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दीपोत्सव के अवसर पर अपने उद्बोधन में आलोचकों को करारा संदेश दे गए पीएम मोदी

फिर एक बार की सीएम योगी के विकास कार्यों की तारीफ, कहा-दीर्घ दृष्टि के साथ हो रहा अयोध्या का विकास

आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों का गौरव लौटाने के वादों पर अटल है डबल इंजन सरकार
8 साल पहले धार्मिक स्थलों की दुर्दशा पर तंज कसने से नहीं चूके पीएम मोदी

लखनऊ । अयोध्या में दीपोत्सव के लिए पहुंचे पीएम मोदी ने अपने उद्बोधन के जरिए साफ संदेश दे दिया कि भले ही विपक्ष चाहे जितना शोर मचाए, केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार सिर्फ आस्थावान ही नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों का गौरव लौटाने के वादों को भी पूरा करने पर अटल है। पीएम ने साफ कर दिया कि 8 साल पहले केंद्र में और 5 साल पहले उत्तर प्रदेश में जब तक भाजपा की सरकारें नहीं थीं, तब तक धार्मिक नगरों और धार्मिक स्थलों के हालात बदतर थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद से एक-एक कर सभी धार्मिक नगरों को उनकी पौराणिक और सांस्कृतिक पहचान वापस दिलाने का कार्य किया जा रहा है।

धार्मिक आस्था का पूरा मान

केदारनाथ के तुरंत बाद अयोध्या की यात्रा से पीएम मोदी ने कई संदेश देने की कोशिश की है। उनका श्रीराम जन्मभूमि स्थल से यात्रा की शुरुआत करना तथा वहां बन रहे रामलला के मंदिर की प्रगति को देखने का कार्यक्रम लोगों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश है कि भाजपा सरकार के लिए सनातन संस्कृति के सरोकारों पर काम उनकी आत्मा से जुड़ा है। केंद्र और राज्य की सरकार सिर्फ शिलान्यास और लोकार्पण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वो धार्मिक स्थलों पर चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति पर भी नजर रख रही है। यही नहीं, काशी का विश्वनाथ धाम कॉरीडोर इस बात की बानगी है कि पीएम मोदी और सीएम योगी जिस काम का जिम्मा लेते हैं, उसे धार्मिक आस्था के साथ-साथ पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ पूर्ण करते हैं। हालांकि प्रतीकों से राजनीतिक समीकरणों को साधने में सिद्धहस्त मोदी की अयोध्या यात्रा सियासी संदेश भी देती दिख रही है।

सियासी मायने भी

अयोध्या और श्री राम जन्मभूमि मंदिर वह प्रतीक है जिसने 1990 के दशक में पूरे देश की राजनीति को प्रभावित ही नहीं किया था, बल्कि सियासी समीकरणों को भी बदल दिया था। कांग्रेस के पराभव तथा भाजपा के पराक्रम की यात्रा का भी यह मुद्दा बड़ा पड़ाव रहा है। हिमाचल और गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चल रही है। साल 2023 में उत्तर से दक्षिण तक नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर 2024 में लोकसभा और कुछ अन्य राज्य में चुनाव होने हैं। गुजरात सहित चुनाव वाले ज्यादातर राज्यों के लोगों की मंदिर आंदोलन में बड़ी भागीदारी रही है। गोधरा कांड से गुजरात के लोगों का अयोध्या से जुड़ाव संवेदना के स्तर तक है। मोदी को जानने वालों की मानें तो पीएम मोदी की अयोध्या यात्रा इन राज्यों के आस्थावान हिंदुओं को यह स्मरण कराने का प्रयास है कि उनके परिजनों के बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।

सीएम योगी की तारीफ

प्रधानमंत्री प्रदेश के लोगों को भी यह संदेश देते दिख रहे हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ की हर पहल को उनका समर्थन ही नहीं, बल्कि उसमें वे पूरी तरह साथ हैं। जिस तरह उन्होंने अपने उद्बोधन में अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों का जिक्र किया, जिस तरह उन्होंने अयोध्यावासियों को भगवान राम के कर्तव्य पथ की याद दिलाते हुए सरकार की योजनाओं में भागीदारी सुनिश्चित करने का वचन लिया, वो दिखाता है कि सीएम योगी के प्रति पीएम का क्या भाव है। उन्होंने यहां तक कहा की योगी जी दीर्घ दृष्टि के साथ अयोध्या के विकास में जुटे हुए हैं। जाहिर है मोदी की अयोध्या यात्रा प्रदेश में डबल इंजन सरकार से विकास को रफ्तार के प्रधानमंत्री के आश्वासन को ताकत दे रही है।

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