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धार्मिक के साथ ही यूपी को ईको टूरिज्म का हब बनाने में जुटी योगी सरकार

दुधवा नेशनल पार्क और किशनपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी आने वाले सैलानियों के लिए दो नये पर्यटन स्थलों को किया जाएगा डेवलप.चंदन चौकी में ईको लॉज, टेंटिंग एवं ग्लैम्पिंग और शारदा बैराज के पास टेंटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स का किया जाएगा विकास.

  • लखीमपुर खीरी में चंदन चौकी और शारदा बैराज के पास पर्यटन सुविधाएं की जाएंगी विकसित

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का पर्यटन सेक्टर पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि का साक्षी रहा है। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे स्थल देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। रामायण सर्किट, कृष्ण-ब्रज सर्किट, बौद्ध सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट और जैन सर्किट जैसी परियोजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। वहीं ईको टूरिज्म के साथ-साथ सांस्कृतिक और साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। तराई क्षेत्र, जिसमें दुधवा, पीलीभीत और कतर्नियाघाट जैसे स्थान शामिल हैं, जैव विविधता के भंडार के रूप में उभर रहे हैं। योगी सरकार ने प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता को संरक्षित करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस दिशा में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं।

ईको टूरिज्म का नया केंद्र बन रहा लखीमपुर खीरी

लखीमपुर खीरी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है, अब ईको टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। सरकार की ओर से चंदन चौकी और शारदा बैराज के पास पर्यटन सुविधाओं के विकास की योजना बनाई गई है। चंदन चौकी में ईको लॉज, टेंटिंग और ग्लैम्पिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जो पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाने के साथ-साथ आरामदायक अनुभव प्रदान करेंगी। वहीं, शारदा बैराज के पास टेंट सिटी और वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं शुरू की जाएंगी, जो साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी।

स्थानीय समुदाय के लिए सृजित होंगे रोजगार के अवसर

इसके अतिरिक्त, पर्यटक थारू जनजाति की समृद्ध संस्कृति से भी रूबरू होंगे। थारू कल्चर को प्रदर्शित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्थानीय हस्तशिल्प की प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी, जिससे पर्यटकों को स्थानीय परंपराओं और जीवनशैली को समझने का अवसर मिलेगा। योजना का उद्देश्य न केवल पर्यटकों को आकर्षित करना है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना भी है। प्रशिक्षित नेचर गाइड्स की मदद से पर्यटक इन क्षेत्रों की जैव विविधता, पक्षियों और वनस्पतियों के बारे में गहन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा

योगी सरकार ने ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत कदम उठाए हैं। वर्ष 2022 में लागू पर्यटन नीति में वाइल्डलाइफ और ईको टूरिज्म सर्किट को विशेष महत्व दिया गया है। इसके तहत राज्य के हर जिले में ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन’ योजना के माध्यम से ईको टूरिज्म स्थलों को चिह्नित और विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के गठन ने इस दिशा में प्रयासों को और गति दी है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि प्रकृति और परमात्मा की उत्तर प्रदेश पर असीम अनुकंपा है। इस दृष्टिकोण के साथ राज्य जल्द ही देश का प्रमुख ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन बन सकता है।

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