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शाह ने राष्ट्रीय तटीय पुलिस अकादमी परिसर का शिलान्यास किया

नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुजरात के द्वारका में 470 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय तटीय पुलिस अकादमी के स्थायी परिसर का शिलान्यास किया।इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।श्री शाह ने कहा कि विषम मौसम और भौगोलिक परिस्थिति में तटीय सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए 450 एकड़ से अधिक भूमि पर राष्ट्रीय तटीय पुलिस अकादमी बनाने की शुरूआत हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से देश और उसकी सीमाओं की सुरक्षा मज़बूत हुई है। श्री शाह ने कहा ,“ सीमा सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए ये ज़रूरी है कि हमारे सीमा प्रहरियों के रहने और काम करने की सुविधा में बढ़ोतरी हो, उनके परिवारजनों के स्वास्थ्य की चिंता सरकार करे और सुरक्षा के लिए उन्हें अत्याधुनिक ज़रूरी साधन मुहैया कराए जाएं। इन तीनों क्षेत्रों में मोदी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है और हमारे सुरक्षाबलों को सभी प्रकार की सुविधाएं देने का प्रयास किया है।’’

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में भारतीय नौसेना और मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो ने मिलकर खुफिया ऐजेंसियों के सहयोग से 12 हज़ार करोड़ रूपए की ड्रग केरल के समुद्री तट से पकड़ने का काम किया है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं होती उस देश में विकास के कोई मायने नहीं होते, सीमाओं की चाक-चौबंद सुरक्षा से ही देश सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहा कि भारत की 15000 किलोमीटर लंबी भूमि सीमा और 7516 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा है।

उन्होंने कहा कि 7516 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा में से 5422 किलोमीटर मुख्य भूमि की सीमा है और द्वीपों की 2000 किलोमीटर की सीमा है। इस 7516 किलोमीटर की समुद्री सीमा पर कुल मिलाकर समुद्र किनारे 1382 द्वीप समूह, 3337 तटीय गांव, 11 प्रमुख बंदरगाह, 241 गैर-प्रमुख बंदरगाह, अंतरिक्ष, रक्षा, परमाणु ऊर्जा , पेट्रोलियम, जहाजरानी आदि 135 प्रतिष्ठान हैं।

उन्होंने कहा,“ इन सबकी सुरक्षा करने वालों के लिए कोई विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद तटीय सीमाओं की सुरक्षा की ज़रूरत महसूस की गई कि एक ही प्रकार का जवाब हर तटीय पुलिस स्टेशन, हमारे सीमा की सुरक्षा करने वाले और कोस्ट गार्ड के जवानों से मिलना चाहिए।”

श्री शाह ने कहा,“ यह तभी हो सकता है जब एक सुनियोजित तरीके से तटीय सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय तटीय पुलिस अकादमी को मंजूरी दी और इसे श्री कृष्ण की नगरी में स्थापित करने का निर्णय किया गया। द्वारका का मतलब है देश का प्रवेश द्वार, उस समय भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा से यहां आकर इसे समुद्री सीमा से व्यापार का बड़ा केन्द्र बनाया था। आज मोदी जी की कल्पना से पूरे देश की तटीय सुरक्षा के प्रशिक्षण का काम श्री कृष्ण की भूमि ओखा में हो रहा है।”

श्री शाह ने कहा कि पूरे देश में तटीय पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग 12 हज़ार है और इस अकादमी के पूरी तरह परिचालन में आने के बाद यहां एक साल में 3,000 लोगों के प्रशिक्षण की व्यवस्था हो जाएगी। इस प्रकार चार साल में भारत की तटीय सुरक्षा करने वाले सभी कर्मियों की शत-प्रतिशत ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी।(वार्ता)

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