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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में सीईएल-ईएसडीएस ग्रीन डेटा सेंटर का किया शिलान्यास

सीईएल जैसे संस्थानों के माध्यम से ही नया भारत अपनी शक्ति, तकनीक और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहाः सीएम योगी .सीएम योगी ने नए ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर को पीएम मोदी के 2070 तक नेट ज़ीरो के संकल्प की ओर मजबूत कदम करार दिया .2027 तक उत्तर प्रदेश 20,000 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पन्न करेगा, जिसमें सीईएल की भूमिका प्रमुख होगीः सीएम .

  • डाटा सेंटर और ग्रीन एनर्जी में अग्रणी भूमिका निभा रहा सीईएलः योगी आदित्यनाथ
  • ब्रह्मोस और आकाश जैसी मिसाइल पाकिस्तान में टेस्टेड और दुनिया में ट्रस्टेडः मुख्यमंत्री योगी

गाजियाबाद । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भारत सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को गाजियाबाद के साहिबाबाद में सीईएल-ईएसडीएस ग्रीन डेटा सेंटर का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीईएल द्वारा विकसित हो रहे नए ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर पर प्रसन्नता जताई और कहा कि यह प्रधानमंत्री के 2070 तक नेट ज़ीरो के संकल्प की ओर एक मजबूत कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि 2027 तक उत्तर प्रदेश 20,000 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पन्न करेगा, जिसमें सीईएल की भूमिका प्रमुख होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीईएल की यात्रा को भारत के औद्योगिक पुनरुत्थान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के विकसित भारत विजन का प्रमुख स्तंभ बताया और कहा कि सीईएल जैसे संस्थानों के माध्यम से ही नया भारत अपनी शक्ति, तकनीक और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।

गाजियाबाद में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के स्वर्ण जयंती समारोह एवं डाटा सेंटर के शिलान्यास के अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजा अर्चना में हिस्सा लिया और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया जहां पर उन्हें डाटा सेंटर और इसकी कार्यप्रणाली के विषय में जानकारी दी गई। उन्होंने प्रांगण में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम में सीईएल की ओर से भारत सरकार को लगभग 21 करोड रुपए के लाभांश का चेक भी भेंट किया गया, जबकि सीईएल और मल्टी इंफ्रा के बीच 200 मेगावाट सोलर मॉड्यूलर के लिए एमओयू भी हस्तांतरित हुआ।

डिसइन्वेस्टमेंट से मिनी रत्न तक का सफर प्रेरणादायी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) की 50 वर्षों की यात्रा को एक सक्सेस स्टोरी बताते हुए कहा कि यह संस्थान अब ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है। सीईएल की स्वर्ण जयंती पर आयोजित समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ऐसा भी समय था जब अंधकार के बादल मंडरा रहे थे, सीईएल को डिसइनवेस्टमेंट की सूची में डाल दिया गया था। लेकिन आज वही सीईएल एक लाभ कमाने वाली मिनी रत्न कंपनी बन गई है और केंद्र सरकार को लाभांश का चेक सौंप चुकी है। यह परिवर्तन आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रेरणास्रोत है।

सीईएल की तकनीकी दक्षता और इनोवेशन दे रहे देश को मजबूती

मुख्यमंत्री ने सीईएल द्वारा रेलवे, रक्षा, अक्षय ऊर्जा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में किए गए नवाचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था की प्रौद्योगिकी और इनोवेशन देश को मजबूती दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीईएल द्वारा स्मार्ट क्लासरूम, सिग्नलिंग सिस्टम, रिन्यूएबल एनर्जी मॉड्यूल और डिफेंस उपकरणों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का पहला सोलर फोटोवोल्टिक माड्यूल सीईएल ने तैयार किया था और आज वह भारत का पहला ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर भी स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़े उपकरण भी सीईएल जैसे संस्थानों के सहयोग से ही बन रहे हैं। कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि ब्रह्मोस और आकाश जैसी मिसाइल का उपयोग हाल ही में पाकिस्तान पर किया गया। हम कह सकते हैं कि इन दोनों मिसाइलों की क्षमता को पाकिस्तान में टेस्टेड और दुनिया में ट्रस्टेड किया जा चुका है।

