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सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू की याचिका की खारिज

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर‌ दी।न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा कि याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।पीठ ने कहा कि अगर निचली अदालत द्वारा याचिकाकर्ता के दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर शीघ्र सुनवाई नहीं की जाती है तो वह सजा निलंबित करने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष नई याचिका दायर कर सकता है।

शीर्ष अदालत के राहत से इनकार के बाद आसाराम के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामथ ने पीठ से याचिका वापस लेने की गुहार लगाई, जिसे मंजूर कर लिया गया।आसाराम ने जुलाई 2022 के राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने उसे जमानत देने और सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी।आसाराम को 2013 में अगस्त में जोधपुर के मनाई गांव में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में 2018 में निचली अदालत ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

सजा के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां मामला लंबित है।इस बीच आसाराम ने 83 साल की उम्र, बीमारी और लंबे समय से (2013 से) जेल में बंद रहने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी यह याचिका भी खारिज कर दी थी। (वार्ता)

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