श्रीरामचरितमानस से मानव अपना जीवन बदल सकता है :सुधीरानंद महाराज
वाराणसी । चिंतामणि गणेश मंदिर के पूर्व महंत स्वर्गीय चल्ला कृष्ण शास्त्री जी महाराज की स्मृति में चिंतामणि गणेश मंदिर में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन शनिवार को श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता सुधीरानंद जी महाराज ने कहा कि कलयुग में श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित। श्रीरामचरितमानस सिर्फ एक पोथी या ग्रंथ नहीं है यह भगवान शंकर के मुखारविंद से निकले उनके मानस पटल में विद्यमान भगवान राम का वह चरित्र है जिसको गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है।
कलियुग में श्रीरामचरितमानस वह जहाज है जिसमें बैठकर हम अपने जीवन रूपी शरीर को पार करके भगवान के चरणों में अपनी रति लगा सकते हैं। श्रीरामचरितमानस में मानव के हर समस्या का समाधान समाहित है जो भी प्राणी श्रीरामचरितमानस में लिखी हुई बातों को अपने जीवन में उतार लेगा उसके घर में राम राज अपने आप चला आएगा। कलयुग का आधार है श्री रामचरितमानस ।
कथा के अंत में पोथी की आरती कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया। इसके पुर्व चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत चल्ला सुब्बाराव शास्त्री ने व्यास गादी का विधि विधान से पूजा नाचन कर कथा का शुभारंभ किया ।
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