
लखनऊ : वर्दीधारी ट्रेनिंग में जितना पसीना बहाएंगे, जीवन में उतना ही कम खून बहेगा। महाकुंभ में पुलिस की भूमिका एक मिसाल थी। यहां आने वाले हर इंसान ने पुलिस के व्यवहार की प्रशंसा की। अगर हम वहां कर सकते हैं, तो हर जगह कर सकते हैं। पुलिस बल केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का प्रतीक बन रहा है। यूपी पुलिस में 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष के कार्यकाल ने नए भारत के रूप में प्रत्येक भारतीय के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा 60,244 नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में कही।
पहले पैसे और सिफारिश के बिना नौकरी मिलना असंभव था, अब यह बीते जमाने की बात हो चुकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 60,244 नव-नियुक्त पुलिसकर्मियों का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम देश के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल में अब तक का सबसे बड़ा नियुक्ति कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि यह महज एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हावी था। पैसे और सिफारिश के बिना नौकरी मिलना असंभव था, लेकिन अब यह सब बीते जमाने की बात हो चुकी है। हमने संविधान प्रदत्त आरक्षण का पालन करते हुए पूरी प्रक्रिया को मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर संपन्न किया। सीएम ने कहा कि भर्ती में किसी भी जाति, धर्म, वर्ग या क्षेत्र के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। प्रदेश में भर्तियों में दलित, पिछड़े, जनजातीय, गरीब, बेटियों सबको समान अवसर मिला है। यह नया उत्तर प्रदेश है, जहां मेरिट के आधार पर हर युवा को न्याय मिल रहा है।
पीएम मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग के सूत्र को प्रदेश ने जमीनी हकीकत बना दिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश के युवाओं को साढ़े आठ लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गईं है। वहीं अकेले यूपी पुलिस में करीब सवा दो लाख भर्तियां की गई हैं। यह केवल संख्या नहीं, बल्कि प्रदेश को दंगा मुक्त, भय मुक्त और निवेश समर्थ प्रदेश बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसी के साथ डबल इंजन की सरकार ने परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता क्या होती है, इसका उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में गरीब से गरीब परिवार का बेटा भी शामिल हुआ है। अब वह भी सिपाही बनकर प्रदेश की जनता की सेवा में योगदान दे पाएगा। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के सूत्र स्ट्रिक्ट एंड सेंसटिव, मॉर्डन एंड मोबाइल, अलर्ट एवं अकाउंटिबल, रिलायबल एंड रिस्पॉन्सिबल और टैक्नो सैवी एंड ट्रेंड का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने इन सिद्धांतों को जमीनी हकीकत बना दिया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में जब हमने भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, तब केंद्री गृह मंत्री ने पैरामिलिट्री और मिलिट्री ट्रेनिंग संसाधन उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब हमने राज्य में ही 60,000 से अधिक पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता विकसित कर ली है।
प्रदेश में 8 नई फॉरेंसिक लैब हो रही संचालित, सभी जिलों में तैनात हैं दो-दो माेबाइल फॉरेंसिक वैन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में फॉरेंसिक क्षमता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 8 नए फॉरेंसिक लैब चालू हो चुके हैं जबकि 6 और निर्माणाधीन हैं। सभी 75 जिलों में दो-दो मोबाइल फॉरेंसिक वैन तैनात की जा चुकी हैं। साथ ही 75 जिलों में साइबर थाने और 1,994 पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। यह सभी व्यवस्था जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) के