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कोरोना : 24 घंटे में 2.38 लाख मरीज, 310 की मौत,इलाज की गाइडलाइन बदली, कई दवाओं पर लगी रोक

12 से 14 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन पर अभी कोई फैसला नहीं

देश में पिछले 24 घंटे में 2.38 लाख से ज्यादा नये मामले सामने आने के बाद सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 17 लाख से अधिक होने के साथ इसकी दर 4.62 फीसदी हो गयी है।इस बीच सोमवार को देश में 79 लाख 91 हजार 230 कोविड टीके लगाये गये हैं और अब तक एक अरब 58 करोड़ 04 लाख 41 हजार 770 कोविड टीके दिये जा चुके हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार की सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश भर में 16 लाख 49 हजार 143 कोविड परीक्षण किए गये , जिनमें दो लाख 38 हजार 018 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी और कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर तीन करोड़ 76 लाख 18 हजार 271 हो गयी है। इसी दौरान 310 और मरीजों की मौत होने के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 4,86,761 हो गयी है।

इसी अवधि में 1,57,421 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या बढ़कर तीन करोड़ 53 लाख 94 हजार 882 हो गयी हैं।देश में रिकवरी दर घटकर 94.09 पर आ गयी है वहीं मृत्यु दर मामूली गिरावट के साथ 1.29 रह गयी है।दूसरी तरफ कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट से 27 राज्यों में अब तक 8891 व्यक्ति संक्रमित पाये गये हैं।महाराष्ट्र सक्रिय मामलों के हिसाब से देश में पहले स्थान पर है। पिछले 24 घंटों में यहां सक्रिय मामले 1995 बढ़कर 2,71,097 हो गये हैं जबकि 29092 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ ही कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 68,29,992 हो गयी है। वहीं 24 मरीजों की मौत हो गयी तथा इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,41,832 हो गयी है।सक्रिय मामलों में दूसरे स्थान पर कर्नाटक में इनकी संख्या 2,17,326 है। यहां 19,315 सक्रिय मामले बढ़े हैं। राज्य में 7825 मरीजों स्वस्थ हुए हैं जिन्हें मिलाकर 29,91,472 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। वहीं 14 और मरीजों की मौत हुई है तथा अब तक मृतकों की संख्या 38,445 हो गयी है।

नई दिल्ली । कोरोना के इलाज को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई है। इसमें मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटे जाने के साथ ही कई दवाओं के इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी गई है। नई गाइडलाइन में कहा गया है कि इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कोरोना के जिन मरीजों को आक्सीजन की जरूरत नहीं होती है उन्हें इंजेक्शन के जरिये स्टेरायड देना लाभकारी है। एम्स, आइसीएमआर- कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निगरानी समूह (डीजीएचएस) द्वारा ‘क्लीनिकल गाइडेंस फार मैनेजमेंट आफ एडल्ट कोविड-19 पेसेंट’ के नाम से संशोधित गाइडलाइंस जारी की गई है।

इसमें कहा गया है कि संक्रमण के प्रारंभिक चरण में या ज्यादा मात्रा में या जरूरत से अधिक समय तक स्टेरायड जैसी ताकत बढ़ाने वाली दवाओं के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस जैसे संक्रमण का खतरा रहता है। गाइडलाइंस के मुताबिक मध्यम स्तर के संक्रमण वाले मरीज को इंजेक्शन मिथाइलप्रेडनिसोलो 0.5 से एक एमडी प्रति केजी को दो समान डोज या इसके बराबर डेक्सामेथासोन की डोज आमतौर पर पांच से 10 दिन तक दी जा सकती है। गंभीर संक्रमण होने पर रोगी को यह दवा की एक से दो एमजी प्रति केजी को दो समान डोज में पांच से 10 दिन तक दिया जा सकता है। हल्के संक्रमण के मामले में बीमारी शुरू होने के पांच दिन बाद भी अगर बुखार रहता है और खांसी आती है तो बिडसोनाइड 800एसीजी की पांच दिन तक दो डोज ली जा सकती है। अगर खांसी दो से तीन हफ्ते तक लगातार बनी रहती है तो मरीज को टीबी यानी क्षयरोग या अन्य जांच करानी चाहिए।

मध्यम या गंभीर तरह के संक्रमण पर आपात स्थितियों में रेमडेसिविर देने की अनुसंशा की गई है, लेकिन यह दवा सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही दी जा सकती है और जो आक्सीजन पर नहीं हों। अगर किसी मरीज में संक्रमण के 24 से 48घंटे के भीतर ही गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं तो उसे तोसिलिजुमैब देने की अनुमति दी गई है। आइसीयू वाले मरीजों को भी यह दवा दी जा सकती है। सरकार की ओर से बदली गई नई गाइडलाइंस में संक्रमितों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें हल्का, मध्यम और गंभीर इंफेक्‍शन के रूप में मरीजों का वर्गीकरण किया गया है। नई गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि किसी भी श्रेणी के मरीजों के इलाज में एंटीवायरल दवा मोलनुपिराविर और मोनोक्लोनल एंडीबाडी काकटेल को शामिल नहीं किया गया है। समाचार एजंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा आइवरमेक्टिन, फेविपिराविर और डाक्सीसाइक्लिन जैसी दवाइयों को भी गाइडलाइंस से बाहर रखा गया है।

नई दिल्ली । देश में 12 से 14 साल तक के बच्चों का कोरोना रोधी टीकाकरण जल्द शुरू करने को लेकर केंद्र सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। देश में अभी 15 से 18 साल तक किशोरों व वयस्कों का टीकाकरण जारी है। 12-14 वर्ष के आयु वर्ग में अनुमानित आबादी 7.5 करोड़ है। इतनी ही आबादी उन किशोरों की है, जिनका टीकाकरण अभी चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही। सूत्रों ने कहा कि 12 से 14 साल तक के बच्चों के टीकाकरण पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। सोमवार को केंद्र सरकार के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप (NTAGI) के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने कहा था कि भारत में 12 से 14 साल के बच्चों का टीकाकरण मार्च में शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा था कि मार्च तक 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण पूरा हो जाने की उम्मीद है। ऐसे में अगले चरण में 12 से 14 साल तक के बच्चों को टीका लगाए जाने की उम्मीद है।

3.45 करोड़ किशोरों को लगे टीके

डॉक्टर अरोड़ा के मुताबिक देश में 15-18 आयु वर्ग के 7.5 करोड़ लोग हैं। इनमें से 3.45 करोड़ किशोरों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। चूंकि, किशोरों को कोवाक्सिन लगाई जा रही है, इसलिए 28 से 42 दिन के अंदर उन्हें टीके की दूसरी खुराक भी दे दी जाएगी। यानी 15-18 आयु वर्ग का वैक्सिनेशन मार्च तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद 12 से 14 साल वाले बच्चों का टीकाकरण पूरे जोर-शोर से शुरू किया जा सकेगा।

किशोरों को फरवरी में दूसरी खुराक

डॉ. अरोड़ा के अनुसार 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर टीकाकरण प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और टीकाकरण की इस गति को देखते हुए इस आयु वर्ग के बाकी लाभार्थियों को जनवरी के अंत तक पहली खुराक लग जाने की संभावना है और उसके बाद उनकी दूसरी खुराक फरवरी के अंत तक दिए जाने की उम्मीद है। अरोड़ा ने कहा कि 15-18 वर्ष के आयु वर्ग का टीकाकरण हो जाने के बाद, सरकार मार्च में 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने के बारे में नीतिगत फैसला कर सकती है।

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