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करोड़ों की परफ्यूम इंडस्ट्री छोड़ी, 10 हजार युवकों को नशे से दूर कर दिखाई सनातन की राह

श्री विद्या, स्वर विज्ञान, अग्निहोत्र और सांसों की साधना से पंजाब के युवकों को सिखाया गायत्री मंत्र.सीएम योगी की प्रेरणा से महाकुम्भ में बच्चों को सिखा रही स्वर योग साधना.

  • नशे के अंधकार से सनातन के प्रकाश तक बहुत प्रेरक रहा है स्वामी अनंता गिरी का सफर
  • 200 से ज्यादा नवयुवकों को भारत ही नहीं कनाडा, न्यूजीलैंड में कारोबार से जोड़ा
  • ड्रग्स एडिक्ट पति की मौत के बाद बदला जीवन, बिजनेस वूमेन से आध्यात्म की ओर किया रुख

महाकुम्भनगर : पंजाब के जालंधर की रहने वाली स्वामी अनंता गिरी ने अपने जीवन में गहरे दुख और संघर्षों का सामना करने के बाद आध्यात्मिकता की राह पकड़ी। उनके पति ड्रग्स की लत के शिकार थे, जिससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो गई थी। इस घटना ने स्वामी अनंता गिरी के जीवन की दिशा बदल दी और वे आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हो गईं। गुरु श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी चरणाश्रित गिरि जी महाराज से दीक्षा लेकर उन्होंने श्री विद्या साधना शुरू की, जिसमें हजारों मंत्र और उनके गहरे रहस्य छुपे हुए हैं। इस मार्ग पर चलने से पहले उन्होंने करोड़ों की परफ्यूम इंडस्ट्री छोड़ दी। इसके बाद 10 हजार से अधिक युवकों को नशे से दूर कर सनातन की राह दिखाई।

200 से ज्यादा नवयुवकों को कारोबार से जोड़ा

स्वामी अनंता गिरी ने नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं के लिए एक बड़ा अभियान चलाया। उन्होंने 10,000 से अधिक युवाओं को नशे से दूर कर उन्हें सनातन धर्म की ओर मोड़ा। उनके मार्गदर्शन में 200 से ज्यादा युवा न केवल भारत में बल्कि कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी सफलतापूर्वक व्यवसाय कर रहे हैं।

महाकुम्भ में स्वर योग का अद्भुत संगम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से स्वामी अनंता गिरी इस बार महाकुम्भ में स्वर योग के माध्यम से बच्चों को जागरूक कर रही हैं। वे बच्चों को गायत्री मंत्र, अग्निहोत्र, और स्वर विज्ञान के जरिए उनके भीतर छुपी ऊर्जा को जाग्रत करने का काम कर रही हैं। स्वर विज्ञान के अनुसार सांस के माध्यम से भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है और उन्हें नियंत्रित भी किया जा सकता है।

शिव-पार्वती से प्रेरित विद्या

स्वामी अनंता गिरी के अनुसार स्वर योग की यह विद्या भगवान शिव और माता पार्वती के संवादों से प्रेरित है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने स्वर विज्ञान का रहस्य माता पार्वती को बताया था। स्वामी अनंता गिरी इसी प्राचीन विद्या के माध्यम से युवाओं को आत्म-जागृति और मानसिक संतुलन की कला सिखा रही हैं।

विद्यालयों में आध्यात्मिक शिक्षा का विस्तार

स्वामी अनंतागिरी 5 से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष रूप काम करती हैं। उनके संस्थान के माध्यम से स्कूलों में मेडिटेशन, हवन, अग्निहोत्र जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे बच्चे अपनी जड़ों से जुड़ सकें।

स्वर योग पीठ ऋषिकेश से पूरे देश तक जाता संदेश

ऋषिकेश स्थित स्वर योग पीठ के माध्यम से स्वामी अनंता गिरी अपने आध्यात्मिक अभियानों का संचालन करती हैं। वे युवाओं को न केवल आध्यात्मिक ज्ञान देती हैं, बल्कि उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी देती हैं जैसे ड्राइविंग, पिज्जा बनाना, मोमोज बनाना समेत तमाम काम। जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही युवाओं को प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने के लिए वे नाड़ी विज्ञान भी सिखाती हैं। स्वामी अनंतागिरी का उद्देश्य नशा मुक्त समाज का निर्माण और युवाओं को उनके सनातन मूल्यों से जोड़ना है। महाकुम्भ पर उनका यह प्रयास न केवल युवाओं के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है।

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