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नये संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक यात्रा में महत्वपूर्ण पड़ाव: मूर्मु

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने नये संसद भवन के उद्घाटन को लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बताते हुये रविवार को कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान हो रहा यह महत्वपूर्ण आयोजन हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के संरक्षण एवं विस्तार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।श्रीमती मूर्मु ने नये संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर भेजे अपने संदेश में यह बात कही।

उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति के इस संदेश का पढ़ा। संदेश में उन्होंने कहा, “ यह हमारे देशवासियों की सामूहिक आशाओं और आंकक्षाओं से आलौकिक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर करने के लिए हमारे राष्ट्र को ऊर्जा प्रदान करे। हमारे संविधान के शिल्पकारों ने ऐसे राष्ट्र की परिकल्पना की थी जिसका स्वरूप लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये प्रतिनिधियों से बनी संसद की विधायी विवेक के आधार पर निर्मित हो रहा है। आज मुझे इस बात का गहरा संतोष है कि संसद के विश्वास के प्रतीक प्रधानमंत्री जी इस नये संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं।”

नये संसद भवन का उद्घाटन भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घड़ी: धनखड़

उप राष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर अपने संदेश में कहा कि उम्मीद है कि नया भवन भविष्य की भावी चुनौतियों के बीच भारत का पथ प्रदर्शक बनेगा और साझा आकांक्षाओं को सार्थक तथा सशक्त दिशा देगा।श्री धनखड़ ने अपने संदेश में कहा, “भारतीय लोकतंत्र की अभूतपूर्व विकास यात्रा की इस महत्वपूर्ण ऐहितासहिक घड़ी और गौरव क्षण में पूरे देश को हार्दिक बधाई देते हुये मुझे अपार खुशी है। हमारा मौजूदा संसद भवन आजादी मिलने से आज दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में भारत की पहचान बनने तक की ऐहितिहासिक यात्रा का गवाह है।”

विश्व को वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत से अपेक्षा : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि अमृत काल में भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और विश्व वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत की ओर अपेक्षा से देख रहा है।श्री बिरला ने आज नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर अपने सम्बोधन में कहा,“ भारत विश्व का प्राचीनतम लोकतंत्र है। संपूर्ण विश्व में लोकतंत्र की जननी के रूप में हमारी पहचान है। आज़ादी के बाद भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं तथा परम्पराएं और अधिक सशक्त हुई हैं। हमारी निर्वाचन प्रक्रिया के कुशल, पारदर्शी एवं विश्वसनीय प्रबंधन के कारण लोगों का विश्वास हमारे लोकतंत्र में निरंतर बढ़ा है।”(वार्ता)
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मोदी ने किया नये संसद भवन का लोकार्पण, सेंगोल किया लोकसभा में स्थापित

नया संसद भवन लोकतांत्रिक भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत: हरिवंश

राजद ने संसद के नये भवन की तुलना ताबूत से की, भाजपा ने इसे शर्मनाक बताया

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