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सनातन धर्म से ही सुरक्षित रहेगी विश्व मानवता : सीएम योगी

गोरखनाथ मंदिर में श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम के अभिनंदन समारोह में बोले मुख्यमंत्री

  • सनातन धर्म जितनी स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और सहजता अन्यत्र कहीं नहीं : सीएम योगी

गोरखपुर । गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सनातन धर्म वास्तव में मानव धर्म है। सनातन धर्म ही विश्व मानवता का धर्म है। सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा तो न केवल भारत सुरक्षित रहेगा बल्कि विश्व मानवता सुरक्षित रहेगी।सीएम योगी बुधवार शाम, श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ महासन्निधानम के मंगलमय आशीर्वाद और दिव्य आदेश से विजय यात्रा लेकर गोरखपुर पधारे जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम के शंकर वचन (आशीर्वचन) के पूर्व उनके अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जगद्गुरु शंकराचार्य को अंगवस्त्र ओढ़ाकर तथा उपहार भेंटकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म अर्वाचीन है। समय समय पर इस पर अनेक प्रहार हुए लेकिन भगवान की अवतार परंपरा, संतों, ऋषियों और महामानवों ने धराधाम पर सनातन धर्म का संरक्षण किया और सनातन धर्मावलंबियों के सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में अनेक पंथ, सम्प्रदाय, मत, मजहब ने अपने विचार लोगों पर थोपने के प्रयास किए लेकिन सनातन अपने विचार किसी पर थोपता नहीं है। यह जीवन जीने के तरीके को स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और सहजता से आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता है। सनातन धर्म जितनी स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और सहजता अन्यत्र कहीं नहीं है। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म को किसी एक परिभाषा में सीमित नहीं किया जा सकता। वास्तव में यह कृत और कर्ता के प्रति कृतज्ञता का भाव है। वाल्मीकि रामायण में भी यही बात उल्लिखित है।

सनातन परंपरा को पुनर्जीवित किया भगवान आदि शंकर ने

गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक समय यह लगने लगा था कि सनातन धर्म समाप्त हो जाएगा पर तब सनातन परंपरा को भगवान आदि शंकर ने पुनर्जीवित किया था। सनातन धर्म की परंपरा को सतत आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने विजय यात्रा निकाली, शास्त्रार्थ किया और देश के चार कोनों में चार धर्म पीठों, उत्तर में ज्योर्तिष, पूरब के जगन्नाथ, पश्चिम में द्वारिका और दक्षिण में श्रृंगेरी पीठ की स्थापना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कई बार श्रृंगेरी पीठ जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा कि हर कालखंड में श्रृंगेरी पीठ की परंपरा का गोरक्षपीठ मैं आगमन होता रहा है। वर्ष 1977 में प्रयागराज महाकुंभ के समय श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य का आगमन गोरक्षपीठ में हुआ था। उसके बाद पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य भारतीय तीर्थ जी महाराज तथा अब जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती जी का आगमन हुआ है। जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती जी का उत्तर प्रदेश में आगमन सर्वप्रथम प्रयागराज महाकुंभ में हुआ तत्पश्चात वह काशी और अयोध्या की यात्रा करते हुए, सनातन धर्मावलंबियों को आशीष देते हुए गोरखपुर पधारे हैं। शंकराचार्य जी जहां भी गए जनता ने हर्षोल्लास के साथ उनके अभिनंदन का गौरव प्राप्त किया।

महाकुंभ का संदेश, एकता से अखंड रहेगा देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ पूरे विश्व को एकता का संदेश दे रहा है। 45 दिन के महाकुंभ के आयोजन में अब 14 दिन का समय शेष है। अब तक 31 दिन में करीब 48 करोड़ श्रद्धालु गंगा जमुना, सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत का उदाहरण प्रस्तुत करने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते हैं कि महाकुंभ का यही है संदेश, एकता से अखंड रहेगा देश। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काशी में बाबा विश्वनाथ के बने भव्य धाम और अयोध्या में 500 वर्षों के इंतजार के बाद बने श्रीराम मंदिर की दिव्यता और भव्यता को गौरवान्वित करने वाला बताया। उन्होंने कहा की नई काशी और नई अयोध्या का कायाकल्प तथा नया कलेवर हर सनातन धर्मावलंबी को आनंद की अनुभूत करने वाला है।

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