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अमरमणि को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी कीसंपत्तियां कुर्क किए जाने के बस्ती जिला के सेशन कोर्ट के आदेश मामले में राहत नहीं दी है।इलाहाबाद ने आज की सुनवाई में बस्ती सेशन कोर्ट के आदेश पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है।गौरतलब है कि बस्ती की एमपी/ एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को फरार घोषित कर पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव गृह से उनकी संपत्तियों को जल्द से जल्द कुर्क किए जाने का आदेश दिया है। बस्ती की सेशन कोर्ट ने संपत्तियों को कुर्क किए जाने के आदेश पर अमल नहीं किए जाने पर नाराजगी भी जताई है।

बस्ती की स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ ही अमरमणि त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट इस मामले पर 15 मार्च को अगली सुनवाई करेगी।त्रिपाठी की इस याचिका पर आज हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान त्रिपाठी द्वारा दाखिल किए गए रिकार्ड और यूपी सरकार के हलफनामे में तारीखों पर अंतर देखने को मिला। इस पर हाईकोर्ट ने बस्ती की स्पेशल कोर्ट से आर्डर शीट के रिकॉर्ड सील बंद लिफाफे में पेश करने को कहा है।

उच्च न्यायालय में 15 मार्च को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। हालांकि आज की सुनवाई में अदालत ने स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाए जाने की अमरमणि त्रिपाठी की मांग को मंजूर नहीं किया। हाईकोर्ट ने इस मामले में आज कोई भी अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है।मामला व्यापारी के बेटे के अपहरण से जुड़ा है। छह दिसंबर 2001 को बस्ती के व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। पुलिस ने व्यापारी के बेटे को लखनऊ में अमरमणि त्रिपाठी के घर से बरामद किया था। इस मामले में अमरमणि समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था।

त्रिपाठी जेल से छूटने के बाद भी इस मामले में कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।निचली अदालत ने उन्हें फरार घोषित कर संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया। अमरमणि की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में निचली अदालत के कुर्की के आदेश पर रोक लगाए जाने और कोर्ट में सरेंडर करने पर उन्हें उसी दिन जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई गई थी। (वार्ता)

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