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म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1000 से अधिक हुई

मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से बात कर एकजुटता व्यक्त की

यांगून : म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,000 से अधिक हो गई है और आशंका है कि यह संख्या और भी बढ़ सकती है।यह जानकारी शनिवार को मीडिया रिपोर्टों में दी गई।भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले क्षेत्र में था, जिसने दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक को तबाह कर दिया। सरकारी एमआरटीवी ने कहा कि इसके 11 मिनट बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया।म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं और 100 से अधिक लोग लापता हैं, उनमें से कई बैंकॉक में एक 33 मंजिला इमारत के मलबे में फंसे हुए हैं।

एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार एक एकांतप्रिय राज्य है, जिसका संचालन सैन्य सरकार द्वारा किया जाता है तथा वहां सूचनाओं पर कड़ा नियंत्रण है, वहां मृत्यु और विनाश के पूर्ण पैमाने के बारे में सीमित विवरण उपलब्ध हैं।म्यांमार की सैन्य सरकार ने मांडले और राजधानी नेपीडॉ सहित कई क्षेत्रों में आपातकाल की घोषणा की और कहा है कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान जारी है।म्यांमार के लिए अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस के निदेशक मोहम्मद रियास ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस भूकंप से हुई तबाही का पूरा आकलन कई सप्ताह तक स्पष्ट नहीं हो पाएगा।यह आपदा म्यांमार में चल रहे गृह युद्ध के कारण और भी जटिल हो गई है, जो पिछले चार वर्षों से जारी है, जिसके कारण सहायता तक पहुंच सीमित बनी हुई है, संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है, तथा भूकंप आने से पहले ही लाखों लोग संकट में हैं।

रेड क्रॉस के अनुसार, म्यांमार में 1.9 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है, जिनमें से अनेक लोग विस्थापित हैं, खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं तथा संघर्ष के कारण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कमी से पीड़ित हैं।भूकंप की तीव्रता और गहराई के आधार पर पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण करते हुए अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अनुमान लगाया है कि 10,000 से अधिक लोगों की मौत की आशंका है तथा नुकसान देश के सकल घरेलू उत्पाद से भी अधिक हो सकता है।म्यांमार की सरकारी मीडिया के अनुसार, स्थानीय समयानुसार शनिवार दोपहर तक 2,376 लोग घायल हुए तथा 30 अन्य लापता हैं।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में यूएसएआईडी में कटौती के बाद सहायता में देरी की चिंताओं के बीच, विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने शुक्रवार को कहा कि फंडिंग में कटौती से अमेरिका की प्रतिक्रिया देने की क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन सहायता के लिए कोई औपचारिक अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।

मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से बात कर एकजुटता व्यक्त की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भीषण भूकंप से तबाह म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात कर कहा है कि भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है और राहत सामग्री के साथ साथ बचाव अभियान में भी मदद कर रहा है।श्री मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा , “ म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।”

भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी

भारत ने भूकंप से बुरी तरह प्रभावित म्यांमार के लोगों के लिए मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी है। विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने शनिवार को यह जानकारी दी।डॉ जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में लिखा, “ वायु सेना का सी-130 विमान कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट लेकर जा रहा है। इस उड़ान के साथ एक खोज और बचाव दल और चिकित्सा दल भी है।

थाईलैंड में सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित: भारतीय दूतावास

थाइलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि म्यांमार में आये जबरदस्त भूकंप के कारण देश में महसूस किये गये तेज झटकों के बीच यहां सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं।भारतीय दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि वह थाई अधिकारियों के साथ समन्वय में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। उसने कहा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य हिस्सों में दर्ज किये गये शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद, दूतावास थाई अधिकारियों के साथ समन्वय में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। अभी तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।”(वार्ता)

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