![रेमल तूफान: कोलकाता हवाई अड्डा ने 21 घंटे के लिए सेवाएं कीं निलंबित](https://i0.wp.com/cmgtimes.com/wp-content/uploads/2024/05/news-1-5.jpg?fit=595%2C350&ssl=1)
रेमल तूफान: कोलकाता हवाई अड्डा ने 21 घंटे के लिए सेवाएं कीं निलंबित
चक्रवात रेमल: नौसेना मानवीय, आपदा राहत प्रदान करने को तैयार
कोलकाता : चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ (रे-मल के रूप में उच्चारित) के मद्देनजर तटीय पश्चिम बंगाल में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिसके चलते कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों, भारतीय रेलवे और नौका अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से या तो परिवहन सेवाएं रद्द कर दीं या निलंबित कर दीं।आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। कोलकाता हवाई अड्डा प्राधिकरण ने एक्स पर कहा, “कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर चक्रवात रेमल के प्रभाव को देखते हुए तेज हवा चलने और भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए 26 मई को अपराह्न 1200 बजे से 27 मई को सुबह नौ बजे तक उड़ान संचालन को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है।
”मौसम विभाग ने ताजा बुलेटिन में कहा, “बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान रेमल पिछले 06 घंटों के दौरान 06 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर की ओर बढ़ा और गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया। यह रविवार को सुबह साढ़े पांच बजे उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर 19.5 डिग्री अक्षांश और 89.3 डिग्री देशांतर खेपुपारा (बंगलादेश) से लगभग 290 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में, मोंगला (बंगलादेश) से 330 किमी दक्षिण में, सागर द्वीप समूह (पश्चिम बंगाल) से 270 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 390 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में ) और कैनिंग (पश्चिम बंगाल) से 310 किमी दक्षिण-दक्षिण- पूर्व में केंद्रित था।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एहतियात के तौर पर हावड़ा डिवीजन में ट्रेनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाएगा। चक्रवात पूर्व सावधानियों के तहत हावड़ा डिवीजन में कुछ ईएमयू लोकल को 25 मई और 26 मई को रद्द कर दिया गया है। जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है, उनमें हावड़ा से बंदेल खंड की 37273 अप, 37275 अप, 37281 अप, 37285 अप, 37291 अप और बंदेल से हावड़ा सेक्शन की 37272 डीएन, 37276 डीएन, 37280 डीएन, 37286 डीएन, 37288 डीएन, हावड़ा-सिंगुर-हावड़ा खंड की 37303 अप और 37304 डाउन शामिल हैं।यात्रियों से विभिन्न स्टेशनों पर सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से की गयी घोषणाओं का पालन करने का अनुरोध किया गया है। पश्चिम बंगाल आपदा प्रबंधन ने चक्रवात रेमल के पहुंचने से पहले एहतियाती उपायों के तहत समुद्र तट (दीघा) पर घोषणाएं जारी रखी हैं।
मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार भारत सेवाश्रम संघ ने दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में विद्यालयों और मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंगासागर द्वीप और सुंदरबन क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है। सांगा ने बिजली बाधित होने की स्थिति में सेवाएं देने के लिए जनरेटर भी स्थापित किए हैं।राज्य बिजली विभाग और सीईएससी ने एहतियाती उपायों के तौर पर बिजली वितरण निलंबित करने की पहले ही घोषणा कर दी है।भागीरथी के किनारे सभी घाटों पर नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और मछुआरों को नदियों और बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने के लिए नहीं जाने के लिए परामर्श दिया गया है।
चक्रवात रेमल: नौसेना मानवीय, आपदा राहत प्रदान करने को तैयार
नौसेना ने रेमल चक्रवात के मद्देनजर विश्वसनीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी है।नौसेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि रेमल चक्रवात के 26 और 27 मई की मध्यरात्रि को तट पार करने की आशंका है। नौसेना मुख्यालय में स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। साथ ही पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय की ओर से भी व्यापक तैयारी की जा रही है।रेमल चक्रवात के एक गंभीर चक्रवात में बदलने की आशंका है, जिसके सागर द्वीप, पश्चिम बंगाल और बंगलादेश के खेपुपारा के बीच टकराने का अनुमान है।
नौसेना ने प्रभावित आबादी की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर तथा चिकित्सा आपूर्ति से लैस दो जहाजों को तैयार किया है।इसके अलावा सी किंग और चेतक हेलिकॉप्टरों के साथ-साथ डोर्नियर विमान सहित नौसेना की विमानन इकाईयां त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं। त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोरी टीमों को कोलकाता में तैनात किया गया है।गोताखोरों की टीमें विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय पर रखी गई हैं।
एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ कम से कम दो बाढ़ राहत टीमें (एफआरटी) कोलकाता में तैनात की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त विशाखापत्तनम और चिल्का से दो-दो एफआरटी अल्प सूचना पर तैनाती के लिए तैयार हैं।नौसेना सतर्क है और रेमल के मद्देनजर तत्काल तथा प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।(वार्ता)