नया उत्तर प्रदेश, नया आत्मविश्वास

मुख्यमंत्री ने सीईएल के विकास को उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर से जोड़ा। उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था ढाई गुना बढ़ी है, 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है और अब निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में प्रदेश बीमारू की छवि से जूझ रहा था, लेकिन आज यह देश का ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में से 15 लाख करोड़ के निवेश को ग्राउंड ब्रेकिंग के जरिए प्रोडक्शन से जोड़ा गया है।

अमृत काल में यह समर्पण का समय

सीईएल की यात्रा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, आपका बचपन अच्छा था, जवानी में कुछ भटकाव आया, लेकिन अब आपका अमृत काल शुरू हो चुका है। यह आने वाले 25 वर्ष भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए समर्पण का समय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बार-बार यह संदेश देते हैं कि इंस्टीट्यूट्स को इंडस्ट्री से जोड़ना चाहिए और उत्तर प्रदेश के पास इसके लिए आईआईटी, आईआईएम, विश्वविद्यालय और केंद्रीय प्रयोगशालाओं के रूप में उत्कृष्ट संस्थान मौजूद हैं।

नोएडा में स्थापित होगा देश का पहला क्वांटम यूनिट: डॉ जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीईएल का अपना एक इतिहास है। इस संस्थान ने 1970 में पहले सोलर सेल को ईजाद किया था। आज 50 साल बाद अब यह ग्रीन डाटा सेंटर भी शुरू करने जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए आपका नाम इतिहास में दर्ज हो गया और मुझे खुशी है कि मेरे मंत्रालय के दो संस्थाओं ने भी उसमें अपना योगदान किया। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द हम नोएडा में आईआईटी के अंदर देश का पहला क्वांटम यूनिट स्थापित करेंगे। इसके साथ ही, लखनऊ के नजदीक बायोटेक्नोलॉजी पार्क स्थापित करेंगे और अगस्त में दो या तीन दिवसीय एक स्टार्टअप कॉन्क्लेव आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं।

इस अवसर पर भारत सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के आईटी मिनिस्टर सुनील कुमार शर्मा, राज्य मंत्री समाज कल्याण विभाग असीम अरुण और पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप मौजूद रहे।

डिजिटल इंडिया और ग्रीन इंडिया को मिलेगी मजबूती

सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) एक मिनी रत्न सीपीएसई है, जो भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के अंतर्गत कार्य करता है। सीईए के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक चेतन प्रकाश जैन ने बताया कि इस ग्रीन डेटा सेंटर को ऊर्जा की कम खपत करने वाला, पूरी तरह सुरक्षित और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार डिजाइन किया गया है। ईएसडीएस के साथ साझेदारी के माध्यम से सीईएल आधुनिक क्लाउड और डेटा सेंटर टेक्नोलॉजी को संवहनीयता के साथ जोड़ रहा है। यह केंद्र मॉड्यूलर PODs, स्मार्ट कूलिंग, रिफ्लेक्टिव रूफिंग, वर्षा जल संचयन और मल्टी-आईएसपी सपोर्ट जैसी सुविधाओं से युक्त होगा, जिसकी कुल क्षमता 30 मेगावाट है और प्रत्येक मंजिल पर 200 रैक तक विस्तार संभव होगा। ईएसडीएस की पेटेंट टेक्नोलॉजी और प्रबंधित सेवाएं इस केंद्र को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने में सहायक रही हैं। कंपनी के सीएमडी एवं सीईओ पीयूष सोमानी ने बताया कि यह डेटा सेंटर टियर III/TIA/अपटाइम मानकों के अनुरूप है और इसे हर फ्लोर पर 200 हाई-डेंसिटी रैक, 30 मेगावाट की क्षमता और 40 Gbps कनेक्टिविटी के लिए तैयार किया गया है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया और ग्रीन इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों को मजबूती प्रदान करेगी।

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