लिटिल फ्लावर हाऊस, वाराणसी के विद्यार्थियों ने पटाखों के पूर्ण बहिष्कार का लिया संकल्प
पटाखों के खिलाफ पिछले 11 वर्षों से अभियान चलाने संस्था ‘सत्या फाउंडेशन’ ने आज सोमवार को लिटिल फ्लावर हाऊस, ककरमत्ता, वाराणसी में पटाखों के पूर्ण बहिष्कार हेतु शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया। विद्यार्थियों ने संकल्प लिया कि वे दीपावली या किसी भी उत्सव-त्यौहार पर पटाखों का बिल्कुल प्रयोग नहीं करेंगे। सत्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित आज के इस शपथ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था के सचिव चेतन उपाध्याय ने विद्यार्थियों को पटाखों के दुष्परिणामों के बारे में बताया। बताया कि एक दिन के शौक के चलते पूरे 4 दिनों तक अस्थमा के मरीज छटपटाते रहते हैं और पटाखों के चलते हर साल सभी अस्पतालों के आई.सी.यू. और वार्ड फुल हो जाते हैं। जिस पटाखे के चलते इतनी अधिक तकलीफ और साल दर साल इतनी अधिक मौतें होती हैं, वह पटाखा किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। लिहाजा पटाखे को उत्सव से जोड़ने की भूल न करें।
पूर्वांचल के वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार पाण्डेय (गैलैक्सी हॉस्पिटल, वाराणसी) ने वैज्ञानिक तरीके से विद्यार्थियों को समझाया कि किस प्रकार से पटाखों के चलते अस्थमा और ह्रदय के मरीजों, नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, वृद्धों और यहां तक कि पालतू पशु पक्षियों को परेशानी होती है।
प्रधानाचार्या श्रीमती इंदु गुलाटी ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वे किसी भी पारिवारिक या सामाजिक उत्सव में पटाखों का बिल्कुल प्रयोग नहीं करेंगे। सभी ने यह भी शपथ ली कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए सरकार को पत्र लिखेंगे।