बंगलादेश में मौजूद स्थिति को देखते हुए हम हार नहीं मान सकतेः जॉय
शेख हसीना को शरण देना सही, बांग्लादेश की नई सरकार के साथ भी न बिगड़ें रिश्ते : मणिशंकर अय्यर. नीदरलैंड के नेता ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की निंदा की
ढाका : बंगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पुत्र साजिब वाजेद जॉय ने कहा है कि बंगलादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए वे हार नहीं मान सकते, जहां उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं और उन्होंने अवामी लीग पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से उठ खड़े होने का आग्रह किया।गौरतलब है कि दो दिन पहले श्री जॉय ने मीडिया से कहा था कि उनकी मां शेख हसीना राजनीति में वापस नहीं आएंगी। उन्होंने बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में जॉय ने कहा कि बंगलादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए वे हार नहीं मान सकते, जहां उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं और उन्होंने अवामी लीग पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से उठ खड़े होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “वर्तमान में बंगलादेश में अराजक स्थिति है। पूरे देश में बर्बरता और लूटपाट हो रही है। हमारे अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है और कई शहरों के बाहर मारे गए हैं।उन्होंने कहा, “इस स्थिति में मैं कहना चाहता हूँ कि आवामी लीग बंगलादेश की सबसे पुरानी, लोकतांत्रिक और सबसे बड़ी पार्टी है। आवामी लीग खत्म नहीं हुई है। आवामी लीग ने बंगलादेश को आज़ाद किया है। आवामी लीग को खत्म करना संभव नहीं है। हमने कहा था कि हमारा परिवार अब राजनीति में शामिल नहीं होगा। हालाँकि, हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमलों को देखते हुए, हम हार नहीं मान सकते।”
शेख हसीना को शरण देना सही, बांग्लादेश की नई सरकार के साथ भी न बिगड़ें रिश्ते : मणिशंकर अय्यर
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण देकर भारत ने अपनी सांस्कृतिक परंपरा का निर्वाह किया है, लेकिन उनकी खातिर बांग्लादेश की नई सरकार से हमें अपने रिश्ते भी नहीं बिगाड़ने चाहिए।अय्यर ने मीडिया से बातचीत में कहा, मुझे खुशी है कि हिंदुस्तान ने उनका स्वागत किया है, और यह भी इशारा किया है कि जब तक कि वह खुद तय करती हैं कि वह कहां जाकर बसना चाहती हैं, तब तक उनका भारतवर्ष में स्वागत है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों में से हमारे देश के लिए सबसे बेहतरीन शेख हसीना ही रही हैं। उन्होंने कहा, “उनकी सोच बिल्कुल सेकुलर है। उन्होंने अपने देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के बचाव के लिए, उनकी प्रगति के लिए, उनको बड़े समाज में शामिल करने के लिए बहुत कुछ किया है, जो काबिल-ए-तारीफ है।कांग्रेस नेता ने कहा, लेकिन जो नई सरकार आ रही है बांग्लादेश में, हमें यह मानना चाहिए कि यह तय करना बांग्लादेश का हक है कि कौन सरकार चलाएगा। और जो भी आए उनके साथ अच्छे संबंध कायम करना हमारा फर्ज बनता है। ऐसा न हो कि हसीना की खातिर हम अपने रिश्ते बांग्लादेश के साथ बिगाड़ें।उन्होंने कहा कि शेख हसीना भारत की बहुत करीब की मित्र रही हैं, और आज उनके मुश्किल समय में भारत ने उन्हें शरण दी है। भारत हमेशा से शरण देता आया है, हमारी विरासत में यह है कि हमारे दोस्त जब दिक्कत में पड़ जाते हैं तो उनको भरोसा होना चाहिए कि उनको यहां भारत में शरण मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। हालात ऐसे हो गये कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह इस समय भारत में हैं। राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दी है। गुरुवार रात वहां नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण होना है।अय्यर ने कहा कि खबरें आ रही हैं कि बांग्लादेश के घटनाक्रम के पीछे शायद पाकिस्तान और अमेरिका का दखल रहा हो, लेकिन अब तक कोई पक्के सबूत नहीं हैं।भारत के दूसरे पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ वार्ता के बारे में उन्होंने ने कहा कि हमारे देश के अल्पसंख्यकों के लिए उसके साथ वार्ता जरूरी है। दुनिया में ऐसा लगना चाहिए कि जो देश विश्व गुरु बनना चाहता है वह अपने ही पड़ोस में जो उनके दुश्मन हैं, उनके साथ वार्तालाप करके मसलों का हल निकालने का प्रयास तो कर रहा है।
नीदरलैंड के नेता ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की निंदा की
नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुए हिंसा की निंदा की। उन्होंने इसे भयानक बताया और हिंसा को जल्द समाप्त करने का भी आह्वान किया। दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कुछ खास लोगों के एक वर्ग के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य से छात्रों के विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे।हिंसा के बीच ढाका में हिंदू समुदाय के दो नेताओं ने बताया कि हिंदुओं के कई मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। महिलाओं पर हमला किया गया। हसीना के देश से भागने के बाद हुई हिंसा में अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की मौत हो गई।
बंगलादेश के सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक कार्यवाही स्थगित
