सात साल का सश्रम सजा
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) आरपी त्रिपाठी की अदालत नेकिशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने व उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में छितौना (चौबेपुर) निवासी अभियुक्त को दोषी पाने पर सात वर्ष के सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी वंदना श्रीवास्तव ने पैरवी की। अभियोजन के अनुसार वादिनी ने जंसा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा गया था कि उसकी 14 वर्षीय पुत्री चौखंडी (जंसा) में स्थित एक स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ती है। आरोप था कि 6 सितंबर 2017 को चौबेपुर के छितौना गांव निवासी उमेश उर्फ पेड़ा अपने साथी फरेस गोलू उर्फ अमरेश के साथ मिलकर उसे बहला-फुसलाकर एक सुनसान स्थान पर ले गए। वहां उमेश उर्फ पेड़ा ने उसके साथ दुष्कर्म किया। घर आने पर पुत्री ने उसे घटना की जानकारी दी, जिसके बाद वह रिश्तेदारों के साथ अभियुक्त के घर पहुंची और उसे पकड़कर जंसा थाने ले आयी और पुलिस को सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने पीड़िता के मेडिकल मुआयना कराने के बाद अभियुक्त उमेश उर्फ पेड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।