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गोरखपुर एम्स में 44 करोड़ की लागत से बनेगा 500 की क्षमता का रैन बसेरा

एम्स आने वाले पूर्वी यूपी और सीमावर्ती बिहार के मरीजों-तीमारदारों को मिलेगी सहूलियत

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रैन बसेरे का सीएम योगी करेंगे शिलान्यास
  • 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों प्रस्तावित है भूमि पूजन

गोरखपुर । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में बनने जा रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रैन बसेरे का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। यहां पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के सौजन्य से 44 करोड़ रुपये की लागत से 500 लोगों की क्षमता का रैन बसेरा बनेगा। 18 अप्रैल को भूमि पूजन कर सीएम योगी इसके निर्माण का शुभारंभ करेंगे।

गोरखपुर शहर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों और सीमावर्ती बिहार तथा पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल के लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और कारोबार के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं। प्रतिदिन यहां बड़ी तादाद में ऐसे लोग आते हैं जिन्हें किन्हीं जरूरी कारणों से रात्रि प्रवास करना पड़ता है। रात्रि प्रवास करने वालों में सबसे अधिक संख्या इलाज के लिए आने वालों की होती है। ऐसे लोगों में आर्थिक रूप से कमजोर लोग रैन बसेरों में शरण लेते हैं।

मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ का जोर रैन बसेरों की संख्या/क्षमता बढ़ाने और वहां जरूरी सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर रहा है। इसके लिए समय-समय पर वह खुद कई रैन बसेरों का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा भी लेते हैं। वर्तमान समय में नगरीय क्षेत्र में 14 रैन बसेरे संचालित हैं जिनकी कुल क्षमता 667 लोगों की है। इनमें से 13 का संचालन नगर निगम और एक का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा किया जा रहा।

अब एम्स गोरखपुर में पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग की सीएसआर निधि से 500 लोगों की क्षमता का रैन बसेरा बनने जा रहा है। यह न केवल गोरखपुर का बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रैन बसेरा होगा। इसके निर्माण पर 44 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका शिलान्यास 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों प्रस्तावित है।

एम्स गोरखपुर की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन देश दीपक वर्मा के मुताबिक एम्स में आने वाले मरीजों और तीमारदारों की सहूलियत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही पूर्व में रैन बसेरे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। एम्स में रैन बसेरा बन जाने के बाद यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा।

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