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गो संरक्षण में यूपी बना और राज्यों के लिए नजीर

पहली बार प्रदेश में गोपाष्टमी पर्व पर जिले स्तर पर हुए कार्यक्रम में मंत्री से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों ने की सहभागिता, खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीरजापुर में कार्यक्रम में हुए शामिल . तीन साल पहले प्रदेश में नाम मात्र गौशालाएं थीं, लेकिन अब 5145 सरकारी गौ आश्रय स्थलों में पांच लाख 25 हजार तीन सौ 76 गोवंश  .

लखनऊयया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम् । तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम् ॥  अर्थात:- जिसने समस्त चराचर जगत को व्याप्त कर रखा है, उस भूत और भविष्य की जननी गौ माता को मैं नतमस्तक होकर प्रणाम करता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इसी संकल्प को गो सेवा कर प्रदेश दूसरे राज्यों के लिए नजीर पेश कर रहा है।  मुख्यमंत्री ने गायों को न सिर्फ गो आश्रय स्थल दिलवाया है, बल्कि उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान की भी व्यवस्था की है। प्रदेश में गो सेवा से एक पंथ, कई कार्य हो रहे हैं। गो सेवा से पुण्य भी मिल रहा, गो सेवा भी हो रही, कुपोषित बच्चों को सुपोषित और स्वेच्छा से गो सेवा कर रहे किसानों को आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है। साथ ही छुट्टा पशुओं की समस्याओं से लोगों को राहत भी मिल रही है।

पहली बार पूरे प्रदेश में गोपाष्टमी पर्व पर जिले स्तर पर कार्यक्रम हुए, जिसमें मंत्री से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों की सहभागिता रही। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीरजापुर में कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सभी जिलों में गोवंश का चिकित्सकीय परीक्षण और टीकाकरण, मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना और कुपोषित बच्चों के परिवारों को दुधारू गाय दी गईं। साथ ही कृषक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।  प्रदेश में 2017 के पहले नाम मात्र गोशालाएं थीं, लेकिन अब 5145 सरकारी गौ आश्रय स्थलों में पांच लाख 25 हजार तीन सौ 76 गोवंश हैं। इसके अलावा 456 निजी गौशाला रजिस्टर्ड हैं, जिनमें हजारों की संख्या में गोवंश हैं। एक हजार 56 गो आश्रय स्थलों पर जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में एक करोड़ 11 हजार गोवंशों की टैगिंग की गई है।

1178 अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को 1184 गोवंश दिया

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर गो सेवा से अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को भी जोड़ा गया है। प्रदेश में अब तक 1178 अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को 1184 गोवंश दिया गया है। इससे कुपोषित बच्चों को सुपोषित भी किया जा रहा है और परिवार भी आत्मनिर्भर बन रहा है।

66 हजार 257 गोवंश पात्रों को दिया

प्रदेश में सहभागिता योजना के तहत 66 हजार 257 गोवंश को पात्रों को दिया गया है। साथ ही उन्हें हर माह गो सेवा के लिए नौ सौ रुपए भी सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं।

दो लाख 62 हजार कुंतल पराली जनसहयोग से जमा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पराली को लेकर पहल रंग ला रही है। प्रदेश में दो लाख 62 हजार कुंतल पराली जनसहयोग से गौशाला स्थलों में जमा कराई गई है। उन्नाव जिले में एक ट्राली पराली के बदले खाद दी जा रही है, तो कानपुर देहात में पराली देने पर किसानों को सम्मानित किया जा रहा है।

गोबर से सीएनजी बनाने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के माध्यम से गोआश्रय स्थल की एक गाय की देखभाल के लिए इच्छुक व्यक्तियों को नौ सौ रुपए प्रति माह देने की व्यवस्था की है। इससे निजी संस्थाओं को भी जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में गाय के गोबर से सीएनजी तैयार की जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश में भी गोबर से सीएनजी बनाने की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने वृहद गोसंरक्षण केंद्र स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

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