के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी वी आर सुब्रमण्यम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक में 31 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकों ने हिस्सा लिया। श्री सुब्रमण्यम ने प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए कहा कि आज की चर्चा बहुत सार्थक और सकारात्मक रही। उन्होंने कि यह अब तक की बैठकों में सबसे अधिक भागीदारी वाली रही और इसमें जिन राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं आ सके उन्होंने पहले ही इसकी सूचना दे दी थी। बैठक में केरल , बिहार, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के मुख्यमंत्री मौजूद नहीं थे।
श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि बैठक में ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर पूरी तरह एकजुटता दिखी। सभी वक्ताओं ने भारतीय सैन्य बलो के शौर्य और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर में भारतीय साजो सामान और स्वदेशी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के परिणामों का भी उत्साहजनक संदेश मिला है जिसका देश में विनिर्माण के क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विकास की गाड़ी तभी तेजी से बढ़ेगी जब केन्द्र एवं राज्य साथ साथ चलेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित राज्य की थीम पर इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की सोच एक प्रवाह बन गयी है जिसमें सभी राज्य इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से विकास करने की क्षमता है और केन्द्र तथा राज्यों के सामूहिक प्रयासों से देश अगले ढाई से तीन वर्षों में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा जो विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की इस वार्षिक बैठक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इनसे देश के विकास को दिशा, गति एवं ऊर्जा मिली है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्य विकसित राज्य के लिए अपना अपना विज़न दस्तावेज जल्दी तैयार करें जिसमें नीति आयोग मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और गुजरात ने क्रमश: 2.4 लाख करोड़ और 3.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि टीम इंडिया की भावना से ही विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है जैसे पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य 15 वर्ष में पूरा किया गया था। हमारे पास 22 वर्ष हैं। प्रधानमंत्री ने राज्यों को सलाह दी है कि वे बीच की अवधि के लिए भी अपने लिये लक्ष्य तय करें।डा. सुब्रह्मण्यम ने बताया कि बैठक में इस बात पर जोर दिया गया है कि कारोबारी सुगमता के लिए राज्यों में जटिलाएं एवं बाधाएं दूर होनी चाहिए और ये काम जिला एवं नगर निगम स्तर तक किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने बैठक में निर्यात प्रोत्साहन, एक जिला एक उत्पाद और कौशल विकास पर भी राज्यों में तेजी से काम किये जाने पर बल देते हुए पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने एक राज्य में एक विश्व स्तरीय पर्यटन केन्द्र विकसित करने का मंत्र दिया और कहा कि इससे आसपास के पर्यटन सुविधाओं के विकास की प्रेरणा मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने नगरों को आर्थिक गतिविधियों की धुरी बताते हुए कहा कि 2047 तक भारत में शहरी आबादी 50 प्रतिशत हो जाएगी जिसके लिए उनका सुनियोजित विकास जरूरी है। सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के सिटी चैलेंज फंड का ऐलान किया गया है और इस बार बजट में 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये गये।एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने पूर्वोदय योजना का रोडमैप तैयार किया जा रहा है और इसे 15 जून तक जारी कर दिया जाएगा। इसमें बिहार झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल किया गया है। इसमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत पांच क्षेत्र शामिल किये गये हैं। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने का मुद्दा केवल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने उठाया था।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लक्ष्य को जनांदोलन में बदलने पर जोर दिया। बैठक में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढाने के लिए एक कार्य दल के गठन का सुझाव दिया गया।
विकसित भारत के लिए हमें विकास की गति बढ़ानी होगी, टीम की तरह चलना होगा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश की आर्थिक वृद्धि और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दर को तेज करने तथा केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया है।श्री मोदी ने राजधानी में नीति आयोग की संचालन परिषद की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकसित भारत अब देश के हर नागरिक की आकांक्षा बन गया है। उन्होंने कहा, “ हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ आएं और टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। ”उन्होंने कहा कि विकसित भारत अब हर नगरिक का लक्ष्य बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “ जब प्रत्येक राज्य विकसित होगा, तो ही भारत विकसित होगा। यह देश के 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है।
”श्री मोदी ने अर्थव्यस्था में महिलाओं की भूमिका बढ़ाये जाने पर बल देते हुए कहा, “ हमें कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करना चाहिए। हमें ऐसे कानून, नीतियां बनानी चाहिए, जिससे उन्हें कार्यबल में सम्मानपूर्वक शामिल किया जा सके। ”प्रधानमंत्री ने कहा, “ हमें इस तरह से काम करना चाहिए कि लागू की गयी नीतियां आम नागरिकों के जीवन में बदलाव लायें। जब लोग बदलाव महसूस करते हैं, तभी यह बदलाव को मजबूत करता है और बदलाव को एक आंदोलन में बदल देता है। ”उन्होंने कहा, “ एक टीम के रूप में हमारे पास 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक शानदार अवसर है। हमें इस लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हर राज्य विकसित हो, हर शहर विकसित हो, हर नगर पालिका विकसित हो और हर गांव विकसित हो।
”उन्होंने कहा, “ अगर हम इन सभी दिशाओं में मिल कर काम करेंगे, तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ”उन्होंने पर्यटन क्षेत्र के विकास के लाभ को भी रेखांकित किया और “ एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य ” का नारा दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों को वैश्विक मानकों के अनुरूप और सभी सुविधायें और बुनियादी ढांचा प्रदान करके हर राज्य में कम से कम एक पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रणनीति से पर्यटन स्थल के आस पास के शहरों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास भी होगा।उन्होंने कहा, “ भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। विकास, नवाचार और स्थिरता हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए। ”
मोदी से मिले सुक्खू, तुर्की से सेब आयात के मुद्दे पर की चर्चा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर राज्य को उदार वित्तीय सहायता देने और लम्बित राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया।श्री मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में हिस्सा लेने यहां आए श्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और राज्य में चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने और हाल के घटनाक्रम में सैन्य कार्रवाई के दौरान तुर्की के पाकिस्तान को समर्थन देने के बाद बने माहौल में राज्य के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा का अनुरोध करने के साथ ही तुर्की और अन्य देशों से सेब के आयात को लेकर भी चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार श्री मोदी ने सेब के आयात के मामले की समीक्षा करने तथा अन्य सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को वर्ष-2032 तक आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रदेश सरकार की पर्यटन, हरित ऊर्जा, विद्युत और अन्य क्षेत्रों में की गई पहल के बारे में जानकारी दी और जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों की रक्षा की पैरवी की।(वार्ता)
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