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श्रीरामलला के मंदिर में उमड़ा जनसैलाब, जयकारों से गूंजी अयोध्या

अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक बुधवार को रामलला विराजमान की प्रथम वर्षगांठ.बड़ी संख्या में रामनगरी पहुंचे श्रद्धालु, सुरक्षा के रहे इंतजाम कड़े.

  • योगी सरकार ने दर्शनार्थियों के लिए स्वच्छता, सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के दिये हैं आदेश
  • विभिन्न मठ मंदिरों में धूम, मणि राम दास छावनी में 41 दिवसीय अनुष्ठान शुरू

अयोध्या । रामनगरी में बुधवार को फिर से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह कोहरा व बेतहाशा ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। हर तरफ जय श्रीराम के जयकारे लगते रहे। मानो एक बार फिर से त्रेता युग लौट आया हो। श्रीराम चन्द्र के दर्शन के लिए श्रद्धालु देर शाम तक जन्मभूमि पथ पर कतारबद्ध दिखे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

भव्य मंदिर में 22 जनवरी 2024 में ही रामलला विराजमान हुए थे। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक बुधवार को राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर श्रद्धालुओं का रेला नजर आया। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 11 जनवरी को ही पहली वर्षगांठ मना चुका है। तीन दिन आयोजन भी हुए। उस दौरान भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंच रामलला का दर्शन किया था। अब जब बारी आई 22 जनवरी की तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा निवेदित करने पहुंच गए। प्रदेश की योगी सरकार ने दर्शनार्थियों के लिए स्वच्छता व सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिये हैं। जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ जुटा दिखा।

विभिन्न मठ मंदिरों में धूम, 41 दिन का अनुष्ठान शुरू

राम मंदिर की पहली वर्षगांठ को देखते हुए मठ मंदिरों में भी धूम है। हनुमानगढ़ी में दर्शन के लिए एक किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। इसके अलावा दशरथ महल-कनक भवन समेत अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। उधर, मणिरामदास छावनी में सुबह रथयात्रा निकालने के बाद 41 दिवसीय अनुष्ठान का आगाज हो गया। इसमें सवा लाख से भी अधिक श्रीराम रक्षास्रोत का जाप होगा।

बीते पलों को जीने के लिए उमड़े श्रद्धालु

बड़ी संख्या में अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंचे।श्रद्धालुओं में से अनेक ऐसे भी हैं जो बीती 22 जनवरी को अयोध्या में थे। उसी पल को जीने के लिए वे फिर रामनगरी में हैं। ट्रस्ट को भीड़ के आने का अनुमान था इसलिए व्यवस्थाएं भी तदनुरूप की गई थी। राम मन्दिर के आसपास का सारा क्षेत्र ब्रह्म मुहूर्त से ही जयकारों से गूंजने लगा था। होटल और धर्मशालाएं पहले से ही लोग आरक्षित कराए हुए थे। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि हिंदी कैलेंडर के मुताबिक 11 जनवरी को द्वादशी मनाई गई थी, लेकिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक दर्शन करने पहुंचे हैं। सुबह से ही भीड़ दिखी।

सुरक्षा के लिहाज से जोन व सेक्टर में बटी अयोध्या

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किये गए हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या को 6 जोन और 17 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। जोन में राजपत्रित अधिकारियों सेक्टर में सीओ लेवल के अधिकारी को तैनाती दी गई है।

हनुमान चालीसा पढ़ते हुए राम मंदिर में किया प्रवेश

राजस्थान की विजयलक्ष्मी ने बताया कि उधर बालाजी और यहां रामलला की ही कृपा रही कि अच्छे से दर्शन मिल गया। उन्होंने बताया कि उनके साथ 17 लोगों का ग्रुप आया था। सभी हनुमान चालीसा पढ़ते हुए राम मंदिर में प्रवेश किये। 500 वर्षों बाद अयोध्या में रौनक लौटी है। सभी को दर्शन के लिए पहुंचना चाहिए।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर अयोध्या में निकली शोभा यात्रा

अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने की खुशी में मणिरामदास छावनी से गाजे-बाजे के संग भव्य शोभायात्रा निकाली गयी।श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने बुुधवार को यूनीवार्ता को बताया कि प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने की खुशी में मणिरामदास छावनी में गाजे-बाजे के संग भव्य शोभायात्रा निकाली गयी।उन्होंने बताया कि हाल में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ग्यारह जनवरी को हिन्दू तिथि के अनुसार भव्यता पूर्वक एक वर्ष पूर्ण होने की खुशी में प्राण प्रतिष्ठा मनाया गया था। अंग्रेजी तिथि के अनुसार आज ही के दिन प्राण प्रतिष्ठा हुआ था इसलिए हम संत धर्माचार्य एक शोभायात्रा वैदिक मंत्रोच्चार से निकला है।

मणिरामदास छावनी से गाजे-बाजे के संग यह शोभायात्रा निकाली गयी जो अपने गंतव्य मणिरामदास छावनी के श्रीराम सत्संग भवन पहुंची। उसके बाद 250 विद्वान पंडितों ने सवा लाख श्रीरामरक्षा स्रोत का पाठ आरंभ किया। शोभायात्रा में श्रीरामलला, बजरंगबली और सात विशेष रामरक्षा यंत्र विराजमान थे।मंहत ने बताया यह कार्यक्रम श्रीरामलला अयोध्याजी सेवा समिति के तत्वावधान में हो रहा है, जो 41 दिनों तक अनवरत चलता रहेगा। इस क्रम में 51 विद्वान पंडित प्रतिदिन 2100 रामरक्षा स्रोत का पाठ करेंगे।श्री रामलला महोत्सव के आयोजक आयोजक और श्रीरामलला महोत्सव के आयोजक एवं श्रीरामलला अयोध्याजी सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. आचार्य राजानंद शास्त्री ने बताया कि 22 जनवरी को श्रीरामजन्मभूमि पर भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।

आज एक वर्ष पूर्ण हो गया। रामलला की प्रतिष्ठा के अवसर पर हम लोग 41 दिनों का उत्सव मना रहे हैं। रामरक्षा स्तोत्र के पाठ संग महोत्सव का शुभारम्भ हो चुका है। इस मौके पर धर्मध्वजा संग दिव्य शोभायात्रा निकाली गयी है। मण्डल पूजन किया गया। अयोध्या के विद्वान पंडितों ने रामरक्षा स्तोत्र का पाठ किया।उन्होंने बताया कि आज ही संत-महंतों का समागम और राम मंदिर आंदोलन के बलिदानी कारसेवकों को नमन किया गया। उन्होंने बताया कि अनुष्ठान के क्रम में सात विशेष रामरक्षा यंत्र अभिमंत्रित किया जायेगा। जिसमें पहला यंत्र श्रीरामलला, दूसरा हनुमानगढ़ी में बजरंगबली को समर्पित किया होगा। तीसरा रामरक्षा यंत्र मणिरामदास छावनी में और चौथा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पांचवा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया जायेगा।

छठा यंत्र समिति और सातवां यंत्र धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग होगा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को रक्षायंत्र श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के द्वारा किया जायेगा।उन्होंने बताया कि वर्षगांठ महोत्सव पर रामलला को 56 भोग लगाकर जयपुरिया रजाई समर्पित की गयी है। वहीं श्रद्धालुओं में पौष बड़ा का प्रसाद वितरित किया गया।मणिरामदास छावनी के महंत कमल नयन दास ने कहा कि श्रीरामरक्षा यंत्र जनमानस का कल्याण करेगा। इस अवसर पर प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने कहा कि हम सबकी पीढ़ी बहुत ही सौभाग्यशाली है जो हम सबने रामलला का भव्य मंदिर और उसमें रामलला को विराजमान होते देखा। उन्होंने कहा कि हम लोग भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने का प्रथम वर्षगांठ मना रहे हैं, यह हमारे लिये गर्व व खुशी की बात है।

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