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मशरूम की खेती से किसानों को आत्मनिर्भर बना रही योगी सरकार

महिलाएं भी उतरीं मैदान में, मशरूम की खेती से गढ़ रहीं उद्यमिता के नए मानक.मथुरा की गीता देवी और हरदोई की सोनाली बनी समाज के लिए प्रेरणा.गीता देवी ने योगी सरकार के सहयोग से 1 करोड़ 61 लाख का प्रोजेक्ट शुरू किया.70 लाख का लोन लेकर ढाई साल पहले शुरू किया व्यवसाय, 25 लाख रुपए तक हर साल कमाई.किसानों को वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम.

  • प्रदेशभर में चलाया जा रहा विशेष अभियान, राजधानी समेत 08 जिलों में प्रॉफिटेबल बिजनेस ने पकड़ी रफ्तार
  • आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए किसान बन रहे धनवान

लखनऊ : योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार नये आयाम स्थापित कर रही है। अब सरकार की पहल पर मशरूम की खेती को बढ़ावा देकर प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। प्रदेशभर में इसके तहत विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें राजधानी लखनऊ समेत 08 जिलों में इस प्रॉफिटेबल बिजनेस ने रफ्तार भी पकड़ ली है। विशेष अभियान के तहत किसानों को मशरूम की खेती से जोड़कर न केवल रोजगार दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें तकनीकी व वैज्ञानिक खेती की ओर भी अग्रसर किया जा रहा है।

महिलाएं बनीं उद्यमिता की मिसाल

मशरूम की खेती केवल पुरुषों तक सीमित नहीं रही, अब महिलाएं भी इस क्षेत्र में मजबूती से कदम रख रही हैं। मथुरा की गीता देवी और हरदोई की सोनाली सभरवाल प्रदेश की महिलाओं के लिए नई प्रेरणा बन गई हैं। गीता देवी ने ढाई साल पहले मशरूम की खेती की शुरुआत की थी। उन्होंने योगी सरकार के सहयोग से 1 करोड़ 61 लाख रुपये के प्रोजेक्ट की नींव रखी। उन्हें 70 लाख रुपये का लोन मिला और आज मथुरा से लेकर आगरा व दिल्ली तक उनकी उगाई गई मशरूम की सप्लाई हो रही है।

हर साल 25 लाख रुपये तक की कमाई

गीता देवी के इस प्रोजेक्ट से उन्हें हर साल 20 से 25 लाख रुपये तक की आय हो रही है। वे न केवल आसपास के लोगों के लिए बल्कि अन्य जिलों की महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं। सोनाली सभरवाल ने भी हरदोई में मशरूम की खेती को एक मिशन के तौर पर अपनाया है और अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं।

इन आठ जिलों में हो रही लाखों की कमाई

लखनऊ, मथुरा, सहारनपुर, मिर्जापुर, जौनपुर, हरदोई, रायबरेली, भदोही

तकनीकी कृषि को मिल रहा बढ़ावा

राज्य सरकार तकनीकी और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए किसानों को संसाधन और सहयोग दे रही है। इन योजनाओं से किसान न केवल पारंपरिक खेती से आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि हाई प्रॉफिट वाले एग्री बिजनेस को भी अपना रहे हैं। एआईएफ के तहत लाभार्थी agriinfra.dac.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 3 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज सहायता प्रदान की जा रही है।

किसानों को दी जा रही तकनीकी जानकारी

मशरूम उत्पादन को लेकर किसानों को ट्रेनिंग, वर्कशॉप और फील्ड विजिट के जरिए पूरी तकनीकी जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञ टीमें किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए लगातार मार्गदर्शन कर रही हैं। इससे उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है। उत्तर प्रदेश में तकनीकी कृषि और महिलाओं की भागीदारी से अब खेती केवल जीविकोपार्जन का साधन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और समृद्धि का माध्यम बन चुकी है।

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