अनुरूप हैं। अंत में सीएम ने नव-नियुक्त जवानों से मित्रवत, संवेदनशील और जनता की समस्याओं को हल करने वाले पुलिसकर्मी बनने का आह्वान किया। उन्होंने सभी नव-नियुक्त पुलिसकर्मियों और उनके माता-पिता को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि वे प्रदेश की सेवा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री सुरेश खन्ना, स्वतंत्र देव, सूर्य प्रताप शाही, बेबी रानी मौर्य, आशीष पटेल, आेम राजभर, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी राजीव कृष्ण, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद आदि मौजूद रहे।
इन 15 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को केंद्रीय मंत्री ने दिये नियुक्ति पत्र
संतकबीर नगर के सत्यम नायक, खीरी के प्रेम सागर, फर्रुखाबाद की शालिनी शाक्या, बलिया के उपेंद्र कुमार यादव, बरेली की शिल्पा सिंह, कानपुर देहात के बीनू बाबू, महोबा के योगेंद्र सिंह, उन्नाव के शिवांश पटेल, वाराणसी के मनीष त्रिपाठी, लखनऊ की रोशन जहां, कानुपर नगर के आजाद कुशवाहा, गोरखपुर की मिथिलेश भट्ट, रायबरेली की सोनी रावत, मऊ की नेहा गोंड, बागपत के सचिन सैनी को मंत्र से नियुक्ति पत्र दिया गया।
जैसे ही संचालक ने योगी को आमंत्रित किया, 60244 युवाओं ने खड़े होकर किया अभूतपूर्व स्वागत
मंच संचालक ने जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया। पंडाल में आनंद, उमंग का अलग ही उत्साह दिखने लगा। सभी 60,244 युवाओं ने खड़े होकर नियुक्ति पत्र दिखाते हुए योगी आदित्यनाथ का खुले दिल से जोरदार स्वागत किया। जिन युवाओं के सपनों को पंख लगे, उन्होंने खड़े होकर अभिवादन किया। युवाओं के सपनों के सारथी योगी आदित्यनाथ भी यह उत्साह देख अभिभूत हुए। उन्होंने सफल अभ्यर्थियों, उनके माता-पिता व अभिभावकों को बधाई दी, फिर नवनियुक्त पुलिसकार्मिकों से वायदा लिया कि निष्पक्ष नौकरी मिली है तो काम सिर्फ जनसेवा का ही करना। इस पर नवनियुक्त कार्मिकों ने ताली बजाकर हामी भरी और योगी को आश्वस्त किया।
‘रोजगार के महाकुंभ’ में दिखा अनुशासन व सुव्यवस्था का संगम
रविवार को जब सूर्य उदय हुआ तो 60,244 से अधिक युवाओं के सपनों को पंख लग गए। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक तरफ प्रयागराज महाकुंभ में जहां 66 करोड़ श्रद्धालु उमड़े तो वहीं रविवार को 60,244 अभ्यर्थी एक साथ ‘रोजगार के महाकुंभ’ में नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ पहुंचे अभ्यर्थियों के बावजूद यहां अनुशासन और सुव्यवस्था का जो संगम दिखा, सभी ने मुक्तकंठ से इसकी प्रशंसा की। प्रतिकूल मौसम में अनुकूल व्यवस्था पाकर अभ्यर्थियों ने योगी सरकार का आभार जताया।
अनुशासन ऐसा, जिसने देखा मुरीद बन गया
60,244 से अधिक अभ्यर्थियों के साथ ही सुरक्षा और व्यवस्था में तैनात अधिकारी/कर्मचारी, फिर भी अनुशासन ऐसा कि जिसने भी देखा, मुरीद हो गया। बसों से आये नवचयनित अभ्यर्थी आयोजन स्थल पर एक साथ पंक्ति में जाकर बैठे। खाकी पैंट, सफेद शर्ट, सफेद टोपी पहने पुरूष अभ्यर्थी व सलवार सूट/साड़ी में 12000 से अधिक महिला अभ्यर्थियों का अनुशासन देखते ही बन रहा था।
मौसम भी न डिगा पाया हौसला
विपरीत मौसम भी ऐतिहासिक नियुक्ति पत्र वितरण में आए अभ्यर्थियों का हौसला न डिगा पाया। यहां अभ्यर्थी अपने जनपद से आए अधिकारियों के साथ अपने मंडल को निर्धारित ब्लॉक में जाकर बैठ गए। वहीं उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया।
पानी-मेडिकल टीम की समुचित व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आयोजन स्थल का निरीक्षण किया था। उन्होंने व्यवस्थाओं के निमित्त कई निर्देश भी दिए थे। आयोजन स्थल पर भीषण गर्मी को देखते हुए पानी की समुचित व्यवस्था की गई थी। वहीं मेडिकल टीम भी पूरी तरह से मुस्तैद रही। यहां आए लोगों के लिए फर्स्ट एड समेत अन्य व्यवस्था की गई थी।
छह ब्लॉक में 18 मंडलों की व्यवस्था
