Astrology & ReligionUP Live

शिव की त्रिशूल पर बसी काशी का एक और प्रतिरूप तैयार

"3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन" तकनीक से काशी का कण-कण दिखेगा, काशी के विकास का खाका खींचना होगा आसान .डिजिटल वर्चुअल में गलियों, गंगा, मंदिर व प्रमुख स्थानों समेत दिखेगी पूरी काशी .9 महीने में पूरा हुआ प्रोजेक्ट, 6 करोड़ रुपये हुए खर्च .

  • काशी के विकास, सुरक्षा और सुविधा के लिए देश में पहली बार किसी शहर का थ्री-डी प्रतिरूप बनाया गया
  • सरकार विभागों को दिला रही इस तकनीक की ट्रेनिंग, एयरक्राफ्ट, ड्रोन, गाड़ियों, गलियों में बैकपैक वॉकर्स आदि के जरिए हुई मैपिंग
  • “लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार)” तकनीक के माध्यम से किया गया “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” बनाए जाने का कार्य

वाराणसी : भगवान शिव की त्रिशूल पर बसी काशी का एक और प्रतिरूप दिखाई देगा। काशी के विकास, सुरक्षा और सुविधा के लिए देश में पहली बार किसी शहर का बड़े पैमाने पर थ्री-डी प्रतिरूप बनाया गया है। वर्चुअल काशी बनारस के सतत विकास की नई इबारत लिखेगी। इस तकनीक का नाम “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” है, जिससे गलियों, गंगा, मंदिर व प्रमुख स्थानों समेत पूरी काशी दिखेगी। थ्री-डी जीआईएस से काशी के विकास का खाका आसानी से खींचा जा सकेगा। शहर के विकास के लिए काम करने वाले सरकारी विभागों के एक क्लिक पर शहर का थ्री -डी मैप सामने होगा, जिससे विकास की योजना बनाना बेहद आसान होगा। सुरक्षा, सुविधा और नागरिकों का जीवन सुगम बनाने के लिए अर्बन जियो स्पेशल थ्रीडी ट्विन टेक्नोलॉजी मील का पत्थर साबित होगा। लगभग 6 करोड़ की लागत से हुए इस प्रोजेक्ट में 9 महीने का समय लगा है। योगी सरकार विभागों को इस तकनीक की ट्रेनिंग दे रही है, जिससे इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग जल्द शुरू हो सके।

काशी देश का पहला शहर बन गया है, जहां 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का थ्री-डी जीआईएस (360 डिग्री मैपिंग) की गई है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि वाराणसी नगर निगम क्षेत्र का “3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन” बनाए जाने का कार्य “लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार)” तकनीकी के माध्यम से किया गया है। इसमें लो फ्लाइंग एयरक्राफ्ट से हवाई सर्वे 23 घंटे से अधिक, सड़कों पर गाड़ियों से 1838 लाइन किलोमीटर और गलियों में बैकपैक वॉकर्स के जरिए 1055 लाइन किलोमीटर किया गया है। इसके अलावा ड्रोन का भी इस्तमाल किया गया है। इस आधुनिक तकनीक में काशी की धरोहर भी दिखेगी। इससे विकास की नई तस्वीर भी खींची जा सकेगी।

3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन के उपयोग और फायदे

3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन से काशी की इंच-इंच का हिसाब रखेगा। इस तकनीक का ग्राउंड रेज्युलेशन 4 सेंटीमीटर (4 सेमी के ऑब्जेक्ट देख सकते हैं)। गंगा में आने वाली बाढ़ के लेवल के मुताबिक पहले से ही 3-डी मैपिंग यह बता देगा कि बाढ़ से कौन-कौन से इलाके और इमारतें प्रभावित होंगी, जिससे प्रशासन पहले से ही सभी तैयारी कर लेगा। थ्री डी जीआईएस में गलियों से लगायत सड़कों और भवनों का सटीक माप है, जिससे विकास की योजनाओं से जुड़ा कोई भी विभाग इस 3-डी मैपिंग के जरिये किसी स्थान पर जगह की उपलब्धता, उपयोगिता कार्य की सुगमता आदि का आकलन कर सकता हैं।

योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ. संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 3-डी मैपिंग को रियल टाइम रिस्पांस के लिए भी उपयोग में लाया जाएगा। इससे प्रमुख लोकेशन के कैमरे जोड़े जाएंगे, जिससे क्राउड मैनेजमेंट, क्राइम कंट्रोल ,जाम और यातायात की मौजूदा स्थिति का भी आकलन किया जा सकेगा। नगर निगम, वाराणसी विकास प्राधिकरण और अन्य विभागों की पहले से चल रही जीआईए आधारित सुविधा से जोड़कर इसे और उपयोगी बनाया जाएगा। इससे वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज, जल प्रबंधन आदि कार्यों में मदद मिलेगी। आग लगने पर रेस्क्यू, विकास प्राधिकरण को भी योजना बनाने और अवैध निर्माण रोकने, निगरानी, एनओसी आदि देने में मदद मिलेगी। इसके अलावा तहसील स्तर से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button