UP Live

यूपी वन निगम ने काष्ठ आधारित उत्पादों के निर्यात से अर्जित की विदेशी मुद्रा

तेंदूपत्ता संग्रहण से वन निगम ने दिया 2 लाख जनजातीय परिवारों को आजीविका का आधार .महाकुम्भ के दौरान यूपी वन निगम ने 27000 कुंतल टन जलौनी लड़की का किया विक्रय.

  • यूपी वन निगम ने वर्तमान वर्ष में अर्जित की 243.31 करोड़ रुपए की आय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश वन निगम ने योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी निकाय के रूप में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि सामाजिक उत्थान और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्ष 2024-25 में यूपी वन निगम ने 243.31 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जो इसकी वित्तीय सुदृढ़ता और प्रबंधकीय दक्षता का प्रमाण है।

इसके साथ ही, निगम ने प्रदेश के जनजातीय समुदायों को आजीविका प्रदान करने, महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सहयोग, और वैश्विक मानकों पर खरा उतरने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। साथ ही यूपी वन निगम ने काष्ठ आधारित उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से विदेशी मुद्रा अर्जित की है। यह उपलब्धि वन निगम की पर्यावरणीय जिम्मेदारी और टिकाऊ वन प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यूपी वन निगम ने इस वर्ष अर्जित की है 243 करोड़ से अधिक की आय

उत्तर प्रदेश वन निगम प्रदेश में स्थाई वानिकी, पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से वन प्रबंधन का कार्य करती है। इसके अतिरिक्त वन निगम वनोपज के संग्रह, विक्रय के साथ ही वन पर आश्रित जनजातीय समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से लाभकारी तरीकों को प्रोत्साहित करता है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उनके विजन के अनुरूप कार्य करते हुए यूपी वन निगम ने कई उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं।

वर्तमान में यूपी वन निगम पूरी तरह एक लाभकारी संस्था बन चुका है। वन निगम ने जहां वर्ष 2023-24 में 246.29 करोड़ रुपये तो वहीं वर्ष 2024-25 में 243.31 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। वहीं वन निगम ने वर्ष 2020-21 में 150.55 करोड़, 2021-22 में 151.65 करोड़, 2022-23 में 227.66 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। पिछले कई वर्षों से परिचालन लाभ में निरंतर वृद्धि वन निगम की कार्यकुशलता और आर्थिक स्थिरता का परिचायक है।

यूपी वन निगम ने दिया लगभग 02 लाख जनजातीय परिवारों को आजीविका का आधार

यूपी वन निगम ने योगी सरकार के मार्गदर्शन में न केवल आर्थिक लाभ अर्जित किया, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। वन निगम ने तेन्दूपत्ता संग्रहण के माध्यम से लगभग 02 लाख जनजातीय परिवारों को आजीविका भी प्रदान की है।

विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष लगभग 04 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता का उत्पादन किया गया। जिससे बीड़ी उद्योग से जुड़े छोटे-बड़े ठेकेदारों और श्रमिकों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हुए। यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

महाकुंभ 2025 में निगम ने किया 27,000 क्विंटल जलौनी लकड़ी का विक्रय

सनातन आस्था के महापर्व, महाकुंभ 2025 में यूपी वन निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जलौनी लकड़ी के विक्रय की व्यवस्था की। जिसके तहत प्रयागराज में अस्थाई रूप से बसी महाकुम्भ नगरी में यूपी वन निगम में 17 टालों के माध्यम से 27,000 क्विंटल जलौनी लकड़ी का विक्रय किया। यह प्रयास न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से टिकाऊ रहा, बल्कि करोंड़ो श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की आस्था को भी पूरा करने में भी सहायक सिद्ध हुआ। यह पहल कुंभ मेले की व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखी जा रही है।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button