बंगलादेश के सुप्रीम कोर्ट के दोनों प्रभागों में सभी न्यायिक कार्यवाही अगले नोटिस तक स्थगित रहेंगी।‘द डेली स्टार’ ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि बंगलादेश के सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी ने सभी न्यायिक कार्यवाही को अगले नोटिस तक स्थगित करने से संबंधित एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बुधवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से परामर्श करने के बाद सभी न्यायिक कार्यों को स्थगित करने से संबंधित एक निर्देश जारी किया। निलंबन अगले नोटिस तक प्रभावी रहेगा।
बंगलादेशी सेना ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में यूनुस को पूर्ण समर्थन की घोषणा की
बंगलादेशी सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मां ने देश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के लिए सेना का पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है।श्री यूनुस के कुछ ही देर में बंगलादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने की संभावना है।डेली स्टार अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। अखबार ने बताया कि जनरल जमां बुधवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना, नौसेना और वायु सेना साथ मिलकर यूनुस का समर्थन करने के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा कि वह पहले ही प्रोफेसर से बात कर चुके हैं।
अखबार ने जनरल जमां के हवाले से कहा, “मुझे उनसे बात करके बहुत अच्छा लगा। मुझे ऐसा लगा कि वह इस काम को करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। मुझे यकीन है कि वह देश को लोकतंत्रिक प्रक्रिया की ओर ले जाने में सफल होंगे और इससे हमें फायदा होगा।” उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि श्री यूनुस को छात्रों और सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलेगा।गौरतलब है कि भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन द्वारा रविवार को अधिकारियों के साथ एक बहु-दिवसीय ‘असहयोग कार्रवाई’ की घोषणा के बाद पूरे बंगलादेश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। देखते ही देखते छात्रों, पुलिस और सरकार समर्थकों के बीच झड़पें दंगों में बदल गईं तथा 100 से अधिक लोगों की मौत हो गयी जिसके बाद बंगलादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश से चली गयीं।
गौरतलब है कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं बैंकर श्री यूनुस को लोगों के कल्याण के उद्देश्य से माइक्रोफाइनेंस की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह अभी ओलंपिक में भाग लेने और उपचार के लिए फ्रांस की यात्रा पर थे तथा आज ही स्वदेश लौटे हैं।
ढाका में पुलिसकर्मियों की गैर मौजूदगी में अराजकता का माहौल
बंगलादेश की राजधानी ढाका में पुलिस कर्मियों के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों से अराजकता और डकैती की घटनाएं सामने आ रही हैं वहीं निवासियों को रात भर निगरानी करनी पड़ रही है।डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार रात को ढाका के विभिन्न हिस्सों में पुलिस की अनुपस्थिति में डकैती की घटनाओं के कारण यहां के निवासी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी रात सड़कों पर रहे। उत्तरा, धानमंडी, मोहम्मदपुर, मीरपुर और ढाका के पुराने हिस्से के लोग पूरी रात जागते रहे और सुबह ही अपने घरों में लौटे। मीरपुर, पल्लबी, उत्तरा और मोहम्मदपुर के कुछ इलाकों में सेना के जवान भी सड़कों पर गश्त करते देखे गए, जबकि कई लोगों ने डकैती के दौरान पड़ोसियों से मदद मांगी।
बंगलादेश में बैंकों से एक लाख टका से अधिक नकद निकालने पर रोक
बंगलादेश के बैंकों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गुरुवार के लिए नकद निकासी की सीमा प्रति खाता 1,00,000 टका तक निर्धारित कर दी है, हालांकि ऑनलाइन लेनदेन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।अंग्रेजी दैनिक ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने गुरुवार को बताया कि नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण से पहले केंद्रीय बैंक ने आज एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बैंक से निकासी को प्रति खाता 1,00,000 टका तक सीमित करने की जानकारी दी गयी।
बंगलादेश में अल्पसंख्यक समुदाय हिन्दुओं पर हमले रुकने चाहिये: कृष्णमूर्ति
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि बंगलादेश की नयी अंतरिम सरकार गुरुवार को शपथ लेने की तैयारी कर रही है, जहां हिन्दू अल्पसंख्यक समुदाय पर होने वाली हिंसक घटनाएं रुकनी चाहिये।श्री कृष्णमूर्ति ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, “जैसा कि बंगलादेश में नयी अंतरिम सरकार को शपथ दिलाने की तैयारी चल रही है और मैं सभी सरकारी अधिकारियों, नए प्रशासन और पुलिस प्रमुख और बंगलादेश वासियों से देश भर में उभरी हिंसा को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करता हूं, जिसमें एक अल्पसंख्यक समुदाय पर लक्ष्य साधकर हमले भी शामिल है। देश के हिन्दू अल्पसंख्यक, उनके घर, व्यवसाय और उनके पूजा स्थल मंदिर पर की जाने वाली हिंसा रुकनी चाहिए और बंगलादेश के लोगों को एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने में बाधा डालने के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। मैं अमेरिकी विदेश विभाग के साथ समन्वय में बंगलादेश में विकास पर बारीकी से नजर रखना जारी रखूंगा।”वार्ता-वीएनएस