यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं: मोदी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी परिवार का नाम लिये बगैर जोरदार हमला करते हुये आज कहा कि यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं है।श्री मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे और नारेबाजी के बीच राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुये कहा कि यह देश सदियों पुराना है और जन जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ है। यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं है।
उन्होंने सवाल किया,“ देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से शर्मिंदा क्यों हैं। नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी हैं। इतने बड़े महान व्यक्ति के परिवार को यह मंजूर नहीं है और वे हम से हिसाब मांगते हैं। ”प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के लंबे शासन काल के दौरान निर्वाचित सरकारों को गिराये जाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि अनुच्छेद 356 का उपयोग कर देश में 90 बार सरकारें गिरायी गयी। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा करने वाले कौन थे।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तो अपने कार्यकाल में इसका 50 बार उपयोग किया था। केरल में वामपंथी सरकार को गिराया गया था। इसके साथ ही एमजीआर, एनटीआर और करूणानिधि जैसे दिग्गज राजनेताओं की सरकारें गिरायी गयी थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 में महाराष्ट्र में युवा नेता शरद पवार की सरकार गिरायी गयी थी। इसी प्रकार से वर्ष 2005 में झारखंड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत था लेकिन राज्यपाल ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनवा दी। यह कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हुआ था।
सदन में भोजनावकाश के बाद दो बजे जब कार्यवाही शुरू हुयी तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में व्यवस्था का मामला उठाना चाहा लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति नहीं दी। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री को वक्तव्य देने के लिए पुकारा। श्री मोदी जैसे ही भाषण देने के लिए खड़े हुये तो आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान विपक्ष के तमाम सदस्य अपनी सीट के निकट खड़े रहे।
प्रधानमंत्री के लगभग 85 मिनट के भाषण के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों की सदन में बीच में नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से भी मोदी मोदी के कई बार नारे लगाये गये।
सत्तापक्ष के शाेर-शराबे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
राज्यसभा में गुरुवार को सत्तापक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगभग आधे घंटे के लिए 4.30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।सभापति जगदीप धनखड़ ने भोजनावकाश के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण का धन्यवाद प्रस्ताव पारित कराने के पश्चात केंद्रीय बजट 2023 -24 पर चर्चा शुरु कराने के लिए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल का नाम पुकारा तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरु कर दी। इस हंगामे के बीच श्री गोहिल ने बोलने से इंकार कर दिया। कई बार उनका नाम पुकारे जाने और उनके खड़े होने के बावजूद सत्तापक्ष शोर गुल के कारण वह अपना वक्तव्य शुरु नहीं कर सके।
इसके बाद श्री धनखड़ ने चर्चा आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अरुण सिंह का नाम पुकारा तो उन्होंने अपना वक्तव्य आरंभ किया। इस बीच श्री गोहिल ने केंद्रीय बजट पर अपना वक्तव्य देने की इच्छा प्रकट की।श्री धनखड ने फिर से श्री गोहिल का नाम पुकारा तो भाजपा के नेता भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि श्री गोहिल को फिर से बोलने का अवसर देना नियमों के विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार यदि कोई सदस्य अपने नंबर पर नहीं बोलता है तो उसका नंबर सबसे बाद में आता है।
सभापति ने श्री यादव को सुनने के बाद श्री गोहिल को फिर से बाेलने की अनुमति दे दी। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति को देखते हुए श्री धनखड़ ने चार बजे सदन की कार्यवाही 4.30 बजे तक लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर दियेे जाने के दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते रहे।(वार्ता)