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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनेगा जिले के दक्षिणी हिस्से के तीव्र विकास का आधार

दक्षिणांचल में ही नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप की परिकल्पना को साकार कर रही योगी सरकार.धुरियापार में 5500 एकड़ में बन रहा इंडस्ट्रियल टाउनशिप, जारी है भूमि अधिग्रहण.

  • एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी से दक्षिणांचल का होगा कायाकल्प
  • अडानी समूह सहित कई बड़े निवेशक लगाएंगे औद्योगिक इकाई

गोरखपुर। जनपद के जिस दक्षिणांचल को सबसे पिछड़ा क्षेत्र मान लिया गया था, अब वह आगामी सालों में विकास और नई औद्योगिक पहचान की आभा से चहक उठेगा। दक्षिणांचल के कायाकल्प का आधार बनेगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 20 जून को लोकार्पित होने जा रहा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे। लिंक एक्सप्रेसवे की शानदार रोड कनेक्टिविटी के चलते योगी सरकार दक्षिणांचल के धुरियापार में नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप की परिकल्पना को साकार कर रही है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और देश की नामी कंपनियों को यहां उद्योग के लिए जमीन भी पसंद आने लगी है। अडानी सहित कई औद्योगिक घराने यहां निवेश के लिए तैयार हैं।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर को केंद्रित कर पूर्वी यूपी की औद्योगिक प्रगति की इबारत लिखने के लिए सुनहरा पन्ना बन रहा है। खासकर गोरखपुर के दक्षिणी हिस्से के लिए। गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित है धुरियापार क्षेत्र। इस इलाके की जो जमीन ऊसर थी, जिसपर कोई फसल मुश्किल से उगती थी, वहां योगी सरकार उद्योगों की फसल लगवाने को तत्पर है। इसके लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) द्वारा 5500 एकड़ में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को मूर्त रूप दिया जा रहा है। करीब डेढ़ दर्जन गांवों की अनुपजाऊ जमीनों के अधिग्रहण के सिलसिले में अब तक 600 एकड़ जमीन गीडा द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है। यह इंडस्ट्रियल टाउनशिप पूर्वांचल के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल लैंड बैंक वाली होगी। योगी सरकार की मंशा यहां बड़े उद्यगों का संजाल बिछाने के साथ इसे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित कर करने की है। इस इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बैक बोन का काम करेगा।

ऊसर धरती पर उद्योगों के जरिये रोजगार की भरपूर छांव मिले, योगी सरकार इसी फॉर्मूले के तहत ग्रेटर गीडा के रूप में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास कर रही है। मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल टाउनशिप धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगी। धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी। बीते आठ सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का रुझान गोरखपुर की तरफ देखते हुए सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है। औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार की बहार भी बहेगी।

गोरखपुर के दक्षिणांचल के औद्योगिक विकास को लेकर योगी सरकार काफी संजीदा है। धुरियापार में बनने के बाद से ही बंद पड़ी चीनी मिल के कुछ हिस्से में इंडियन ऑयल की तरफ से कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाया जा चुका है। इस प्लांट के बाद धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के मूर्त रूप में आने के बाद इस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा। इंडस्ट्रियल टाउनशिप में लगने वाले उद्योगों से करीब 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार सुलभ होगा। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए निवेश प्रस्ताव आने शुरू भी हो गए हैं। अडानी समूह ने एसीसी ब्रांड के सीमेंट प्लांट के लिए जमीन की मांग की है। श्री सीमेंट और केयान डिस्टिलरी ने भी नया प्लांट लगाने के लिए जमीन की मांग की है। इसके अलावा कई अन्य औद्योगिक समूह यहां निवेश में रुचि दिखाई है।

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