
सहकारिता विवि विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित
नयी दिल्ली : लोकसभा ने प्रशिक्षित श्रमबल के सहयोग से देश में सहकारिता को बढावा देने के लिए पेश ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक-2025’ को बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया।सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि सहकारिता देश के हर क्षेत्र और हर परिवार से ताल्लुक रखता है, हर गांव में सहकारिता की इकाइयां हैं। सहकारिता कृषि विकास, ग्रामीण विकास से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता की मजबूती से देश की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, इससे स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे, नवाचार होगा और अनुसंधान के नये मानक गढ़े जायेंगे इस मकसद को पूरा करने के लिए सरकार त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक लेकर आई है।
श्री शाह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय रखने का उद्देश्य सहकारिता के क्षेत्र श्री त्रिभुवन भाई पटेल के किये गये कार्यों को सम्मान और मान्यता देना है। श्री पटेल ने अमूल डेयरी जैसे विश्व स्तरीय ब्रांड की नींव रखी थी। उनके प्रयासों से 250 लीटर दूध से शुरू की गयी अमूल डेयरी की यात्रा आज 60 हजार करोड़ रुपये तक कारोबार तक पहुंच गयी है। अमूल का व्यवसाय आज कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भी बड़ा है। अमूल 36 लाख महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराता है।उन्होंने कहा कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में किये गये कार्यों के कारण मोदी सरकार का कार्यकाल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। पूरे देश का सहकारिता का डाटाबेस बनाया जा चुका है और दो लाख नये प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) बनायी जा चुकी हैं। सभी गांवों में इनका गठन किया जायेगा। सहकारिता क्षेत्र के लिये बनाये गये उपनियमों को पूरे देश ने अपनाया है, इसके लिये वह सभी राज्यों को धन्यवाद देते हैं।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि देश भर में पैक्स के माध्यम से 576 गोडाउन बनाये जा चुके हैं, जो बहुउद्देशीय साबित हो रहे हैं। राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम बहुत अच्छा काम कर रहा है। ऋण देने के काम के विस्तार के साथ इसका मुनाफा बढ़ रहा है और डिपाजिट भी बढ़ा है।उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों के सुधार के लिये सरकार ने बहुत काम किये हैं। रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों के लिये नोडल एजेंसी बनायी है, जो इन बैंकों के कामकाज पर नजर रखती है। सहकारी चीनी मिलों का वित्तीय प्रबंधन बेहतर किया गया है।श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में रिकॉर्ड दूध उत्पादन किया गया है। उनका कहना था कि दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा तो महिलाओं का सशक्तीकरण भी होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के नारे को साकार करने के लिये सरकार दिन- रात काम कर रही है। उकना यह भी कहना था कि ओला-उबर जैसी टैक्सी संचालन करने वाली कंपनियों के लिये भी सहकारी क्षेत्र का द्वार खुलेगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि बहुत जल्द देश की सहकारी बीमा कंपनी बनेगी जो निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी होगी।उन्हाेंने कहा कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय गुजरात में भले ही स्थापित किया जा रहा है, लेकिन इसका कार्य क्षेत्र पूरा भारत होगा। इस विश्वविद्यालय से पढ़कर निकलने वाले पेशेवर सहकारी क्षेत्र में अपनी सेवायें देंगे। इससे सहकारी क्षेत्र की कार्यकुशलता बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में नौकरियां देने में होता रहा भाई-भतीजावाद भी खत्म होगा। (वार्ता)
आज प्रदेश की बहनें, बेटियां,व्यापारी भी बोल रहे कि हम सुरक्षित हैंः सीएम