सभी 18 मंडल से आये अभ्यर्थियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए छह ब्लॉक में अभ्यर्थियों की व्यवस्था की गई। ए से एफ तक मंडल के अनुसार बैठने, नियुक्ति पत्र वितरण की समुचित व्यवस्था की गई थी।
ब्लॉक- मंडल
ब्लॉक ए- आगरा, गोरखपुर व देवीपाटन मंडल
ब्लॉक बी- बरेली, अलीगढ़, प्रयागराज व चित्रकूट
ब्लॉक सी- लखनऊ, अयोध्या व सहारनपुर
ब्लॉक डी- कानपुर, बस्ती, आजमगढ़ व झांसी
ब्लॉक ई- वाराणसी, मीरजापुर व मुरादाबाद
ब्लॉक एफ- मेरठ
लड़कियों में दिखा चयन पर उत्साह, बोलीं-सीएम योगी की निष्पक्ष नीति से बनीं देश की सिपाही
उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस विभाग में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को एक साथ नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 60,244 नव चयनित सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपकर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस नियुक्ति प्रक्रिया में 12 हजार से अधिक लड़कियों को भी रोजगार का अवसर मिला है। जिससे प्रदेश भर में खासकर युवतियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। नव चयनित अभ्यर्थियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की सराहना की।
योग्यता बनी नियुक्ति का आधार
बरेली की लवी चौहान ने कहा कि हमें मेहनत का फल मिला है। सीएम योगी की वजह से ईमानदारी से भर्ती संभव हो सकी है। एक भी रुपए कहीं देने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं, बरेली की इजमा बी ने कहा कि पहली बार योग्यता के आधार पर इतनी बड़ी संख्या में नौकरी मिली है। वहीं प्रीति अपने खानदान की पहली सरकारी नौकरी पाने वाली युवती बन गई हैं। उन्होंने कहा, यह सब सीएम योगी की नीतियों की वजह से संभव हो पाया है।
घर-घर रोशनी, बेटियों को मिला सम्मान
फिरोजाबाद की नीति यादव और बरेली की राधा पाल ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब बेटियों को बराबरी का अवसर मिल रहा है। योगी सरकार की ईमानदार व्यवस्था से हजारों युवाओं के घरों में रोजगार का उजाला पहुंचा है। यह ऐतिहासिक भर्ती अभियान योगी सरकार की सुशासन और पारदर्शिता की मिसाल बनकर उभरा है। जहां एक ओर युवाओं को रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर लड़कियों को भी सम्मान और आत्मनिर्भरता की राह मिली।
अब मेहनत करने वालों को मिल रहीं नौकरियां
प्रयागराज के अनुराग शर्मा ने बताया कि पहले की सरकार के दौरान पैसे वालों को ही नौकरी मिलती थी, लेकिन अब मेहनत करने वालों को मौका मिल रहा है। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निष्पक्ष परीक्षा व्यवस्था का परिणाम है।
मुख्यमंत्री योगी की सख्त नीतियों के कारण ही मिला मौका
अमेठी के निवासी अखिलेश यादव ने बताया कि वे अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें सरकारी नौकरी मिली है। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नीतियों के कारण ही संभव हो पाया है।
’सरकारी नौकरी की पहली पीढ़ी’, सीएम योगी की ईमानदार भर्ती प्रणाली से बदली हजारों परिवारों की तकदीर
राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना स्थित डिफेंस एक्सपो ग्राउंड रविवार को एक ऐतिहासिक दृश्य का साक्षी बना, जब पहली बार राज्य में एक साथ 60,244 नवचयनित आरक्षियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इस विशाल नियुक्ति समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हजारों नव नियुक्त आरक्षियों की आंखें खुशी से नम थीं, क्योंकि इनमें से हजारों की संख्या में नियुक्त आरक्षी अपने-अपने परिवार की ‘पहली पीढ़ी के सरकारी कर्मचारी’ हैं।
किसान की बेटी बनी आरक्षी, बेटी से परिवार की शान बनी रोशनी
