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यूक्रेन के राष्ट्रपति का दर्द: सब डर गए, हमें रूस से लड़ने को अकेला छोड़ा ,युद्धविराम की अपील

यूक्रेन संकट: हवाई रास्ते से भी लौटेंगे भारतीय, खर्च उठाएगी सरकार

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि हर कोई डर गया है और हमें (यूक्रेन को) रूस से लड़ने के लिए अकेले छोड़ दिया गया है। उन्होंने आत्मसमर्पण न करने और रूस से मुकाबला करने का संकल्प दोहराया है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दूसरे दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हमले में यूक्रेन के 137 लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर कोई रूस से डर रहा है। उनके देश को रूस से लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है। हमारे साथ लड़ने के लिए कोई नहीं खड़ा है। इसके बावजूद हम लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ेंगे। लगातार बढ़ रहे हमले के मद्देनजर यूक्रेन ने रूस के खिलाफ अपने देश के आम लोगों को भी युद्ध के मैदान में पहुंचने का निर्देश जारी कर दिया है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कल सेना भर्ती खोलने का एलान किया था। दूसरे दिन उन्होंने आम लोगों की सैनिकों के तौर पर तैनाती का आदेश देते हुए 18 से 60 वर्ष आयु के लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। रूसी चेतावनियों के बावजूद यूक्रेन के सैनिक आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं। एक द्वीप पर यूक्रेन के 13 सैनिकों ने रूसी सेना के आगे आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद रूसी युद्धपोत ने उन्हें मार दिया। इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के दो और एयरक्राफ्ट मार गिराए हैं। उसका दावा है कि अब तक रूस के सात एयरक्राफ्ट, छह हेलीकॉप्टर और 30 टैंकों को यूक्रेन की सेना द्वारा उड़ाया जा चुका है।

कीव घेराबंदी , यूक्रेन ने की युद्धविराम की अपील

यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के दूसरे दिन शुक्रवार को राजधानी कीव में हुई कई हमलों के बाद राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस से तुरंत युद्धविराम की अपील की।बीबीसी ने यूक्रेनी अधिकारियों के हवाले से बताया कि राजधानी पर रूसी सेना ने कई मिसाइलें दागीं। इस जोरदार हमले में कम से कम एक इमारत को नुकसान पहुंचा और मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि इस हमले में तीन लोग जख्मी हो गये।जेलेंस्की ने देश को दिये संदेश में रूस ने युद्धविराम की अपील की। उन्होंने पश्चिमी देशों से भी रूसी हमले को रोकने के लिए और कदम उठाये जाने की गुहार लगायी है।बीबीसी ने कीव में तड़के चार बजे हुए हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि कीव की ओर रूसी सेना के बढ़ने के दौरान पोजिंयाकी क्षेत्र में धमाके हुए ।

बीबीसी के रिपोर्टर ने ट्वीट किया “ कीव में दो छोटे धमाकों की आवाज सुनी गयी, फिलहाल यह बताना तो संभव नहीं है कि इसका क्या मतलब हैं लकिन अफवाह है कि रूसी सेना राजधानी में घुस गयी है। ”यूक्रेनी सेना की ओर से जारी बयान में बताया गया कि राजधानी कीव के बाहरी इलाकों दिमेर और इवांकीव में यूक्रेनी सेना रूसी सेना से माेर्चा ले रही है और यहां पर बड़ी संख्या में रूस की बख्तरबंद गाडियों का जमावड़ा है। यूक्रेनी सैन्य बलों के आधिकारिक फेसबुक पेज पर कहा गया “ राजधानी के पश्चिमोत्तम इलाके में घुसी रूसी सेना का मुकाबला किया जा रहा है।इससे पहले रूसी सेना को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए यूक्रेन की सेना ने तेतरिव नदी पर बने पुल को खुद ही ध्वस्त कर दिया था। राजधानी के बाहरी इलाके में हवाई क्षेत्र में रूसी सेना के साथ अब भी मुकाबला किया जा रहा है।

यूक्रेन संकट: हवाई रास्ते से भी लौटेंगे भारतीय, खर्च उठाएगी सरकार

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए केंद्र सरकार यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक सड़क मार्ग के अलावा हवाई रास्ते का भी इस्तेमाल करेगी। इस पर आने वाला पूरा खर्च भी भारत सरकार ही उठाएगी।यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां फंसे 18 हजार से अधिक भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए भारत सरकार लगातार प्रयासरत है। यूक्रेन की राजधानी कीव स्थिति भारतीय दूतावास ने भारतीय विद्यार्थियों से बातचीत भी की है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय नागरिकों और खासतौर से वहां पढ़ने गए विद्यार्थियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। इस बातचीत के बाद भारतीय विमानों के लिए आसपास के देशों तक हवाई क्षेत्र खुलने का रास्ता भी खुला है।

वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक एयर इंडिया यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए दो उड़ानों का संचालन करने की योजना बना रही है। सड़क मार्ग से यूक्रेन और रोमानिया की सीमा तक पहुंचे भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जाएंगे जहां से उन्हें एयर इंडिया की उड़ानों के जरिए वापस भारत लाया जाएगा। इस विमान यात्रा पर होने वाला खर्च भी सरकार वहन करेगी। इससे पहले भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के रास्ते दिल्ली लाने की योजना बनाई थी। इसके लिए इन देशों की यूक्रेन के साथ सटी सीमाओं पर विशेष भारतीय प्रतिनिधियों की तैनाती की गयी है।

हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के रास्ते दिल्ली आएंगे यूक्रेन में फंसे भारतीय

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां फंसे 18 हजार से अधिक भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों की राह पकड़ी है। अब यूक्रेन में फंसे भारतीयों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के रास्ते दिल्ली लाया जाएगा। इसके लिए इन देशों की यूक्रेन के साथ सटी सीमाओं पर विशेष भारतीय प्रतिनिधियों की तैनाती की गयी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन प्रतिनिधियों के नंबर भी यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद के लिए जारी किए हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद बिगड़ते हालात के मद्देनजर भारत सरकार लगातार अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के प्रयास कर रही है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की तरफ से सरकार की टीमों की जानकारी साझा की गई है, जो भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया में काम कर रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय नागरिकों और खासतौर से वहां पढ़ने गए विद्यार्थियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंत्रालय की टीमों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया में भारतीय दूतावास की टीमें यूक्रेन से सटी भूमि सीमाओं पर पहुंच रही हैं। यूक्रेन में सीमा पर मौजूद भारतीय नागरिक इन दलों से संपर्क कर सकते हैं। हंगरी-यूक्रेन सीमा पर एस रामजी (मोबाइल 36305199944, व्हाट्सएप 917395983990), अंकुर (मोबाइल एवं व्हाट्सएप 36308644597) और मोहित नागपाल (मोबाइल 36302286566, व्हाट्सएप 918950493059) से संपर्क किया जा सकता है। इसी तरह पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर पंकज गर्ग (मोबाइल 48660460814 व 48606700105), स्लोवाकिया-यूक्रेन सीमा पर मनोज कुमार (मोबाइव 421908025212) और इवान कोजिंरा (मोबाइल 421908458724), रोमानिया-यूक्रेन सीमा पर गौशुल अंसारी ( मोबाइल 40731347728), प्रियदर्शी (मोबाइल 40724382287), एंड्रा हैरिओनोव (मोबाइल 40763528454) और मारिअस सीमा (मोबाइल 40722220823) से संपर्क किया जा सकता है।

रूसी हमले से यूक्रेन के एक लाख लोग हुए विस्थापित

यूक्रेन पर रूस के हमले से एक लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। आसपास के देश इन विस्थापितों के लिए शिविर लगाकर उन्हें मदद कर रहे हैं। यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण कई अन्य देशों के नागरिक भी आसपास के देशों से अपने देशों को प्रस्थान कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र विस्थापना उच्चायोग ने विस्थापितों को लेकर पहल की है। उच्चायोग का मानना है कि यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से यूक्रेन के एक लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र विस्थापना उच्चायुक्त फ्लिपो ग्रांडी ने कहा कि युद्ध में कोई नहीं जीतता, बल्कि इससे प्रभावित लोग हारते हैं।

संयुक्त राष्ट्र विस्थापना उच्चायोग युद्ध प्रभावितों हर संभव मदद को तत्पर है। पड़ोसी देश मालदोवा ने विस्थापितों के लिए विशेष शिविर लगाए हैं। मालदोवा की राष्ट्रपति माइआ संदू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चार हजार लोग मालदोवा पहुंच चुके हैं। उनके लिए पैलेंका और ओक्निटा में शिविर लगाए गए हैं। इस बीच विश्व बैंक ने कहा है कि वह मौजूदा राजनीतिक और सैन्य संकट के बीच यूक्रेन को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने टोक्यो में अपने आधिकारिक आवास पर यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में रूस के खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा की। यूरोपीय संघ के नेता करीब छह घंटे चली बैठक के बाद रूस पर और आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने पर सहमत हो गए हैं। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन में रूस ने अभी तक अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल नहीं किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान पर चर्चा की। मैक्रों का कहना है कि उन्होंने पुतिन से सैन्य अभियान बंद करने की मांग की।न्यूज़ सोर्स वार्ता,(हि.स.).

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