
श्रीनगर के नौगाम थाना में भीषण विस्फोट, 9 की मौत-26 से अधिक घायल
श्रीनगर के नौगाम थाना परिसर में देर रात हुए भीषण विस्फोट में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 26 से अधिक घायल हो गए। धमाका उस समय हुआ जब पुलिस और फोरेंसिक टीम हाल ही में ज़ब्त किए गए विस्फोटकों की सैंपलिंग कर रही थी। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि थाना भवन का एक हिस्सा ढह गया और आसपास खड़े कई वाहन जल उठे। मृतकों में पुलिसकर्मी और फोरेंसिक अधिकारी शामिल हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में इसे दुर्घटना माना गया है, हालांकि विस्तृत जांच टीम गठित कर दी गई है।
- ज़ब्त विस्फोटकों की सैंपलिंग के दौरान हादसा; थाना भवन क्षतिग्रस्त, कई वाहनों में आग
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के नौगाम थाना परिसर में शुक्रवार देर रात हुए भीषण विस्फोट में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 26 से अधिक लोग घायल हुए हैं। देर रात लगभग 11 बजकर 20 मिनट पर हुए इस धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया। हादसे के तुरंत बाद पुलिस, CRPF, दमकल और एंबुलेंस टीमें मौके पर पहुँचीं तथा बचाव अभियान पूरी रात जारी रहा।
भीषण धमाके से थाना परिसर तबाह
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार विस्फोट थाने में रखे गए हाल ही में ज़ब्त किए गए विस्फोटकों के परीक्षण के दौरान हुआ। फोरेंसिक टीम और पुलिसकर्मी ज़ब्त सामग्री का सैंपल लेने की प्रक्रिया में थे, तभी अचानक बड़ा धमाका हो गया। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि थाना भवन का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, आसपास खड़े कई वाहन जलकर राख हो गए और आग की लपटें कई मीटर ऊपर तक उठती देखी गईं। धमाके की आवाज़ 20 किलोमीटर दूर तक सुनी गई।घटना में मारे गए अधिकांश लोग पुलिस विभाग और फोरेंसिक टीम के सदस्य बताए जा रहे हैं। कई घायलों की हालत नाजुक है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
ज़ब्त विस्फोटक ही बना हादसे की वजह
पिछले दिनों नौगाम थाने ने जैश-ए-मोहम्मद द्वारा लगाए गए धमकीभरे पोस्टरों की जांच के दौरान एक बड़े अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इसी जांच में हरियाणा के फरीदाबाद इलाके से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री – अमोनियम नाइट्रेट सहित – ज़ब्त की गई थी। इन्हीं विस्फोटकों को परीक्षण के लिए थाने के खुले परिसर में रखा गया था। फोरेंसिक सैंपलिंग के दौरान विस्फोट कैसे हुआ, इसका पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच टीम गठित कर दी गई है।
आतंकी हमला नहीं: प्रारंभिक जांच
गृह मंत्रालय के प्रारंभिक बयान के अनुसार यह घटना दुर्घटना प्रतीत होती है और इसमें किसी आतंकी हमले के संकेत अब तक नहीं मिले हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने बताया कि घटना के समय टीम “सैंपल फॉरवर्डिंग प्रक्रिया” में थी। उन्होंने कहा कि “अभी किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी। विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।”
इलाके में सुरक्षा कड़ी, जांच तेज
रात से ही थाना परिसर को सील कर दिया गया है और NIA-स्तर के सुरक्षा मानकों के अनुसार फोरेंसिक टीमों को पुनः बुलाया गया है। आसपास के क्षेत्रों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है और स्थानीय लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। घटना के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि इतने बड़े विस्फोटक जखीरे को थाना परिसर जैसे भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में क्यों रखा गया, और इसे अधिक सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं भेजा गया था। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर “प्रोटोकॉल समीक्षा” की पुष्टि की है।
परिजन शोक में, मुआवजे की तैयारी
सरकार मृतकों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने पर विचार कर रही है। कई घायलों को SKIMS और SMHS अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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