State

प्रधानमंत्री के विजन और संवेदनशीलता से पूर्वोत्तर विकास के केन्द्र में आया: शाह

नयी दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है पूर्वोत्तर क्षेत्र लंबे समय तक केन्द्र की सरकारों के लिए सिर्फ भाषणों का मुद्दा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने विज़न और संवेदनशीलता के साथ इस क्षेत्र को विकास के केन्द्र में लाकर खड़ा कर दिया जो समूचे पूर्वोत्तर के लिए युगांतकारी है।श्री शाह ने शनिवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पूर्वोत्तर परिषद की 72वीं पूर्ण बैठक को संबोधित किया।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में में पूरे पूर्वोत्तर के लिए पिछले 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा , “ प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार इस क्षेत्र को दुनिया के फोकस में लाकर खड़ा किया है, वह पूरे नॉर्थईस्ट के लिए युगांतकारी है।

लंबे समय तक यह क्षेत्र दिल्ली के लिए सिर्फ भाषणों का मुद्दा रहा था, लेकिन श्री मोदी ने अपने विज़न और संवेदनशीलता के साथ इस क्षेत्र को विकास केन्द्र में लाकर खड़ा कर दिया है।”उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में अभूतपूर्व ढांचागत विकास के कारण जहां दिल्ली से पूर्वोत्तर की भौगोलिक दूरी कम हुई ही है, वहीं प्रधानमंत्री ने दिलों की दूरी को भी कम करने का काम किया है।श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इस क्षेत्र को प्रमुखता दिये जाने से स्वाभाविक रूप से यह क्षेत्र पूरी केन्द्र सरकार की प्राथमिकता बन गया। आज पूर्वोत्तर अनेक प्रकार की विविधताओं के बावजूद निरंतर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले इस क्षेत्र के 200 से अधिक जनजातीय समूह और 195 से अधिक बोलियां और भाषाएं एक प्रकार से हमारी कमज़ोरी बनकर अलग-अलग तरह के विवादों का कारण बनी हुई थीं। लेकिन आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो उसी कमज़ोरी को मज़बूती और ताकत में बदलने का काम प्रधानमंत्री ने किया है।

उन्होंने कहा कि आज 200 से अधिक जनजातीय समूह अपनी सांस्कृतिक विविधता के कारण पूरी दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं और 195 से अधिक बोलियों और भाषाओं ने पूर्वोत्तर को विश्व के 36 बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट्स में से एक बनाने का काम किया है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सबसे महत्वपूर्ण काम पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने का किया है। पिछले 10 साल में अनेक शांति समझौते हुए हैं और लगभग 10 हजार 574 हथियारबंद युवा आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिससे पूर्वोत्तर में शांति आई है और विकास की नींव पड़ी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अष्टलक्ष्मी की अवधारणा को आज पूरा देश व दुनिया स्वीकार कर रही है।श्री शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने हमेशा पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है और पूर्वोत्तर के विकास की गति बढ़ाकर इस क्षेत्र को शेष भारत के बरारबर लाना मोदी सरकार का लक्ष्य है। मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर की संस्कृति को संरक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और पूर्वोत्तर की सबसे अधिक भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया है। अलग-अलग शांति समझौतों में भी केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर की अलग-अलग बोलियों को ताकत देने और संजोने के साथ ही प्राथमिक शिक्षा पूर्वोत्तर की भाषा में दिए जाने का आग्रह किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद ने पिछले 50 वर्षों में आकांक्षाओं, ज़रूरतों और चुनौतियों के संभावित समाधानों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच बनकर पूर्वोत्तर के विकास की भाग्यरेखा बनने का काम किया है। केन्द्र सरकार और पूर्वोत्तर के राज्यों की नीतियों के बीच सामंजस्य में इस परिषद की बहुत अहम भूमिका रही है, जिसके कारण विकास निचले स्तर तक पहुंचता है। परिषद ने विकास की योजनाएं तैयार करने, विभिन्न जनजातीय समूहों को विकास के साथ जोड़ने औऱ पूरे क्षेत्र को एक अलग दृष्टिकोण से देखकर पूर्वोत्तर के विकास को रेखांकित करने का काम किया है।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक ‘पॉज़िटिव इकोसिस्टम’ बनाने का काम कर लिया है और इसके आधार पर राज्यों और पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय को निवेश का इकोसिस्टम बेहतर बनाना होगा। कनेक्टिविटी अब समस्या नहीं है और विश्व के साथ कनेक्टिविटी भी समस्या नहीं रहेगी। बंगलादेश के बस्तियों के आदान प्रदान के बाद पूर्वोत्तर को दुनिया के साथ जोड़ने का हमारा लक्ष्य बहुत जल्द ही हासिल हो जाएगा। इससे पूर्वोत्तर में एक औद्योगिक इकोसिस्टम सुदृढ़ होगा और पूरी दुनिया का बाजार यहां पर निवेश करने वालों के लिए खुलेगा। इसके लिए हर राज्य को अपने प्रयास मजबूत करने होंगे। केन्द्र सरकार सभी निवेशकों को पूर्वोत्तर में निवेश के लिए प्रोत्साहित करती हैकेन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक रूप से पूरे पूर्वोत्तर में ऑर्गेनिक खेती होती है।

