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हिरोशिमा में गांधी प्रतिमा का अनावरण, जापानी प्रधानमंत्री से भेंट की मोदी ने

हिरोशिमा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान में 77 वर्ष पहले परमाणु बम हमले का शिकार बने हिरोशिमा नगर में आज शांति एवं अहिंसा के दूत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया और जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की जिसमें द्विपक्षीय विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में नये कदम उठाने पर सहमति जतायी गयी।

श्री मोदी ने सुबह अपने पहले कार्यक्रम में प्रधान मंत्री के विशेष सलाहकार एवं संसद सदस्य नकातानी जेन, हिरोशिमा शहर के मेयर काज़ुमी मात्सुई, हिरोशिमा सिटी असेंबली के अध्यक्ष ततसुनोरी मोटानी, हिरोशिमा के सांसद और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों और जापान में महात्मा गांधी के अनुयायियों की मौजूदगी में मोतोयासु नदी से सटे, प्रतिष्ठित ए-बम डोम के करीब बापू की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया।

भारत सरकार द्वारा भारत और जापान के बीच दोस्ती और सद्भावना के प्रतीक के रूप में हिरोशिमा शहर को महात्मा गांधी की मूर्ति भेंट की गई है। 42 इंच लंबी कांस्य प्रतिमा को पद्मभूषण से सम्मानित मूर्तिकार राम वनजी सुतार ने तैयार किया है। इस स्थान पर हर दिन हजारों देशी विदेशी पर्यटक भ्रमण करने आते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार इस स्थान को शांति और अहिंसा के लिए एकजुटता के प्रतीक के रूप में चुना गया है।

प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम के बाद श्री मोदी ने प्रधानमंत्री श्री किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस वर्ष मार्च में श्री किशिदा की भारत यात्रा के बाद इस वर्ष यह उनकी दूसरी बैठक थी। श्री मोदी प्रधानमंत्री श्री किशिदा को इस वर्ष मार्च में भारत यात्रा के दौरान उपहार में दिए गए बोधि पौधे को हिरोशिमा में लगाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने श्री किशिदा को बताया कि भारत की संसद हर साल हिरोशिमा दिवस मनाती है और इस मौके पर हमेशा जापानी राजनयिक मौजूद रहते हैं।नेताओं ने द्विपक्षीय विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर सहमति व्यक्त की।

श्री मोदी और श्री किशिदा ने अपने-अपने जी-20 और जी-7 प्रेसीडेंसी के प्रयासों में तालमेल बिठाने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ की चिंताओं और प्राथमिकताओं को उजागर करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों नेताओं ने समकालीन क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने हिन्द प्रशांत में सहयोग को गहरा करने पर भी चर्चा की। शिक्षा, कौशल विकास, पर्यटन, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाईफ), हरित हाइड्रोजन, उच्च प्रौद्योगिकी, अर्धचालक और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों पर चर्चा हुई। आतंकवाद का मुकाबला करने और संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर भी चर्चा की गई।

द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रमुख जापानी हस्तियों डॉ. तोमियो मिज़ोकामी और सुश्री हिरोको ताकायामा से भी मुलाकात की। ओसाका विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ फॉरेन स्टडीज में प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. तोमियो मिज़ोकामी, एक प्रसिद्ध लेखक और भाषाविद हैं, और हिंदी और पंजाबी भाषाओं में कुशल हैं। उन्होंने जापान में हिंदी सीखने की नींव रखी। जापान में भारतीय साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए उन्हें 2018 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

हिरोशिमा में जन्मी सुश्री हिरोको ताकायामा एक पश्चिमी शैली की चित्रकार हैं, जिनकी रचनाएँ दो दशकों से अधिक समय तक भारत के साथ उनके गहरे जुड़ाव से प्रभावित हैं। उन्होंने भारत में कई कार्यशालाएं आयोजित की हैं और प्रदर्शनियां आयोजित की हैं, और संक्षेप में विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन में विजिटिंग प्रोफेसर थीं। उन्होंने प्रधानमंत्री को भगवान बुद्ध का एक तैल चित्र भेंट किया जिसे उन्होंने 2022 में बनाया है।

इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि इस तरह के संबंधों से हमारे देशों के बीच आपसी समझ, सम्मान और मजबूत बंधन बनाने में मदद मिलती है तथा इस तरह के समृद्ध आदान-प्रदान के अवसरों से भारत-जापान विशेष सामरिक एवं वैश्विक साझीदारी को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त होता है।

दक्षिण कोरिया, विएतनाम के नेताओं से माेदी ने की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां जी-7 के शिखर सम्मेलन के इतर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल तथा विएतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ द्विपक्षीय बैठकें की और परस्पर सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के उपायों पर चर्चा की।विदेश मंत्रालय के अनुसार श्री मोदी और दक्षिण कोरियाई नेता भारत – कोरिया गणराज्य विशेष सामरिक साझीदारी की प्रगति की समीक्षा की और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश, उच्च प्रौद्योगिकी, आईटी हार्डवेयर विनिर्माण, रक्षा, सेमीकंडक्टर विनिर्माण और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।

दोनों नेताओं ने माना कि दोनों देश इस वर्ष अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस मौके पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने की जरूरत है। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की और अपना समर्थन व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सितंबर में जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति यून को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।प्रधानमंत्री ने कोरिया गणराज्य की हिंद-प्रशांत रणनीति और इसमें भारत को दिए जाने वाले महत्व का स्वागत किया।

नेताओं ने क्षेत्रीय विकास पर सकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान भी किया।विएतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझीदारी में प्राप्त निरंतर प्रगति की सराहना की। वे उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने पर सहमत हुए। उन्होंने रक्षा के क्षेत्र में अवसरों, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों पर भी चर्चा की।

भारत एवं विएतनाम के नेताओं ने क्षेत्रीय विकास पर विचारों का सकारात्मक आदान-प्रदान किया। उन्होंने आसियान और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की। श्री मोदी ने प्रधानमंत्री चिन्ह को भारत की जी-20 अध्यक्षता और वैश्विक दक्षिण के दृष्टिकोण और चिंताओं को उजागर करने तथा भारत की अध्यक्षता में समूह की प्राथमिकताओं की भी चर्चा की।(वार्ता)

PM मोदी ने हिरोशिमा में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में जी 7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। इससे पहले आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जापान के हिरोशिमा में महात्मा गांधी की एक आदम कद प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि शांति के गांधीवादी आदर्श दुनिया भर में गूंजते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।मोदी ने एक ट्वीट में कहा, हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। हिरोशिमा में यह प्रतिमा एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश देती है। शांति और सद्भाव के गांधीवादी आदर्श विश्व स्तर पर गूंजते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।(वीएनएस )।

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