नयी दिल्ली : देश भर में बाल विवाह खत्म करने और युवा लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान शुरू किया।केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित समारोह में इस अभियान का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस व्यापक अभियान का लक्ष्य बाल विवाह के खिलाफ समाज के हर तबके में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान में इस बुराई के खात्मे में साझीदारी और भागीदारी पर जोर दिया जाएगा। उन्होेंने कहा कि इसमें नागरिक समाज की प्रमुख भूमिका हाेगी।इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर और अन्य गणमान्य अधिकारी भी मौजूद थे।
श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल का भी उद्घाटन किया। इस पोर्टल पर नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की रिपोर्ट करने, शिकायत दर्ज करने और देश भर में बाल विवाह निषेध अधिकारियों (सीएमपीओ) के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी।श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिला सशक्तीकरण पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान का उद्देश्य बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करके सशक्त बनाना है। लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप सरकार लड़कियों की शिक्षा और सामाजिक सशक्तीकरण करने वाली पहलों को लागू कर रही है।उन्होंने कहा कि इस अभियान का शुभारंभ केवल एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह बाल विवाह को मिटाने और देश की हर बेटी को सशक्त बनाने का एक मिशन है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर लड़की शिक्षित, सुरक्षित और अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र हो।
श्रीमती सावित्री ठाकुर ने जागरूकता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार, अधिकारियों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।बाल विवाह को खत्म करने और हर लड़की की क्षमता को उजागर करने के लिए सरकार और समाज के बीच समन्वित प्रयास महत्वपूर्ण है।इस कार्यक्रम में पूरे देश लगभग 150 जिला कलेक्टर, जिला प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों, पंचायतों, स्कूलों और स्थानीय निकायों के अधिकारी शामिल हुए और 82,000 से ज़्यादा दर्शकों ने ऑनलाइन देखा। वेबकास्ट के ज़रिए बाल विवाह के ख़िलाफ़ शपथ ग्रहण समारोह में 50 लाख से ज़्यादा लोगों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया।राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के आंकड़े बताते हैं कि देश में 20 से 24 साल की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 वर्ष का होने से पहले ही हो गया।
बाल विवाह के खात्मे के लिए देश के 26 राज्यों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे सभी लोगों के लिए ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ को सही दिशा में उठाया गया एक बेहद दूरगामी कदम करार दिया है। उन्होंने कहा कि ‘जेआरसी’ एलायंस ने प्रभावी कानूनी हस्तक्षेपों और परिजनों को समझाने की रणनीति पर अमल करते हुए दो लाख 50 हजार से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं। उनका मानना है कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पंचायतों, धार्मिक नेताओं, सामुदायिक कार्यकर्ताओं और सामुदायिक नेताओं के साथ जमीनी स्तर पर उनके प्रयासों को और मजबूती देगा। (वार्ता)
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