उन्होंने सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि भारत सरकार द्वारा गठित नेशनल कोपरेटिव आग्रेनिक्स लिमिटेड का उद्देश्य कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक खेती करने वाले सभी किसानों को इससे जोड़कर पैकेजिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है। सभी राज्यों को नेशनल कोपरेटिव के साथ समझौता करना चाहिए और अपने राज्य के किसानों को इसके साथ साथ जोड़ना चाहिए, जिससे उनके ऑर्गेनिक उत्पाद वैश्विक बाजार तक पहुंच सकेंगे। मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के हर राज्य में तीन और असम जैसे बड़े राज्य में हर जिले में एक ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है जिसके माध्यम से भूमि और कृषि उत्पाद, दोनों का विश्वसनीय ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन होगा।

उन्होंने कहा, “अमूल और भारत ब्रांड के माध्यम से हम दुनियाभर में हमारे उत्पादों को पहुंचा सकेंगे।”श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने सुरक्षा के क्षेत्र में बहुमुखी दृष्टिकोण अपनाया है और हर राज्य के लिए एक विशिष्ट रणनीति बनाकर पिछले 10 साल में हम आगे बढ़े हैं। इस रणनीति का ही परिणाम है कि पुलिस, सेना, असम राइफल्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने मिलकर एक बहुत अच्छी व्यवस्था स्थापित करने में सफलता पाई है।उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में पूर्वोत्तर में हिंसक घटनाओं में 71 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 86 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। लगभग 10574 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया है और कई शांति समझौतों के कारण पूरे पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने में भारत सरकार को सफलता मिली है।

उन्होंने कहा, “वर्षों तक हम आतंकवाद और हिंसा से जूझते रहे हैं तो सभी राज्यों की पुलिस का लक्ष्य ही हिंसा से मुक्ति पाने का रह गया था। अब जबकि पूर्वोत्तर में हिंसा लगभग समाप्त हो चुकी है, ऐसे में समय आ गया है कि क्षेत्र के हर नागरिक को संविधान प्रदत्त उसकी संपत्ति, सम्मान और परिवार के संरक्षण का अधिकार मिले, जो तीनों नये आपराधिक कानूनों में शामिल हैं। अब पुलिस की संस्कृति और दिशा बदलने का समय आ गया है। अब इस क्षेत्र में शांति है और हमारा ध्यान नागरिकों को उनके अधिकार मिलें, इस पर होना चाहिए।

”श्री शाह ने कहा “ पूर्वोत्तर के लिए प्रधानमंत्री की योजना का आवंटन लगभग 6600 करोड रुपए था, लेकिन जल्द ही इसे बढ़ाकर हम 9000 करोड़ रूपए कर देंगे। क्षेत्र के विकास के लिए सड़कें, विद्युत परियोजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, खेल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन परियोजनाएं मिलाकर लगभग 111 से ज्यादा परियोजनाएं हैं। वर्ष 2014 15 से पूर्वोत्तर के लिए हमारे बजट में 153 फीसदी की वृद्धि हुई है और बांस मिशन के माध्यम से पूरे पूर्वोत्तर को समृद्ध बनाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य हमने रखा है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि रेल कनेक्टिविटी के लिए 81000 करोड रुपए और सड़क कनेक्टिविटी के लिए 41000 करोड़ रूपए की योजनाएं अब तक बन चुकी है। अब तक 64 नए हवाई रूट शुरू किए गए हैं और बाकी बचा काम अगले 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा।श्री शाह ने कहा कि सिर्फ शांत और समृद्ध पूर्वोत्तर ही पर्याप्त नहीं है इसकी सांस्कृतिक विविधता, कला, साहित्य और भाषाओं की पहचान और इनके अस्तित्व को संजोकर रखना न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य राव सिंधिया, त्रिपुरा के राज्यपाल एन इंद्रसेना रेड्डी, मुख्यमंत्री प्रो (डॉ.) माणिक साहा और केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन उपस्थित थे। बैठक में अरुणाचल प्रदेश असम एवं मणिपुर, मेघालय मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम के राज्यपाल और अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मेघालय के सामुदायिक एवं ग्रामीण विकास मंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। (वार्ता)

जीन थैरिपी जीएसटी मुक्त, नमकीन पॉपकॉर्न पर पांच प्रतिशत लेकिन मीठे पर 18 प्रतिशज जीएसटी

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button