National

लद्दाख में चीनी सेना से मुकाबला करने वाले ITBP के 23 जवानों को स्वतंत्रता दिवस पर वीरता के लिए पुलिस पदक

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 23 कर्मियों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है। इनमें से 20 जवानों को मई-जून, 2020 में पूर्वी लद्दाख की झड़पों में बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया है।

आईटीबीपी को दिए गए सबसे अधिक वीरता पदक

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने शनिवार को बताया कि यह सीमा पर आमने-सामने की भीषण झड़पों, सीमा की रक्षा करने वाले कर्तव्यों में अपने जवानों की बहादुरी के लिए आईटीबीपी को दिए गए सबसे अधिक वीरता पदक हैं।
15 जून, 2020 को गलवान में आठ कर्मियों को वीरता, उच्च कोटि की रणनीति, सामरिक अंतर्दृष्टि और मातृभूमि की रक्षा के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है। 18 मई, 2020 को फिंगर चार क्षेत्र में झड़प के दौरान 6 कर्मियों को वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है। 18 मई, 2020 को लद्दाख में ही हॉट स्प्रिंग्स के पास वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए 6 कर्मियों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है।

इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करने के लिए तीन जवानों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है।

पीएमजी से सम्मानित (पूर्वी लद्दाख) जवानों के नाम

रिंकू थापा, द्वितीय कमान अधिकारी, शरत कुमार त्रिपाठी, डिप्टी कमांडेंट, अरबिंद कुमार महतो, सहायक कमांडेंट,नितिन कुमार इंस्पेक्टर, पाटिल सचिन मोहन, सब इंस्पेक्टर, मनीष कुमार, हेड कांस्टेबल, मनीष कुमार कांस्टेबल, कौप्पासामी एम, कांस्टेबल,अक्षय आहूजा, सहायक कमांडेंट, धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा, सहायक कमांडेंट, रवींद्र महाराणा, इंस्पेक्टर,शिव शंकर तिवारी, हेड कांस्टेबल, स्टैनजिन थिनल्स, कांस्टेबल, विनोद कुमार शर्मा, सिपाही, किशोर सिंह बिष्ट, कमांडेंट, पंकज श्रीवास्तव, सहायक कमांडेंट, घनश्याम साहू, इंस्पेक्टर, अशरफ अली, कांस्टेबल, मो. शफकत मीर, कांस्टेबल, रिगजिन दावा, कांस्टेबल।

जुलाई, 2018 माह में हुए नक्सल विरोधी अभियान के लिए रविंदर सिंह पुनिया, सहायक कमांडेंट, कुलदीप सिंह, इंस्पेक्टर और एस मुथु राजा।

आईटीबीपी जवानों की पीएलए के पत्थरबाजों को दिया कड़ा जवाब

पूर्वी लद्दाख में, आईटीबीपी के सैनिकों ने पीएलए के सैनिकों को जवाब दिया और उपकरणों और शील्ड का प्रभावशाली प्रयोग करते हुए और आमने-सामने की भीषण झड़पों के दौरान स्थिति को नियंत्रण में रखा। पेशेवर कौशल के उच्चतम क्रम के साथ आईटीबीपी के सैनिकों ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और घायल सैनिकों को भी सुरक्षित निकाला। यहां तक कि कई बार आईटीबीपी के जवानों ने पूरी रात लड़ाई लड़ी, और पीएलए के पत्थरबाजों को कड़ा जवाब दिया।

कहीं-कहीं उन्होंने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मध्य रात्रि में लगभग 17 से 20 घंटे तक दृढ़ प्रतिरोध किया। बर्फीली ऊंचाइयों पर हिमालय की तैनाती में बल के उच्च प्रशिक्षण और उत्तरजीविता के अनुभव के कारण, आईटीबीपी के सैनिकों ने पीएलए सैनिकों को प्रभावशाली ढंग से रोके रखा और आईटीबीपी सैनिकों की चौतरफा और मुंहतोड़ प्रतिक्रिया के कारण, कई मोर्चों की प्रभावी सुरक्षा की गई।

इन वीरता पदकों के अलावा, सितंबर, 2020 में पूर्वी लद्दाख में आईटीबीपी की तैनाती स्थलों पर आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल द्वारा 300 आईटीबीपी कर्मियों को पहले ही बहादुरी के लिए डीजी के प्रशस्ति पत्रों और प्रतीक चिन्हों से सम्मानित किया जा चुका है।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button