“मिठाई बेचने और बनाने वालों के दोनों हाथ में लड्डू”
प्राण प्रतिष्ठा के जरिए चरितार्थ हो रहा यह मुहावरा
“दोनों हाथ में लड्डू”। वर्तमान में यह मुहावरा, मिठाई बेचने वाले, इनसे जुड़े कारीगरों पर कारोबार के लिहाज से चरितार्थ हो रहा है। इसका जरिया बना है रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक दिन ,22 जनवरी)। संभव है किसी खुश किस्मत या इनोवेटर का राम नाम से जुड़ा लड्डू, पेड़ा जैसी कोई मिठाई ब्रांड भी बन जाय। ऐसा हो चुका है। बर्डपुर (जिला सिद्धार्थ उत्तर प्रदेश) की “राम कटोरी” इसका सबूत है।
कार सेवा के दौरान चर्चित हुई रामकटोरी बन गई ब्रांड
बात 1990 की है। तब राम मंदिर आंदोलन चरम पर था। संतों, धर्माचार्यों और विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में कारसेवा का ऐलान किया था। सिद्धार्थनगर जिले के बर्डपुर कस्बा निवासी विनोद मोदनवाल कारसेवा के लिए अयोध्या जाते समय 2 नवंबर 1990 गिरफ्तार हो गए। उनको बस्ती जेल में रखा गया। 28 दिन बाद वहां से छूटे तो घर पर कटोरी के आकार की एक मिठाई तैयार की। इसका नाम रखा “रामकटोरी”। तब उन्होंने इसे बतौर प्रसाद लोगों में बांटा।
खोआ और घी से बनी अपेक्षाकृत कम मीठी यह मिठाई अपने नाम और खास स्वाद के कारण मिठाई हिट हो गई । खासकर बस्ती और गोरखपुर मंडल में। चूंकि इन दोनों मंडलों के बहुत से लोग रोजी रोजगार के चलते देश के महानगरों और विदेशों में रहते हैं, लिहाजा इनके जरिए यह बाकी जगहों पर भी जाती है। बिना भेदभाव के सब इसकी मिठास का आनंद लेते हैं।संभव है प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भी इस बार भी किसी मिठाई बनाने वाले पर रामजी और रामभक्तों की कृपा हो जाय।
पैकेजिंग और परिवहन से जुड़े लोगों की भी चांदी
सिर्फ मिठाई ही नहीं इसके पैकेट्स के लिए भी भगवान श्रीराम और राम मंदिर बने अलग अलग साइज के पैकेट्स की खासी मांग है। लिहाजा पैकेजिंग इंडस्ट्री को भी बूम मिलेगा।
बिना भेदभाव को सबकी रोजी रोटी का अवसर बना प्राण प्रतिष्ठा
इसका लाभ इनको तैयार करने वाले कारीगरों को भी मिलेगा। लोडिंग अनलोडिंग और ट्रांपोर्टेशन से मिलने वाला रोजगार अलग से। पैकेट बनाने वाले ,ट्रांपोर्टेशन और लोडिंग अनलोडिंग करने वाले किसी मजहब के हो सकते हैं। ऐसे में यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “सबका साथ, सबका विकास”, विजन के अनुरूप होगा।