ज्ञान के लोकतंत्रीकरण के लिए प्रौद्योगिकियों का अभिसरण और एकीकरण: डीएसटी सचिव
महामारी ने हमें दिखाया है कि कैसे प्रौद्योगिकी हमारी मदद कर सकती है और हमें भविष्य के लिए सोचने पर मजबूर किया है: डॉ. वी के सारस्वत
फ्रंटियर्स इन इंटरकनेक्टेड इंटेलिजेंट सिस्टम्स एंड डिवाइसेस (एफआईआईएसडी) पर आयोजित एक प्रारंभिक वेबिनार में शामिल गणमान्य लोगों ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे भौतिक, डिजिटल और साइबर प्रौद्योगिकियों का अभिसरण (उनका एकरूपता की तरफ बढ़ना) और एकीकरण ज्ञान तक पहुंच और उसका लोकतंत्रीकरण कर रहा है और सामाजिक व तकनीकी क्रांति के रूप में सामने आ रहा है। प्रो. आशुतोष शर्मा, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, ने कहा कि सभी का परस्पर जुड़ा होना, मानव मस्तिष्क से परे बुद्धिमान होना ही भविष्य है और भौतिक, डिजिटल और साइबर प्रौद्योगिकियों का अभिसरण और एकीकरण ही इसकी कुंजी है। उन्होंने आगे कहा, “सुपरकंप्यूटिंग, क्वांटम तकनीकी और साइबर-फिजिकल सुरक्षा ने ज्ञान और सूचना के लोकतंत्रीकरण के लिए अभिसरण में एक साथ काम करने का रास्ता दिखाया है।”
डीएसटी की ओर से आयोजित वेबिनार में डीएसटी द्वारा देश भर में विभिन्न विषयों पर केंद्रित 25 हब बनाने के लिए शुरू किए गए मिशन और यह कैसे देश को प्रौद्योगिकी और नवाचार में आगे ले जाएगा, पर विस्तार से चर्चा की गई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों, विशेष तौर पर साइबर-फिजिकल सिस्टम, आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और साइबर सुरक्षा जैसी अग्रिम मोर्चे की प्रौद्योगिकियों को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। द फ्रंटियर्स इन इंटरकनेक्टेड इंटेलिजेंट सिस्टम्स एंड डिवाइसेज कॉन्फ्रेंस की योजना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान के जरिए इन प्रयासों को समृद्ध करने के लिए बनाई गई है और यह ऐसी कई प्रौद्योगिकियों के विभिन्न पक्षों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया एक शुरुआती कार्यक्रम था।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट, स्मार्टफोन तक सबकी पहुंच (लोकतंत्रीकरण), तकनीकी की लागत में आ रही गिरावट, अभिसरण, मशीन से मशीन के बीच संचार और प्रौद्योगिकियों के विलय (फ्यूजन) के चलते सभी उद्योगों में तकनीकी और सामाजिक क्रांति चल रही है। इस महामारी ने हमें दिखाया है कि तकनीक कैसे हमारी मदद कर सकती है और हमें भविष्य के लिए भी सोचने के लिए भी मजबूर किया है। वेबिनार के अन्य वक्ताओं में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अधिकारी डॉ. रोहिणी श्रीवत्स, ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के प्रो. सुभाष कर, एलेक्स यूएसए के सीईओ रवि तिलक, नोकिया इंडिया के सीटीओ रणदीप रैना, टीसीएस के एसवीपी व आईओटी और एग एंड इंडस्ट्रीज सर्विसेज के ग्लोबल हेड रेग अय्यास्वामी, इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शौर्य डोभाल, टीआईई-यूएसए के संस्थापक अध्यक्ष कंवल रेखी, एरिक्शन के सीटीओ मलिक तातपामला, आईनुक इंक के सीईओ कौशल सोलंकी और सेल्स एंड मार्केटिंग- एलएंडटी-एनएक्सटी के ग्लोबल सेल्स एंड मार्केटिंग के प्रमुख आलोक श्रीवास्तव शामिल थे।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2021 में आयोजित होने की उम्मीद है और जिसमें नीतिगत ढांचे, प्रौद्योगिकी की स्थिति, उपयोग के उदाहरणों और विभिन्न साइबर-फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) के कार्यान्वयन और इससे जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें नए स्वदेशी समाधानों की पहचान करने और उन्हें बढ़ावा देने व सीपीएस की साइबर सुरक्षा के लिए एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) बनाने पर भी चर्चा की जाएगी।