
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली हिंसा की सीबीआई जांच के दिए आदेश
कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न और आदिवासी लोगों की जमीन हड़पने के कारण हुई हिंसा तथा हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हुए हमले की सीबीआई जांच का आदेश दिया।मुख्य न्यायाधीश टी.एस.शिवगणम की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राज्य पुलिस से गिरफ्तार टीएमसी नेता और मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को मंगलवार शाम 4-30 बजे तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए कहा।
पीठ ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा आदेशित एसआईटी (विशेष जांच दल) को भी भंग कर दिया।सीबीआई के वकील ने दलील दी कि संघीय एजेंसी राज्य पुलिस के साथ जांच नहीं कर सकती, जो जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।खंडपीठ ने एसआईटी को खारिज करते हुए, सीबीआई को एफआईआर नंबर 8,9 और 18 सहित तीन एफआईआर के मामलों की जांच करने को कहा। जिसमें 5 जनवरी को नज़ात पुलिस स्टेशन में दर्ज ईडी अधिकारियों पर हमले का मामला भी शामिल है।
ईडी के तीन अधिकारियों पर सीआरपीएफ कर्मियों के साथ उस समय हमला किया गया जब वे कथित राशन (पीडीएस) घोटाले की जांच करने के लिए संदेशखली के सरबेरिया में शाहजहां के घर गए थे। इस मामले में राज्य के पूर्व खाद्य और आपूर्ति मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक और उनके कुछ करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।गौरतलब है कि संदेशखाली, उत्तर 24 परगना जिले का हिस्सा, कोलकाता से लगभग 90 किलोमीटर दूर और भारत-बंगलादेश सीमा के करीब है। (वार्ता)