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केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिरों के आस – पास ‘रील बनाने’ पर लगा प्रतिबंध

नई दिल्ली । चार धाम यात्रा 2024: उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार (16 मई) को भारी भीड़ के कारण महीने के बाकी दिनों में ‘चार धामों’ (चार तीर्थस्थलों) – केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री – में वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं देने का फैसला किया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उन्हें लिखे एक पत्र में कहा कि 31 मई (शुक्रवार) तक चार धामों में अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं होगी और हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफ़लाइन पंजीकरण 19 मई (रविवार) तक बंद रहेगा।

सोशल मीडिया के लिए रील बनाने पर रोक

उन्होंने कहा कि मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया रील बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। रतूड़ी ने कहा कि कुछ तीर्थयात्रियों द्वारा मंदिरों के परिसर में वीडियोग्राफी की जा रही है और रील बनाई जा रही है, जिसके कारण लोग एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं, जिससे असुविधा होती है।

चार धाम यात्रा

चार धाम यात्रा 10 मई (शुक्रवार) को शुरू हुई। तीर्थयात्रा के पहले छह दिनों में, बुधवार तक, भारत और विदेश से कम से कम 3,34,732 लोग पूजा-अर्चना करने के लिए तीर्थस्थलों पर आए हैं। यात्रा के लिए पंजीकरण 25 अप्रैल से शुरू हुआ था और गुरुवार शाम तक 27 लाख से अधिक श्रद्धालु इसके लिए पंजीकरण करा चुके थे।

श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

30 अप्रैल को अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे गए पहले पत्र के अनुसार, 25 मई तक मंदिरों में वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं दी जानी थी। यात्रा के लिए पूर्व पंजीकरण अनिवार्य है और भक्त केवल धामों में ही दर्शन कर सकते हैं। रतूड़ी ने कहा कि पंजीकरण के समय उन्हें तारीखें आवंटित की गईं। मुख्य सचिव ने कहा कि चिकित्सा इतिहास वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले अपना परीक्षण करवाना चाहिए और उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

चार धाम यात्रा की प्रासंगिकता

चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह यात्रा आम तौर पर अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक होती है। ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करना चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ तक जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है।यात्रा सड़क या हवाई मार्ग से पूरी की जा सकती है (हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं)। चार धाम यात्रा, या तीर्थयात्रा, चार पवित्र स्थलों- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा है। हिंदी में, ‘चर’ का अर्थ है चार और ‘धाम’ का अर्थ धार्मिक स्थलों से है।(वीएनएस)

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