फिरोजाबाद जिले के हरदासपुर की रोशनी उन हजारों युवाओं में से एक हैं, जिन्होंने आज अपने परिवार की पहली सरकारी नौकरी का गौरव हासिल किया। रोशनी के पिता अमीर सिंह किसान हैं और मां मीरा देवी गृहणी। दो भाइयों की अकेली बहन रोशनी ने बताया कि हमारे परिवार में पहले कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं था। दादा-चाचा सभी खेती-किसानी करते हैं। आज मैंने नियुक्ति पत्र लिया, यह मेरे लिए गर्व का पल है। रोशनी ने योगी सरकार की पारदर्शी प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि फॉर्म भरने से लेकर चयन तक किसी को एक भी पैसा नहीं देना पड़ा।
बिना पैसे सरकारी नौकरी नहीं मिलती, आज यह धारणा टूट गई
इसी तरह बांदा के मरका गांव की प्रीति यादव ने भी अपने परिवार में पहली सरकारी नौकरी पाने का इतिहास रचा। प्रीति यादव ने जब अपने परिवार को बताया कि उनका चयन यूपी पुलिस में हो गया है, तो घर में जैसे त्योहार मन गया। प्रीति तीन भाइयों में अकेली बहन हैं और पहली सदस्य हैं जो सरकारी नौकरी में जा रही हैं। तीन भाइयों की अकेली बहन प्रीति के पिता दिनेश यादव प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां राजपति गृहणी हैं। मैं मुख्यमंत्री योगी जी को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने बिना किसी भ्रष्टाचार के यह मौका दिया। पहले लोग कहते थे कि बिना पैसे सरकारी नौकरी नहीं मिलती, लेकिन आज यह धारणा टूट गई।
‘अब प्रतिभा के आगे कोई भेदभाव नहीं टिकता’
देवरिया के आशीष गौतम की कहानी भी प्रेरणादायक है। दलित समुदाय से आने वाले आशीष के माता-पिता मजदूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार सीएम योगी को कहते सुना था कि अब भ्रष्टाचार नहीं होगा। मुख्यमंत्री योगी के भ्रष्टाचारमुक्त भर्ती के वादे पर भरोसा किया, उनके भरोसे पर मैंने मेहनत की और आज यूपी पुलिस में आरक्षी बन गया। आशीष ने बताया कि उनके परिवार में दो भाई और तीन बहनें हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में अब प्रतिभा के आगे कोई भेदभाव नहीं टिकता। अब वे ईमानदारी से नौकरी कर अपने परिवार की जिम्मेदारी संभालेंगे।
“अब खेत नहीं बिकेंगे”
देवरिया के ही हरिरामपुर गांव के राजकुमार यादव की आंखें खुशी से नम थीं। उनके पिता राम अधार यादव अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिता को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज पिताजी होते तो बहुत खुश होते। पांच भाइयों और तीन बहनों में चौथे नंबर के राजकुमार ने योगी सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की तारीफ की और कहा कि पहले कहा जाता था कि सरकारी नौकरी के लिए खेत तक बिक जाते हैं, लेकिन आज बिना एक पैसे दिए यह मौका मिला, यूपी में अब सरकारी नौकरी पाने में खेत नहीं बेचने होंगे। योगी सरकार प्रतिभा को सम्मान दे रही है।
रोजगार के साथ शिक्षा और सामाजिक बदलाव की नई कहानी लिख रही योगी सरकार
श्रावस्ती के अवधेश प्रसाद, महोबा के सुखदेव वर्मा, अमेठी के अखिलेश यादव जैसे हजारों युवा आज अपने चेहरे पर मुस्कान लिए नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे। इनमें से ज्यादातर अपने परिवार में पहली बार सरकारी नौकरी पाने वाले हैं। यह भर्ती न केवल रोजगार का अवसर दे रही है, बल्कि शिक्षा और सामाजिक बदलाव की नई कहानी भी लिख रही है। यह भर्ती ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प को साकार करती है।” इस प्रक्रिया में हाईटेक तकनीक का उपयोग, बायोमेट्रिक सत्यापन और सीसीटीवी निगरानी ने पारदर्शिता सुनिश्चित की। योगी सरकार की यह पहल न केवल युवाओं को रोजगार दे रही है, बल्कि उनके परिवारों की सामाजिक स्थिति को भी ऊंचा उठा रही है।
हजारों कहानियां, एक भरोसा – योगी सरकार की पारदर्शिता
श्रमिक, किसान, मजदूर और सीमांत वर्गों से आए हजारों युवाओं ने इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरी पुलिस भर्ती प्रक्रिया की ईमानदारी की प्रशंसा की। इन युवाओं की एक साझा बात यह रही कि कहीं किसी को न तो किसी नेता की सिफारिश की जरूरत पड़ी, न ही एक रुपया रिश्वत देना पड़ा।
यूपी में परिवर्तनकारी युग लेकर आया योगी जी का शासनकाल : अमित शाह