National

अच्छे आचरण वाले कैदियों को सरप्राइज गिफ्ट दे सकती है योगी सरकार

40 साल उम्र से कम वाले विचाराधीन कैदियों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षित करने के निर्देश.प्रदेश की जेलों में बंद प्रशिक्षित कैदियों की भी योगी सरकार ने मांगी ट्रेडवार लिस्ट.

  • प्रदेश की जेलों में 7 साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की बन रही लिस्ट
  • ऐसे कैदियों की भी बन रही सूची, जिनका एक साल से परिवार वालों ने नहीं लिया हालचाल
  • योगी सरकार ने जेल अधीक्षकों से दया याचिकाओं के सभी मामलों की सूची भी की तलब

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की जेलों में सात साल से बंद विचाराधीन कैदियों को बड़ी राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जेल विभाग ऐसे कैदियों की लिस्ट तैयार करने में जुटा हुआ है, जिन्होंने सात साल जेल में गुजार दिये हैं और जिनका आचरण अच्छा है व उन्होंने अपने जुर्म का इकबाल भी कर लिया हो।

सरकार की ओर से जेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि सभी अपनी-अपनी जेलों में सात साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की सूची उपलब्ध कराएं एवं साथ में सुझाव भी दें, जिससे कि विचाराधीन कैदियों की संख्या को कम से कम किया जा सके। ऐसे कैदियों की फाइलें मुख्यालय तलब की गयी हैं, जो दया याचिकाओं के मानकों को पूरा करते हैं।

दया याचिकाओं में आ रही बाधाओं की रिपोर्ट तलब

डीआईजी जेल एके सिंह के अनुसार प्रदेश की सभी जेलों में सात साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की दया याचिका के मामलों में आ रही बाधाओं के बारे में रिपोर्ट तलब की गयी है। उन्होंने बताया ऐसे कैदियों की रिहाई का रास्ता प्रशस्त हो और इनके लंबित केसों में उचित पैरवी कराने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं।

उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से प्रदेश में कुल 62 जेलों और बंदी नारी निकेतन में बंद ऐसे विचाराधीन कैदियों की लिस्ट बनायी जा रही है, जिनका आचरण अच्छा हो और उनकी ओर से अपने जुर्म का इकबाल करते हुए दया की अपील की गयी हो।

ट्रेडवार प्रशिक्षित कैदियों की भी लिस्ट उपलब्ध कराएं जेल अधीक्षक

डीआईजी जेल के अनुसार विभाग ऐसे कैदियों की भी लिस्ट तैयार करा रहा है, जिनसे एक साल में उनका कोई भी परिजन मिलने न आया हो। जेलों में बहुत से ऐसे भी कैदी हैं जिनकी आयु 40 साल से कम है और जो छोटे-मोटे अपराधों में जेल में बंद हैं। ऐसे कैदियों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास के माध्यम से ट्रेनिंग देने का कार्य किया जाएगा, जिनसे उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।

प्रदेश की सभी जेलों के अधीक्षकों से अपनी अपनी जेलों से ट्रेडवार प्रशिक्षित कैदियों की भी लिस्ट मांगी गयी है। अधिकारी के अनुसार जेलों में बंद सभी बंदी पेशेवर अपराधी नहीं होते हैं, उनके साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यक्ता है, जिससे वे अच्छी सोच और स्किल के साथ बाहर आएं और समाज की मुख्यधारा में दोबारा जुड़ सकें।

जल्द से जल्द कराएं अलाव और कंबल की व्यवस्था

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की सभी जेलों के अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे समाजसेवी संस्थाओं और जिला प्रशासन की मदद से कैदियों के लिए सर्दियों में कम्बल और अलाव आदि की व्यवस्था करें। जेलों में गुणवत्तापरक भोजन, कैदियों की उनके परिजनों से वार्ता एवं मिलाई की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए भी शासन स्तर से हमें निर्देश मिले हैं। मुख्यालय से सभी निर्देश प्रदेश की सभी जेलों के अधीक्षकों को भेज दिया गया है।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button